शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

सरकार की मंशा क्या शोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की है !!

भारत सरकार अपनें खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाना चाहती है और वो ऐसा हर बार करती भी आई है लेकिन वो अभी तक शोशल मीडिया की आवाज को दबाने में कामयाब नहीं हो पायी है और ऐसा नहीं है कि उसनें ऐसी कोई कोशिश पहले नहीं की है ! वो पहले भी आसाम हिंसा के समय भी साम्प्रदायिकता का बहाना बनाकर अपनें विरुद्ध चलनें वाले ट्विटर और फेसबुक पेजों को उस समय बंद करवा दिया था ! लेकिन वो एक ही बार उठाया गया कदम था लेकिन अब जो समाचार मिल रहें है उनके अनुसार सरकार शोशल मीडिया पर लगातार अंकुश बनाए रखने के लिए तैयारी कर रही है ! 

जो समाचार मिल रहें है उनके अनुसार सरकार प्रसारण मंत्रालय के अधीन न्यू मीडिया विंग  की स्थापना करने के लिए तैयार हो गयी है और उसके लिए शुरूआती बजट का प्रावधान भी कर दिया गया है ! यह न्यू मीडिया विंग का काम शोशल मीडिया में सरकारी कामों का प्रचार करना और शोशल मीडिया पर नजर रखना बताया जा रहा है ! लेकिन लगातार सरकार के मंत्रियों की शोशल मीडिया पर अंकुश लगाने जैसी सलाह देने वाले  बयानों के चलते सरकार के इस कदम पर सवाल उठना लाजमी है ! और सरकार के इस कदम को शोशल मीडिया को नियंत्रित करनें के तौर पर देखा जा रहा है !

और ऐसा सोचने के पीछे कारण भी मौजूद है क्योंकि जिस तरह से बाबा रामदेव,अन्ना हजारे जैसे आंदोलनों में शोशल मीडिया मुखर होकर उभरा है ! और सरकार शोशल मीडिया के सामनें लाचार और मजबूर हो गयी थी ! उन आंदोलनों के बाद भी सरकार के कार्यों को लेकर शोशल मीडिया में सरकार पर लगातार हमले होते रहें हैं और अभी भी हो रहे हैं ! और शोशल साइटें चला रही ये तमाम कम्पनियां विदेशी होनें के कारण सरकार इनको दबाव में लाकर मनमाने तरीके से दखलंदाजी भी नहीं कर पा रही है ! यही कारण है कि सरकार लगातार शोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की ख्वाहिशमंद रही है जो वो अब न्यू मीडिया विंग के जरिये करना चाह रही है !

बुधवार, 7 अगस्त 2013

भारतीय सताधिशों के रवैये के कारण ही पाकिस्तान का हौसला बढ़ा है !!

पाकिस्तानी सेना नें एक बार फिर अपना नापाक चेहरा दिखा दिया और हमारे पांच जवानों को रात के अँधेरे में घात लगाकर शहीद कर दिया ! उन जवानों को क्षोभपूर्ण दिल से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए में यह कहना चाहता हूँ कि आखिर हमारे देश के सत्ताधीश किस मिटटी के बनें हुए हैं जिनको कभी गुस्सा नहीं आता है ! पाकिस्तान हर बार अपनीं नापाक हरकतों को अंजाम दे जाता है ! हमारे सत्ताधीश बयान देकर अपनें कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं और फिर अपनीं तरफ से इकतरफा दोस्ती का राग अलापनें लगते हैं जबकि पाकिस्तान हमारे साथ दोस्ती चाहता ही नहीं है ! वो केवल विश्व समुदाय की आँखों में धुल झोंकने के लिए दोस्ती का नाटक करता है ! 

दरअसल पाकिस्तान का इतना हौसला नहीं है कि वो इस तरह से भारत से सीधी दुश्मनी मोल ले लेकिन उसको ये हौसला हमारे सत्ताधीश दे रहे हैं ! जो पाकिस्तान को कड़ा जबाब देनें की बजाय अपनीं नासमझियों के कारण उसके ही बचाव का रास्ता तैयार करते रहते हैं ! याद कीजिये और वैसे याद करनें की भी जरुरत नहीं है क्योंकि पाकिस्तान का दिया हुआ वो घाव हर भारतीय के सीनें में नासूर बनकर चुभ रहा है जब जनवरी महीनें में पाकिस्तान नें ऐसी ही हरकत की थी और हमारे दो जवानों को शहीद कर दिया था जिसमें शहीद हेमराज का तो सिर काटकर ही पाकिस्तानी सेना अपनें साथ ले गयी थी ! उसके बाद हमारे विदेशमंत्री ,रक्षामंत्री और प्रधानमंत्री नें पाकिस्तान के विरुद्ध कड़ी कारवाई का भरोसा देश को दिया था !

