बुधवार, 20 फ़रवरी 2013

रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार सेना के आधुनिकीकरण में बाधक !!


हमारा देश भ्रष्टाचार के जिस दलदल में धंसता जा रहा है उससे अब तो डर लगने लगा है क्योंकि देश की रक्षा का दायित्व निभाने वाली सेना भी इससे बच नहीं पा रही है और सेना के लिए होने वाली हर रक्षा खरीद पर घोटाले की काली छाया मंडराती नजर आती है ! जिसके कारण हर रक्षा सौदा अधर में लटकता जाता है और उसका परिणाम यह होता है कि अत्याधुनिकीकरण कि बाट जोती सेना फिर खाली हाथ रह जाती है !

यह बड़े दुःख कि बात है कि हम आज तक अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए घरेलु तौर पर बहुत ज्यादा कुछ कर नहीं पायें हैं और जो भी रक्षा तकनिकी हम घरेलु स्तर पर अर्जित कर पा रहें हैं उसकी गति इतनी धीमी है कि वो हमारी सेना को जब मिलती है तब तक दूसरे देश हम से बहुत आगे निकल चुके होतें हैं और हमारी वो तकनिक दस से पन्द्रह साल पुरानी हो जाती है ! ऐसे में हमारे पास अपनी सेना के लिए रक्षा तकनिक से जुड़े साजो सामान विदेशों से खरीदने के सिवा कोई चारा नहीं रहता है लेकिन उस प्रक्रिया में भी इतना वक्त लगता है कि वो साजो सामान हमारे पास पहुँचता है तब तक वो तकनिक भी पुरानी हो जाती है और दूसरे देश हमसे आगे हि रहतें है और उस पर भी घोटाले कि मार पड़ जाए तो वो तकनिक हमारी सेना को मिल हि नहीं पाती है !