सोमवार, 18 मार्च 2013

मोटापा घटाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय !!

मोटापे को लेकर कई लोग परेशान रहतें हैं और इससे छुटकारा पाना चाहतें हैं ! कुछ उपाय ढूंढकर उनको प्रयोग में लातें हैं लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि हर उपाय हर आदमी के लिए फायदेमंद नहीं हो पाता है जिसके कारण उनको निराश होने कि आवश्यकता नहीं है और उनको दुसरा उपाय अपनाना चाहिए ! आज में आपके सामनें मोटापे को दूर भगाने के लिए कुछ सामान्य आयुर्वेदिक नुस्खे लेकर आया हूँ ! जिनका प्रयोग करके फायदा उठाया जा सकता है ! 



                                           १.मूली के रस में थोडा नमक और निम्बू का रस मिलाकर नियमित रूप से पीने से मोटापा कम हो जाता है और शरीर सुडौल हो जाता है !

                                           २.गेहूं ,चावल,बाजरा और साबुत मूंग को समान मात्रा में लेकर सेककर इसका दलिया बना लें ! इस दलिये में अजवायन २० ग्राम तथा सफ़ेद तिल ५० ग्राम भी मिला दें ! ५० ग्राम दलिये को ४०० मि.ली.पानी में पकाएं ! स्वादानुसार सब्जियां और हल्का नमक मिला लें ! नियमित रूप से एक महीनें तक इस दलिये के सेवन से मोटापा और मधुमेह में आश्चर्यजनक लाभ होता है !

                                           ३.अश्वगंधा के एक पत्ते को हाथ से मसलकर गोली बनाकर प्रतिदिन सुबह,दोपहर,शाम को भोजन से एक घंटा पहले या खाली पेट जल के साथ निगल लें ! एक सप्ताह के नियमित सेवन के साथ फल,सब्जियों,दूध,छाछ और जूस पर रहते हुए कई किलो वजन कम किया जा सकता है !

                                          ४.आहार में गेहूं के आटे और मैदा से बने सभी व्यंजनों का सेवन  एक माह तक बिलकुल बंद रखें ! इसमें रोटी भी शामिल है ! अपना पेट पहले के ४-६ दिन तक केवल दाल,सब्जियां और मौसमी फल खाकर ही भरें ! दालों में आप सिर्फ छिलके वाली मूंग कि दाल ,अरहर या मसूर कि दाल ही ले सकतें हैं चनें या उडद कि दाल नहीं ! सब्जियों में जो इच्छा करें वही ले सकते हैं ! गाजर,मूली,ककड़ी,पालक,पतागोभी,पके टमाटर और हरी मिर्च लेकर सलाद बना लें ! सलाद पर मनचाही मात्रा में कालीमिर्च,सैंधा नमक,जीरा बुरककर और निम्बू निचोड़ कर खाएं ! बस गेहूं कि बनी रोटी छोडकर दाल,सब्जी,सलाद और एक गिलास छाछ का भोजन करते हुए घूंट घूंट करके पीते हुए पेट भरना चाहिए ! इसमें मात्रा ज्यादा भी हो जाए तो चिंता कि कोई बात नहीं ! इस प्रकार ६-७ दिन तक खाते रहें ! इसके बाद गेहूं कि बनी रोटी कि जगह चना और जौ के बने आटे कि रोटी खाना शुरू करें ! ५ किलो देशी चना और एक किलो जौ को मिलकर साफ़ करके पिसवा लें ! ६-७ दिन तक इस आटे से बनी रोटी आधी मात्रा में और आधी मात्रा में दाल,सब्जी,सलाद और छाछ लेना शुरू करें ! एक महीने बाद गेहूं कि रोटी खाना शुरू कर सकते हैं लेकिन शुरुआत एक रोटी से करते हुए धीरे धीरे बढाते जाएँ ! भादों के महीने में छाछ का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए इस महीनें में छाछ का प्रयोग नां करें !!