पिछली साल जब दिसम्बर के महीनें में पाकिस्तान के तत्कालीन गृहमंत्री रहमान मालिक भारत दौरे पर आये थे तब उन्होंने अपना अड़ियल रुख यहाँ भारत में ही दिखा दिया था लेकिन हमारे सत्ताधीशों के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ा था और तब भी मैनें उस दौरे का जिक्र करते हुए कहा था कि ढुलमुल विदेशनीति ही पाकिस्तान का हौसला बढ़ा रही है !! और उसी ढुलमुल नीति से बढे हौसलों का परिणाम ही था कि उसके अगले महीनें में ही उन्होंने अपनी नापाक हरकत कर दी और दो भारतीय जवानों को शहीद कर दिया !  उस समय भी मैनें भारत की दोस्ती की नियत पर ये कहते हुए सवाल उठाये थे कि पाकिस्तान सुधरता नहीं और भारत है कि मानता नहीं  है ! 

बुधवार, 22 मई 2013

सत्ता परिवर्तन से क्या पाकिस्तान की नियत बदल जायेगी !!

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन होनें पर क्या पाकिस्तान और भारत के रिश्तों में कोई सुधार आएगा और क्या पाकिस्तान बदल जाएगा ! भारत के हुक्मरानों की पाकिस्तान के प्रति गर्मजोशी देखकर तो ऐसा हि लगता है कि पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन होते ही भारत पाकिस्तान के रिश्तों में बहुत बड़ा बदलाव आ जाएगा ! भारतीय प्रधानमंत्री नें पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री के सत्ता सँभालने से पूर्व ही भारत आने का न्यौता तक दे डाला और भारतीय प्रधानमंत्री के न्यौते को तो औपचारिकता के तौर पर माना जा सकता है ! लेकिन अब तो बिहार के मुख्यमंत्री भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को बिहार आने का न्यौता दे रहें हैं ! अब भला उनसे कोई पूछे कि बिहार क्या भारत से अलग है और अगर बिहार भारत में ही है तो फिर उनको अलग न्यौता देनें की क्या जरुरत पड़ी ! लेकिन वोटबैंक की राजनीति जो ना करवाए वही कम है ! 

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन तो होता हि आया है ! और पाकिस्तान बनने के बाद से अब तक के भारत पाकिस्तान के रिश्तों पर नजर डालें तो यही पता चलता है कि पाकिस्तान में सता परिवर्तन का दोनों देशों के आपसी रिश्तों में किसी तरह का परिवर्तन होता नहीं है ! फिर हम इस बार इतने आशान्वित क्यों है ! और ऐसा भी नहीं है कि इस बार पाकिस्तान की सत्ता पर कोई ऐसा राजनेता बैठ रहा है जिससे भारत को किसी तरह की आशा दिखाई देती है ! पाकिस्तान की सत्ता पर इस बार भी वही नवाज शरीफ बैठ रहे हैं जिनके शासनकाल में पहले भी पाकिस्तान भारत को कारगिल युद्ध का घाव दे चूका है और हमनें अपने चार सौ से ज्यादा बहादुर सैनिकों की शहादत का बोझ पाकिस्तान के नापाक मनसूबे के चलते उठाया था ! फिर हम क्यों इतने आशान्वित हैं !

