शनिवार, 24 अगस्त 2013

हमारा देश बिना बाड़ के खेत जैसा हो गया हैं !!

लगातार पिछले दो सालों से हमारी सीमाओं में पडौसी देशों के बढते दुस्साहस नें हमारे देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं ! अब तो ऐसा लग रहा है कि देश रामभरोसे चल रहा है और हमारा देश बिना बाड़ के खेत के समान हो गया है जहाँ पर कोई भी मुहं उठाकर चला आ सकता है और आराम से वापिस भी जा सकता है ! कोई रोकने वाला नहीं कोई टोकने वाला नहीं जब मर्जी हो आये और जब मर्जी हो जाए !

पाकिस्तान नें अभी पिछले ही दिनों में हमारी सीमाओं में घुसकर दो बार हमारे जवानों की ह्त्या करके चला गया था और हम कुछ भी नहीं कर पाए और चीन हमारी सीमाओं में लगातार घुसता रहता है और तब भी हम कुछ नहीं कर पाते हैं और उल्टा उसके सैनिकों को वापिस भेजनें के लिए हम अपनीं सीमाओं में ही अपनें सैनिकों को पीछे लेनें की बेतुकी बात भी उसकी मान लेते हैं ! और अब तो पाकिस्तान और चीन के बाद नयी खबर के अनुसार मणिपुर में म्यांमार के सैनिक भी हमारी सीमाओं में घुसने का दुस्साहस कर चुके हैं ! जिस हिसाब से एक के बाद एक हमारे पडौसी देश हमारी सीमाओं का अतिक्रमण कर रहें हैं वो हमारे लिए गंभीर चुनौती पेश कर रहे हैं !

म्यांमार जैसा छोटा सा देश अपनें बूते इतना बड़ा दुस्साहस नहीं कर सकता कि उसके सैनिक ना केवल हमारी सीमाओं में आ जाये बल्कि हमारी सीमाओं में अस्थायी केम्प बनाने की मंशा भी पाल बैठे हैं ! चीन हमको चारों और से घेरने की रणनीति के तहत काम तो पिछले दस सालों से कर रहा था और इसके लिए उसनें हमारे पडौसी देशों के साथ ना केवल अच्छे संबध स्थापित किये बल्कि उसनें किसी ना किसी तरीके से अपनी उपस्थति भी इन देशों में दर्ज करवाई है ! श्रीलंका ,बांग्लादेश , म्यांमार ,पाकिस्तान जैसे देशों में उसनें कई तरह के निर्माण कार्य करने के बहाने अपनी उपस्थति को पुख्ता किया और इस बहाने इन देशों से अपने संबधों को प्रगाढ़ किया !

ऐसा लगता है कि वो खुद तो हमारी सीमाओं का लगातार अतिक्रमण करके हमको धमकाने की कोशिश करता ही रहता है और अब हमारे दूसरे पडौसी देशों को भी उसके लिए उकसा रहा है ! जिसके कारण हमारे सामने दोहरी चुनौती आ खड़ी हुयी है एक तो अपनी सीमाओं को महफूज रखने की सबसे बड़ी चुनौती है और दूसरी इन देशों के साथ हमारे रिश्तों को लेकर भी रणनीति बनाने की है ! क्योंकि अगर इनके साथ रिश्ते बिगड़ते हैं तो भी ये हमारे हित में नहीं होगा और उस सूरत में ये चीन के और ज्यादा नजदीक हो जायेंगे ! हमारी सरकारें चीन को रणनीति को समझनें में नाकाम रहें हैं जिसके कारण आज ये हालात बन रहे हैं !

23 टिप्‍पणियां :

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सहर्ष आभार !!

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

आपका विश्लेषण बिलकुल सटीक है
latest post आभार !
latest post देश किधर जा रहा है ?

Unknown ने कहा…

सटीक विश्लेषण पूरण जी प्रभावी लेखन।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

इसी का बेजा फ़ायदा आजू बाजू के देश उठा रहे हैं, सटीक आलेख.

रामराम.

रविकर ने कहा…

बिना बाड़ के हो गया, अपना देश महान |
बाड़-पडोसी खा रही, नित्य खेत-मैदान |
नित्य खेत-मैदान, बाड़ उनकी यह घातक |
करते हम आराम, आदतें बड़ी विनाशक |
चेतो नेता मूढ़, जाय नित शत्रु ताड़ के |
विषय बहुत ही गूढ़, रहो मत बिना बाड़ के ||

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

लुटेरों के राज में और क्या होगा !

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

अगर सब सच में परेशान हैं
बदलाव लाना चाहते हैं
तो
सामूहिक वहिष्कार करें ना
हम इस बार के चुनाव का

केवल कागज काला करने से कुछ नहीं होगा
ये सब समझते हैं

चुनाव में आपके मतदान का कोई महत्व नहीं
जिसकी लाठी उसकी भैंस ही होती
वही गूंगा-बहरा कठपुतली मिलेगा
जिसकी डोर एक विदेशी के हाथ में ...

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सादर आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार मनोज जी !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

हम अगर कमजोर है तो दूसरा तो फायदा उठाएगा ही !!
आभार ताऊ !!
राम राम !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आदरणीय इन पंक्तियों में बहुत कुछ कह दिया आपनें !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सहर्ष सादर आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सहर्ष आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सादर आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सच कहा आपनें !!
सादर आभार !!

Amrita Tanmay ने कहा…

सहमति...

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

राजीव कुमार झा ने कहा…

बिल्कुल सटीक विश्लेषण !!

Pratibha Verma ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।

देवदत्त प्रसून ने कहा…

सच है आप की बात !
'भेद-भाव' की चोट से, टूट गयी है बाड़ |
पाप था पहले तिल कभी, हुआ है आज 'पहाड़' ||

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सही कहा आपनें !!
सादर आभार !!