शुक्रवार, 10 अगस्त 2012

एक खतरनाक गठजोड़ !!

आज देश के हालात देखकर यही लगता है कि देश में भ्रष्ट राजनेताओं ,अफसरों ,मीडिया ,उधोगपतियों का एक ऐसा गठजोड़ बन चूका है जो देश को अपने स्वार्थों के हिसाब से चलाना चाहते है और जनता के हितों से खिलवाड करते है लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल यही है की इस गठजोड़ को तोड़ेगा कौन क्योंकि जांच करने वाली संस्थाएं तो खुद इस गठजोड़ का हिस्सा नजर आती है या फिर यूँ कहे की सब संस्थाओं को इस गठजोड़ ने अपने सांचे में ढाल लिया है !

इस गठजोड़ की शुरुआत आप भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों से हुयी लेकिन जल्दी ही उनको समझ में आ गया की अगर वो अकेले कुछ करेंगे तो ज्यादा दिन तक बच नहीं पाएंगे इसलिए फिर इन्होने भ्रष्ट नेताओं को अपनी तरफ मिलाया और भ्रस्टाचार को अंजाम देने लगे लेकिन इसमें पूंजी ज्यादा नहीं आ रही थी तो इस गठजोड़ में भ्रष्ट उधोगपतियों को भी हिस्सेदार बनाया गया ! इसके बाद देश को लूटना शुरू किया और मनमाने तरीके से इस देश के प्राकृतिक संसाधनों और सरकारी योजनाओं का पैसा ये लोग लुटते चले गए लेकिन मीडिया इनके लिए अभी भी एक बड़ा खतरा था क्योंकि वो इनके कारनामें उजागर कर रहा था तब मजबूर होकर इन लोगों ने कुछ मीडिया के लोगों को लालच देकर अपनी इस मण्डली में शामिल किया !

धीरे धीरे यह गठजोड़ मजबूत होता गया और आज हालात यह हो गए है कि जितने भी ईमानदार अफसर ,कर्मचारी,राजनेता और मीडिया के लोग है उन पर यह गठजोड़ भारी पड़ रहा है और सच्चाई सामने लाने पर उनको भी हर तरह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और इस गठजोड़ के खतम होने के आसार दूर दूर तक नजर नहीं आ रहें है हालात तो यह है कि जिस चुनाव प्रक्रिया द्वारा इस पर अंकुश लगाया जा सकता है वो खुद ही संदेह के दायरे में है इवीएम के बारे में कई शिकायते मिलने पर जब मामले को कुछ लोगों ने सुप्रीम कौर्ट का दरवाजा खटखटाया तो सुप्रीम कौर्ट ने मामला चुनाव आयोग के पाले में डाल दिया गया लेकिन चुनाव आयोग ने इस पर कोई सकारात्मक रवैया अपनाने की बजाय उस व्यक्ति को ही गिरप्तार करवा दिया जिसने यह सारा खेल बताया कि किस किस तरह से इवीएम में गडबडी की जा सकती है और इवीएम सुरक्षित नहीं है यह सुनकर ऐसा नहीं लगता कि कुछ सकारात्मक होगा ! फिर सवाल यही है कि क्या जनता के पास इनको सहन करने के अलावा क्या रास्ता है !

1 टिप्पणी :

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

जब तक पार्टि‍यों के बजाय व्‍यक्‍ति‍यों को वोट नहीं देंगे, यही चलेगा.