दरअसल हमारी सरकारों का पाकिस्तान को लेकर हमेशा हि ढुलमुल रवैया रहता है और हम रिश्ते सुधारने की ऐसी इकतरफा चाहत दिखाने लग जाते हैं जिसका परिणाम यह है कि पाकिस्तान यह समझ बैठा है कि कुछ भी होगा तो कुछ दिन भारत दिखावे का विरोध करेगा और फिर भूल जाएगा और वही हो रहा है ! अभी कुछ दिन हि नहीं गुजरे हैं जब पाकिस्तान नें हमारे दो सैनिकों के सर काट दिए थे और उसके बाद देश की जनता के गुस्से को देखते हुए हमारी सरकार नें कहा था कि अब पाकिस्तान के साथ रिश्ते सामान्य नहीं रह सकते लेकिन वो बात जबानी जमाखर्च के सिवाय नजर नहीं आई और उसके बाद सरबजीत वाला मामला हो गया लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान के नए प्रधानमन्त्री को भारत आने का न्यौता दिया जा रहा है उससे तो सन्देश यही जा रहा है कि हम वाकई गंभीर नहीं है !

रविवार, 10 मार्च 2013

दरगाह दीवान भी भारत सरकार से तो अच्छे हैं !!


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती कि दरगाह पर जियारत करने को लेकर की गयी यात्रा खासी विवादास्पद रही और पाकिस्तान नें भारत के साथ जिस तरह का व्यवहार किया और जिस तरह से पाकिस्तानी सेना के द्वारा दो भारतीय सैनिकों के बेरहमी से सिर काटकर उनको शहीद किया गया था और उस पर पाकिस्तान कि सरकार नें किसी तरह कि कोई कारवाई नहीं की ! उसके बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का भारत दौरे का विरोध होना अवश्यम्भावी था !

भारत सरकार का ढुलमुल रवैया हर बार की तरह इस बार भी दिखाई दिया और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का यह निजी दौरा होने के बावजूद भारतीय विदेश मंत्री का वहाँ जाना और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भोज में शामिल होना भारत सरकार के रवैये पर कई तरह के प्रश्नचिन्ह लगा रहा है ! अगर यह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का निजी दौरा था तो किसी भी भारतीय मंत्री को वहाँ जाने कि क्या आवश्यकता थी ! वो भी उस हालत में जब हर भारतवासी के सीने में पाकिस्तानी सेना द्वारा दिए गए घाव नासूर कि तरह चुभ रहें है !

बुधवार, 16 जनवरी 2013

पाकिस्तान को रास्ते पर लाने का युद्ध तो आखिरी रास्ता है !!

पाकिस्तानी सेना ने जिस तरह का व्यवहार भारतीय सेना के साथ किया उसके बाद कई लोगों द्वारा यह मांग की जा चुकी है कि भारत को हमला करके पाकिस्तान को जवाब देना चाहिए ! उनकी मांग सही है या नहीं यह अलग बात है लेकिन भारत सरकार ने तो अभी तक पाकिस्तान के प्रति कोई ऐसा कडा कदम नहीं उठाया है जिससे लगे कि भारत कड़े कदम उठाने जा रहा है या फिर पाकिस्तान को लगे कि भारत सरकार बहुत गुस्से में है !

भारत सरकार पाकिस्तान को यह सन्देश देने में अभी तक विफल रही है कि वो पाकिस्तान कि इस हरकत को किसी भी कीमत पर माफ करने को तैयार नहीं है क्योंकि पाकिस्तान नें भारतीय सैनिकों के साथ किये गए वहशियाना हरकत के बावजूद भी लगातार भारतीय सीमा पर संघर्षविराम का उलंघन कर रहा है ! इसके बावजूद भारत ने ना तो पाकिस्तान के साथ व्यापार,बस सेवा और रेल पर रोक लगाई है और ना ही अभी तक पाकिस्तान के साथ रिश्ते खतम करने कि कोई घोषणा कि है ! सीमा पर जो कुछ हुआ उसके बाद भारत अगर ये कदम शुरुआत में ही उठा लेता तो यह भारत की तरफ से पाकिस्तान को कड़ा सन्देश होता लेकिन भारत सरकार ने ऐसा नहीं किया !

पाकिस्तानी नागरिकों के भारत आने पर भी अस्थायी रूप से रोक लगा देनी चाहिए थी और उसके बाद भी अगर पाकिस्तान अपने अड़ियल रुख पर कायम रहता है तो भारतीय उच्चायुक्त को वापिस बुलाया जा सकता है और पाकिस्तान के उच्चायुक्त को वापिस भेजा जा सकता है ! इतना करके भी भारत पाकिस्तान पर दबाव बना सकता है ! लेकिन अभी तक भारत सरकार की तरफ से इस तरह का कोई कडा कदम नहीं उठाया गया है जिससे लगे कि भारत इस मामले में कड़ा है !!

