शनिवार, 18 अगस्त 2012

आसाम हिंसा के नाम पर मजहबी दंगे फैलाने कि साजिश !!

आसाम और म्यांमार हिंसा के नाम पर कुछ देशद्रोही ताकतें हिन्दुस्तान को मजहबी आग में झोंकने की कोशिश कर रही है और हर बार की तरह इनका मोहरा बन रहे है मुस्लिम धर्म के कुछ लोग !
जिस तरह से एक एक करके घटनाएं हो रही है वो किसी गहरी साजिश की और इशारा कर रही है मुंबई हो या लखनऊ सब जगह पर हिंसा फैलाने वाले पहले से ही तोड़फोड़ और आगजनी तथा लोगों पर हमले करने कि तैयारी के साथ आये थे और दोनों ही जगह पहले से जो मुस्लिम लोग एकत्रित थे उनमे उपद्रवी बाद में आकर मिले है और दोनों ही जगह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का सहारा लिया गया जिससे ये बात तो साफ़ है कि यह किसी साजिश के तहत हो रहा है और अगर हिंदू अभी तक शांत नहीं रहते तो ये देशद्रोही ताकतें अभी तक अपनी मंशा में कामयाब भी हो जाते !

वैसे ये खतरा अभी भी टला नहीं है और प्रशासन को अभी और सावधान होने कि जरुरत है और कुछ दिनों तक किसी भी प्रकार के धार्मिक विरोध प्रदर्शनों की अनुमति नहीं देनी चाहिए और अगर अनुमति दी भी जाती है तो इसमें आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखनी चाहिए तथा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने चाहिए ! साथ ही कोई अगर अशांति फैलाने की कोशिश करता हुआ पाया जाए तो उस पर सख्त कारवाई करनी चाहिए जिससे यह सन्देश जाए कि अशांति फैलाने वाले बच नहीं पायेंगे और लोग ऐसे लोगों के बहकावे में आने से पहले सोचेंगे वर्ना पुलिस का ढुलमुल रवैया अशांति फैलाने वालों के हौसले ही बढ़ा रहा है !

वैसे भी कल ईद का दिन है और मुस्लिम लोग सब जगह एकत्रित होकर नमाज अदा करेंगे और ऐसे मौके का फायदा उपद्रवी उठा सकते है और अशांति फैला सकते हैं और एक जगह कुछ भी होने से बाकी जगहों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है ऐसे में मुस्लिम समाज के जागरूक लोगों और प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ जाती है और उनको हरसंभव कोशिश करनी होगी जिससे किसी भी तरह की अप्रिय घटना होने से रोका जा सके और जो देशद्रोही ताकतें इस साजिश के पीछे है उनको भी बेनकाब किया जाना चाहिए !!

6 टिप्‍पणियां :

Shalini kaushik ने कहा…

ekdam sahi likha hai aapne.आजादी ,आन्दोलन और हम

कविता रावत ने कहा…

यह मजहबी आग जाने कितने निर्दोषों के घर जलाएगी ..

Sunil Kumar ने कहा…

सार्थक और जरुरी पोस्ट आँखें खोलने में सक्षम ....

Ankur Jain ने कहा…

इन दंगों और अफवाहों से कट्टरपंथी उन जिंदगियों को भी प्रभावित करते हैं..जो सुख चैन से अपनी ज़िंदगी बसर करती हैं....और इस माहौल और क्षेत्र से उसका कोई वास्ता नहीं है...सुंदर पोस्ट

प्रेम सरोवर ने कहा…

सुझाव है कि इस तरह के पोस्ट को वर्तमान में लिखना बंद करें। इस मुद्दे को नेताओं एव पत्रकारों के लिए छोड़ दें। कृपया इसे अन्यथा न लें। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

प्रेम सरोवर जी मेरे लेख में ऐसा कुछ नहीं है जो भावनाएं भडकाए हाँ मैंने इसमें विदेशी देशद्रोही ताकतों पर संदेह जरुर जाहिर किये थे और उन संदेहों पर अब तो भारत का गृह मंत्रालय भी मुहर लगा चूका है !