रविवार, 3 जुलाई 2022

कानुनपालिका की गरिमा को गिराने पर क्या कार्यवाही होगी !

 भारतीय जनमानस में कानुनपालिका को लेकर एक छवि बनी हुयी थी कि कानुनपालिका में बैठे जज गवाहों के बयान,सबूत और मामले की गंभीरता को देखते हुए फैसले करते हैं ! लेकिन अभी हाल ही में सुप्रीमकोर्ट के जज नें जिस तरह से मौखिक टिपण्णीयां करके नुपुर शर्मा की याचिका को वापिस लेनें के लिए मजबूर किया उससे कई गंभीर सवाल खड़े हो गए और भारत के लोगों में पहले से जो धारणा बनी हुयी थी उसको गहरा आघात लगा है ! कानुनपालिका का पूरा ढांचा लोगों के विश्वास पर ही टिका हुआ है और उस विश्वास पर जज की टिपण्णीयों नें गहरी चोट की है ! 

 

कानुनपालिका की गरिमा के कारण देश के लोग इसमें बैठे लोगों पर सवाल उठाने से बचते हैं लेकिन इन जज महोदय नें तो उसी गरिमा को गहरी चोट पहुँचाने का कार्य किया है और लोग पूरी कानुनपालिका को सवालों के घेरे में खड़े कर रहे हैं इस बात का संज्ञान लेकर चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया को लेकर कानुनपालिका की गरिमा को बचाने का कार्य करना चाहिए ! ऐसा नहीं है कि केवल इन्हीं जज महोदय नें कानुनपालिका की गरिमा को गिराने का कार्य किया है इससे पहले भी कई ऐसे मामले लोगों के बीच आये हैं जिनको लेकर लोग आज भी सवाल करते हैं ! आतंकी के लिए आधी रात को अदालत बिठाना हो या निचली अदालत में सलमान को मिली सजा के अगले आधे घंटे में हाईकोर्ट से जमानत मिलना हो जैसे कई मामले आज भी जनता के जहन में जिन्दा है और कानुनपालिका का जिक्र आते ही लोग इनका जिक्र कर बैठते हैं ! लेकिन इन जज महोदय नें जिस नुपुर शर्मा के मामले में बेवजह की निरर्थक टिप्पणीयां की उसका मामला अभी बेहद चर्चित मामला है और नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाले दौ लोगों की मुस्लिम कट्टरपंथियों नें गले काटकर निर्मम हत्या कर दी गयी ! लोगों की हत्याओं को लेकर देश पहले से उबल रहा था ऊपर से इन जज महोदय नें उन्हीं मुस्लिम कट्टरपंथियों को प्रोत्साहित करने वाली टिपण्णीयां करके देश के लोगों को हतोसाहित करने वाला कार्य किया !