शनिवार, 12 जनवरी 2013

शहीदों के प्रति बैरुखी क्यों दिखाती हैं सरकारें !!

हमारी सरकारें सैनिकों और शहीदों को क्यों नहीं गंभीरता से लेती है क्या इसलिए कि शहीद और सैनिक वोटबैंक नहीं है ! सरकारें संजीदा हो या नहीं हो लेकिन सरकार के इस रवैये ने हर हिन्दुस्तानी को शर्मसार कर दिया है ! शहीद हेमराज के परिवार वाले और उसके गांव वाले आज अनशन पर बैठे हैं ! अभी दो दिन नहीं हुयें हैं शहीद हेमराज के अंतिम संस्कार को और उन्होंने अनशन का रास्ता अख्तियार कर लिया लेकिन सरकारी बैरुखी के आगे और वे कर भी क्या सकते थे और इसके लिए उन्हें सरकारों कि बैरुखी ने मजबूर कर दिया !

क्यों एक वो परिवार सरकार के विरुद्ध अनशन का रास्ता अपना रहा है जिन्होंने अभी अभी अपना जवान बेटा खोया हो ! शहीद हेमराज का परिवार अनशन को क्यों मजबूर हो गया इसको जानना बेहद जरुरी है ! शहीद हेमराज के साथ जिस तरह कि बर्बरता पाकिस्तानी सैनिकों नें दिखाई उसके कारण परिवार का गुस्सा पाकिस्तान के खिलाफ तो था ही लेकिन हमारी सरकारों ने जिस बैरुखी का परिचय दिया वो उनके घावों पर नमक छिडकने जैसा था !

दोनों शहीदों के अंतिम संस्कार में केन्द्र सरकार की तरफ से किसी नें भाग लेने कि जरुरत ही नहीं समझी जो शहीदों के प्रति सरकार की उपेक्षा को दर्शाती है और शहीद सुधाकर सिंह के अंतिम संस्कार में तो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री नें हिस्सा लेकर कुछ हद तक बात संभाल ली ! लेकिन शहीद हेमराज के अंतिम संस्कार में तो उतरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी हिस्सा लेना उचित नहीं समझा जो हर देशवासी को बुरा लगा ! जिसका जिक्र मैंने अपनी पिछली पोस्ट (भारतीय ख़ुफ़िया तंत्र क्यों बार बार विफल हो जाता है !!) में किया था ! और इस तरह से केन्द्र और राज्य सरकार की बैरुखी नें शहीद हेमराज के परिवार को उदिग्न कर दिया !  

बुधवार, 9 जनवरी 2013

पाकिस्तान सुधरता नहीं और भारत है कि मानता नहीं !!

पकिस्तान को लेकर हमारी सरकारों का रवैया हमेशा ही ढुलमुल रहता है और वो किसी एक नीति पर नहीं चलती है ! कोई बड़ी घटना घटती है तो भारत सरकार अपना रवैया पाकिस्तान के प्रति कड़ा कर लेती है और पाकिस्तान पर दबाव बनाने कि कोशिश करती है लेकिन पाकिस्तान का रवैया भारत के प्रति एक ही रहता है ! वो अपने अड़ियल रुख पर कायम रहता है और वो दिखावे के लिए कुछ नरमी लाता है और भारत सरकार उसके जाल में फंसकर फिर से पाकिस्तान के प्रति अपने रुख को नरम कर लेती है ! जिसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ता है !!

पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है और हमारी सरकारें है कि हर समय ढुलमुल रवैया ही अपनाती रहती है  और भारत सरकार की यही नीति पाकिस्तान को सुधार तो नहीं पा रही है उल्टा उसका हौसला ही बढ़ा रही है जिसके कारण ही आज उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गयी कि उसकी सेना नें हमारे दो जवानों कि बर्बरता से गला काटकर हत्या कर दी वो भी हमारी सीमा घुसकर इससे बड़ी शर्म कि बात भारत के लिए क्या होनी चाहिए ! आखिर कब तक हमारी सरकारें पाकिस्तान के सुधरने का इन्तजार करती रहेगी और इसी तरह से हमारे जवानों और देश के लोगों कि जानें जाती रहेगी !