बुधवार, 9 जनवरी 2013

पाकिस्तान सुधरता नहीं और भारत है कि मानता नहीं !!

पकिस्तान को लेकर हमारी सरकारों का रवैया हमेशा ही ढुलमुल रहता है और वो किसी एक नीति पर नहीं चलती है ! कोई बड़ी घटना घटती है तो भारत सरकार अपना रवैया पाकिस्तान के प्रति कड़ा कर लेती है और पाकिस्तान पर दबाव बनाने कि कोशिश करती है लेकिन पाकिस्तान का रवैया भारत के प्रति एक ही रहता है ! वो अपने अड़ियल रुख पर कायम रहता है और वो दिखावे के लिए कुछ नरमी लाता है और भारत सरकार उसके जाल में फंसकर फिर से पाकिस्तान के प्रति अपने रुख को नरम कर लेती है ! जिसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ता है !!

पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है और हमारी सरकारें है कि हर समय ढुलमुल रवैया ही अपनाती रहती है  और भारत सरकार की यही नीति पाकिस्तान को सुधार तो नहीं पा रही है उल्टा उसका हौसला ही बढ़ा रही है जिसके कारण ही आज उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गयी कि उसकी सेना नें हमारे दो जवानों कि बर्बरता से गला काटकर हत्या कर दी वो भी हमारी सीमा घुसकर इससे बड़ी शर्म कि बात भारत के लिए क्या होनी चाहिए ! आखिर कब तक हमारी सरकारें पाकिस्तान के सुधरने का इन्तजार करती रहेगी और इसी तरह से हमारे जवानों और देश के लोगों कि जानें जाती रहेगी !


भारत शुरू से ही पाकिस्तान के प्रति अपने एक रुख पर कायम नहीं रह पाया है जब भी कोई बड़ी घटना घटती है तब तो भारत अपने सारे रिश्ते पाकिस्तान से तोड़ लेता है जो सही कदम होता है लेकिन जैसे ही कुछ समय गुजरता है तो पता नहीं भारत को क्या हो जाता है और वो क्यों पाकिस्तान के साथ गलबहियां डालने को आतुर हो उठता है जबकि इस समयावधि में पाकिस्तान का रुख नहीं बदलता है और वो अपने वहाँ बैठे भारत के अपराधियों पर कोई कारवाई नहीं करता है ! मुंबई हमले को लेकर भी भारत नें पाकिस्तान से सारे रिश्ते तोड़ लिए थे लेकिन सबको पता है कि पाकिस्तान नें मुंबई हमले के आरोपियों को ना तो अभी तक भारत को सौंपा है और ना ही अपने देश में कोई कारवाई की है उल्टा पाकिस्तान के गृहमंत्री ने पिछले दिनों अपने भारत दौरे के दौरान अपने बयानों से मुंबई हमले का किस तरह मजाक बनाया वो अलग से जिसका जिक्र मैंने अपने लेख ( ढुलमुल विदेशनीति ही पाकिस्तान का हौसला बढ़ा रही है !! ) में किया था ! 

पाकिस्तान कि तरफ से किसी भी तरह कि सकारात्मक पहल नहीं होती है लेकिन हमारी सरकारें है कि उसको दोस्त बनाने को आतुर हो उठती है और क्रिकेट से लेकर कूटनीति वार्ता तक सब कुछ पाकिस्तान के साथ शुरू कर देती है और इतिहास गवाह है कि भारत ने जब जब भी इस तरह का प्रयास किया है तब तब भारत को धोखा ही मिला है लेकिन क्या करें हमारी सरकारों को तो भूलने और इतिहास से सबक ना लेने कि बीमारी जो है ! और इस बार पाकिस्तान नें जो हरकत की है वो हमारी सहनशीलता से बाहर होनी चाहिए क्योंकि बहुत देख लिया अब और नहीं की सोच के साथ भारत सरकार को कदम उठाना चाहिए और पाकिस्तान से अपने रिश्ते पूरी तरह से खत्म कर देने चाहिए और तब तक जब तक कि पाकिस्तान अपने रवैये में सुधार नहीं ले आता है ! इसके लिए चाहे जितना वक्त लगे लेकिन भारत को अपने फैसले पर कायम रहना चाहिए !!

10 टिप्‍पणियां :

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

दृढ राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव का नतीजा है कि न देश की सड़कों पर इन्सान सुरक्षित है और न ही सीमाओं पर शांति

Vinay ने कहा…

Nice!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

यह सब कमजोर राजनितिक इच्छाशक्ति कि वजह से ही हो रहा है !

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

मैं इसतरह कहूंगा की पाकिस्तान के सुधरने की उम्मीद और अपनी असंवेदनशीलता दिखाने की बेवकूफी भारत कब तक करेगा ?

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

यही तो हमारी विफलता का कारण है !!

रविकर ने कहा…

पाकी दो सैनिक हते, इत नक्सल इक्कीस ।
रविकर इन पर रीस है, उन पर दारुण रीस ।
उन पर दारुण रीस, देह क्षत-विक्षत कर दी ।
सो के सत्ताधीश, गुजारे घर में सर्दी ।
बाह्य-व्यवस्था फेल, नहीं अन्दर भी बाकी ।
सीमोलंघन खेल, बाज नहिं आते पाकी ।।

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

शत- शत नमन वीरों को ....!!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सार्थक आलेख!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

ये घटना हमारे देश के नेताओं की कमजोर इक्छा शक्ति का नतीजा है,,,,

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