लगातार पिछले दो सालों से हमारी सीमाओं में पडौसी देशों के बढते दुस्साहस नें हमारे देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं ! अब तो ऐसा लग रहा है कि देश रामभरोसे चल रहा है और हमारा देश बिना बाड़ के खेत के समान हो गया है जहाँ पर कोई भी मुहं उठाकर चला आ सकता है और आराम से वापिस भी जा सकता है ! कोई रोकने वाला नहीं कोई टोकने वाला नहीं जब मर्जी हो आये और जब मर्जी हो जाए !
पाकिस्तान नें अभी पिछले ही दिनों में हमारी सीमाओं में घुसकर दो बार हमारे जवानों की ह्त्या करके चला गया था और हम कुछ भी नहीं कर पाए और चीन हमारी सीमाओं में लगातार घुसता रहता है और तब भी हम कुछ नहीं कर पाते हैं और उल्टा उसके सैनिकों को वापिस भेजनें के लिए हम अपनीं सीमाओं में ही अपनें सैनिकों को पीछे लेनें की बेतुकी बात भी उसकी मान लेते हैं ! और अब तो पाकिस्तान और चीन के बाद नयी खबर के अनुसार मणिपुर में म्यांमार के सैनिक भी हमारी सीमाओं में घुसने का दुस्साहस कर चुके हैं ! जिस हिसाब से एक के बाद एक हमारे पडौसी देश हमारी सीमाओं का अतिक्रमण कर रहें हैं वो हमारे लिए गंभीर चुनौती पेश कर रहे हैं !
म्यांमार जैसा छोटा सा देश अपनें बूते इतना बड़ा दुस्साहस नहीं कर सकता कि उसके सैनिक ना केवल हमारी सीमाओं में आ जाये बल्कि हमारी सीमाओं में अस्थायी केम्प बनाने की मंशा भी पाल बैठे हैं ! चीन हमको चारों और से घेरने की रणनीति के तहत काम तो पिछले दस सालों से कर रहा था और इसके लिए उसनें हमारे पडौसी देशों के साथ ना केवल अच्छे संबध स्थापित किये बल्कि उसनें किसी ना किसी तरीके से अपनी उपस्थति भी इन देशों में दर्ज करवाई है ! श्रीलंका ,बांग्लादेश , म्यांमार ,पाकिस्तान जैसे देशों में उसनें कई तरह के निर्माण कार्य करने के बहाने अपनी उपस्थति को पुख्ता किया और इस बहाने इन देशों से अपने संबधों को प्रगाढ़ किया !