सोमवार, 8 सितंबर 2014

मोबाइल कंपनियां क्या टूजी घोटाले का नुकशान आम उपभोक्ता से वसूल रही है !!

मोबाइल कंपनियां क्या टूजी घोटाले का नुकशान आम उपभोक्ता से वसूल रही है या फिर सरकार द्वारा मोबाइल कंपनियों को खुली लूट की छुट दे दी गयी है ! अगर पिछले कुछ समय से मोबाइल कंपनियों द्वारा टूजी डाटा पैक की बढती हुयी कीमतों पर नजर डालें तो ऐसा ही कुछ नजर आ रहा है ! अगर आप दौ साल पहले के डाटा पैक और आज के डाटा पैक की तुलना करेंगे तो पायेंगे कि लगभग चारसौ प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की जा चुकी है और समयावधि में की गयी कटौती को जोड़कर हिसाब लगाया जाए तो यह बढ़ोतरी और भी ज्यादा हो जायेगी ! आखिर अचानक ऐसा क्या हो गया जो ये कंपनियां लगातार बढोतरी करती जा रही है !

आज से दौ साल पहले तक तमाम कंपनियों के टूजी डाटा पैक छियानवे रूपये से लेकर निनानवे रूपये तक के थे जिसमें दौ जीबी तक डाटा उपयोग में लेनें की सुविधा होती थी और समयावधि भी ३० दिन की होती थी ! आज उसी अठानवे रूपये के पैक पर ये कंपनियां ५०० एमबी डाटा उपयोग की सुविधा दे रही है और समयावधि २० दिन की दे रही है ! और आप अगर एक जीबी का पैक लेंगे तो आपको १५५ रूपये के आसपास पड़ेगा ! सरकारी कंपनी बीएसएनएल नें तो थ्रीजी के नाम पर टूजी डाटा पैक को ही खत्म कर दिया है और उसका थ्रीजी पैक आप लेंगे तो उसकी स्पीड वही मिलेगी जो पहले टूजी पैक के समय मिलती थी ! वैसे ये बढ़ोतरी का खेल लगातार जारी है ! कभी कीमतों में बढ़ोतरी की जाती है और कभी समयावधि में कमी कर दी जाती है लेकिन दोनों ही परिस्थितियों में नुकशान उपभोक्ता का ही होता है और फायदा कंपनियों को ही मिलता है !

क्या दौ साल के भीतर इन कंपनियों का संचालन खर्च बढ़ गया है जिसके कारण कंपनियां बढ़ोतरी करनें को मजबूर हो गयी ! इस पर यकीन नहीं किया जा सकता कि अचानक इनका संचालन खर्चा इतना बढ़ गया हो जिसके कारण ये कंपनियां आम उपभोक्ता के माथे पर बड़ा बोझ डाल रही है ! हाँ टूजी घोटाले में जो लाइसेंस रद्द हुए थे उसके कारण कुछ कंपनियों को उसका नुकशान उठाना पड़ा था लेकिन वो नुकशान इन कंपनियों द्वारा गैरकानूनी तरीके अपनाने के कारण उठाना पड़ा था और उसका संचालन खर्चे से कोई लेना देना नहीं था और वो नुकशान कंपनियों के माथे पर ही पड़ना चाहिए था ! 


ऐसा लगता है कि या तो इन कंपनियों को सरकार की तरफ से मनमानी करनें की छुट दे दी गयी है अथवा सरकारी उदासीनता का फायदा ये कंपनियां उठा रही हैं ! लेकिन कुछ भी हो आम उपभोक्ता तो इसका खामियाजा भुगत ही रहा है ! एक तरफ हमारे प्रधानमंत्रीजी इंटरनेट को घर घर तक पहुंचाने की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ ये कंपनियां लगातार कीमतें बढ़ाकर आम उपभोक्ता को इंटरनेट से दूर करनें की कोशिश में लगी हुयी हैं ! अगर इंटरनेट को आम उपभोक्ता की पहुँच में रखनें की सरकार की मंशा है तो सरकार को इन लगातार बढती कीमतों की तरफ ध्यान देना ही होगा !!


2 टिप्‍पणियां :

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

अभी सब कुछ बिना कण्ट्रोल भाव मिलेगा ! देखते जाइये !
जन्नत में जल प्रलय !

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

दरअसल बात कंट्रोल रेट अथवा रियायत की नहीं है , बात बेतहाशा बढ़ोतरी की है ! एक भी मोबाइल कम्पनी पहले भी घाटे में नहीं थी और आज भी नहीं है फिर आम उपभोक्ताओं पर ऐसा बोझ क्यों !!
सादर आभार !!