हमारी सरकार महिलाओं के साथ हो रहे दुराचार कि बढती घटनाओं पर रोक लगाने कि मंशा से जो कानून लेकर आ रही है उसको लेकर संशय कि स्थति बन रही है ! उसमें सजा के जो प्रावधान किये गये हैं उनको लेकर शायद हि किसीको आपति या संशय हो क्योंकि हर कोई चाहता है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सजा के कड़े प्रावधान होने चाहिए ताकि महिलाओं के साथ हो रही दुराचार कि घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके और ऐसी मांग तो लंबे समय से कि जा रही थी ! लेकिन सरकार नें जो सहमति से सम्भोग कि उम्र कि सीमा १८ से १६ साल निर्धारित कि है उसको लेकर संशय कि स्थति बन गयी है !
सहमति से सम्भोग कि जो उम्र निर्धारित की जा रही है उसके पीछे सरकार कि सोच यह है कि उन मामलों को बलात्कार कि सीमा से बाहर रखा जाए जिनमें लडकियां खुद अपनी मर्जी से संबध बनाती है और कई बार अपनी मर्जी से घर से भागकर शादी कर लेती है लेकिन कानूनन शादी और सम्भोग कि उम्र १८ साल होने के कारण उन लड़कों पर लड़की के घरवालों द्वारा बलात्कार का मामला दर्ज करवा दिया जाता है और लड़की के नाबालिग होने के कारण वो शादी वैध नहीं मानी जाती है और उन लड़कों को सजा भी हो जाती है ! अब सरकार सहमति से सम्भोग कि उम्र १६ साल तय करने जा रही है तो सरकार को दैर सवेर शादी कि उम्र भी घटाकर १६ साल हि करनी होगी वर्ना उन लड़कों पर बलात्कार का मामला भले हि ना चले लेकिन उनकी शादी तो तभी मान्य होगी ना जब शादी कि उम्र १६ साल होगी और अगर शादी कि उम्र १८ साल हि रहेगी और सहमति से सम्भोग कि उम्र १६ साल रहेगी तो दोनों बातों में भारी विरोधाभास हो जाएगा इसलिए मेरे हिसाब से अगर सरकार सहमति से सम्भोग कि उम्र १६ साल करती है तो उसको शादी कि उम्र घटानी हि होगी !
अभी इस कानूनी मसौदे को केवल मंत्रीमंडल कि मंजूरी मिली है और यह अभी मंजूर होना बाकी है इसलिए इसके पुरे प्रावधानों के बारे में जानने के बाद हि इस पर कोई राय कायम कि जा सकती है कि यह कानून महिलाओं के साथ हो रही दुराचार कि घटनाओं को रोक पाने में कितना कारगर होगा ! लेकिन सहमति से सम्भोग कि उम्र के बारे में आ रही मीडिया समाचारों से यह तो पता लग रहा है कि सरकार सहमति से सम्भोग कि उम्र १६ साल करने जा रही है ! ऐसा करने से पहले सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए था क्योंकि कहीं ऐसा करके कहीं खुद सरकार महिलाओं पर अत्याचार तो नहीं कर रही है !
में तो सरकार के इस फैसले को ना केवल मूर्खता भरा हि कहूँगा बल्कि ये भी चाहूँगा कि लोग इसका विरोध करे और इसको लागू हि नहीं होने दे ! मेरी समझ में यह नहीं आ रहा है कि हमारी सरकार को हो क्या गया है ! जहां एक और मांग कि जा रही थी कि जघन्य अपराध करने वाले नाबालिगों को कानून के दायरे में लाया जाए और उनको नाबालिग होने कि छुट ना मिल पाए लेकिन दूसरी और सरकार इस तरह के बेवकूफी भरे फैसले ले रही है जिनसे स्थति खराब हि होगी !
16 टिप्पणियां :
अट्ठारह से कम वयस, बल्ले बल्ले बोल ।
सोलह की लेगा पटा, विद्यालय में डोल ।
विद्यालय में डोल, पटा के मजा लूटता ।
अजमा ले गर जोर, नहीं कानून टूटता ।
मजनूं कालेज छोड़, इधर हो रहे इकट्ठा ।
विद्यालय का मोड़, रोज जाता अब पट्ठा ॥
बहुत सही कहा है आपने . आभार ''शालिनी''करवाए रु-ब-रु नर को उसका अक्स दिखाकर . .महिलाओं के लिए एक नयी सौगात WOMAN ABOUT MAN
अट्ठारह सोलह लड़े, भूला सतरह साल |
कम्प्रोमाइज करो झट, टालो तर्क बवाल |
टालो तर्क बवाल, आयु सतरह करवाओ |
करो नहीं अंधेर, सख्त कानून बनाओ |
फास्ट ट्रैक में केस, जड़ों पे डालो मठ्ठा |
नाशों पाप समूल, बिठा मत मंत्री भट्ठा ||
sarkar ka ek aur anuchit kadam-Mere vichar se
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवारीय चर्चा मंच पर ।।
आभार !!
सादर आभार !!
लग तो ऐसा हि रहा है अभी तक जो सरकार बालविवाह को रोकने के लिए जो तर्क दे रही थी अब उनका क्या होगा !!
बैटन में दम है हुजूर,सरकार का गलत कदम.
बहुत सुन्दर और प्रेरक पोस्ट!
साझा करने के लिए आभार!
सुन्दर एंव सोचने को विबश करती पोस्ट।
आपकी बात सौ प्रतिसत सही है.लेकिन सरकर बड़े बाप के बच्चों को यह सेक्स सब्सिडी दे रही है ,आप नहीं समझे ?
latest postउड़ान
teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "
आभार !!
आभार आदरणीय !!
आभार !!
आभार !!
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