सोमवार, 15 अप्रैल 2013

हिंदुओं को आजादी के नाम पर क्या मिला ! !

पाकिस्तान से आये हिंदू यात्रियों द्वारा उनके साथ वहाँ पर हो रहे जुल्मों की सच्चाई मीडिया के माध्यम से पता लग रही है वो बहुत ही खौफनाक है ! उनके परिवार के कई सदस्य वहाँ पर है फिर भी वो लोग वापिस उस जहन्नुम जैसे देश में जाने को तैयार नहीं है ! इससे उनके साथ हो रहे जुल्मों का अंदाजा लगाया जा सकता है क्योंकि कोई भी आदमी अपने परिवारजनों से बिछड़ने को तैयार हो जाए लेकिन वापिस उस जगह नहीं जाना चाहे तो उस खौफनाक हकीकत को समझा जा सकता है ! 

"कुछ लम्हों ने गलतियां की और सजा सदियों को मिली" ये वाक्य यहाँ बिलकुल सटीक बैठता है क्योंकि हमारे उस समय के नेताओं द्वारा की गयी गलतियों कि सजा ही आज पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक भुगत रहे हैं ! दोनों मुस्लिम देशों पाकिस्तान और बांग्लादेश में उन पर लगातार ज्यादतियां की जा रही है ! उनकी संपतियां उनसे छिनी जा रही है ,उनकी बहन बेटियों को अगवा करके जबरदस्ती उनको मुस्लिम बनाया जा रहा है और उनसे मुस्लिम लड़कों के साथ निकाह करवाया जा रहा है ! और इसी डर कि वजहों से वहाँ के हिंदू अपनी बेटियों का विवाह दस से बारह साल कि उम्र में कर रहें है ! इन सब जुल्मों कि हकीकत सुनकर ही कलेजा फट सा जाता है !

इतना सब होने के बावजूद भी सबसे ज्यादा हिंदू जनसँख्या वाला देश भारत मूकदर्शक बना हुआ है ! वो भारत में आये महज कुछ सौ यात्रियों कि वीजा अवधि तो बढ़ा रहा है लेकिन उनसे कहीं ज्यादा लोग वहाँ पर अत्याचारों को झेल रहे हैं उनके बारे में भी तो सोचा जाना चाहिए ! लेकिन सवाल यही है कि उनके बारे में सोचे कौन क्योंकि भारत में तो हर बात वोटबेंक कि राजनीति को ध्यान में रखकर सोची जाती है ! वोटबेंक कि इसी सोच नें तो यहाँ के बहुतेरे राजनैतिक दलों को शेख्युलर ( सेक्युलर नहीं  ) बना दिया है इसलिए अगर वो हिंदुओं को गाली तो दे सकते है लेकिन उनके लिए आवाज उठा दे तो उनकी ये शेख्युलर छवि धूमिल हो जायेगी !

आजादी के इतने सालों बाद हिंदुओं के विरुद्ध इस तरह के अत्याचारों कि की बातें सुनने के बाद हर हिंदू के मन में यह सवाल तो उठ ही रहा होगा कि मुसलमानों को धार्मिक आधार पर दो दो देश मिल गए लेकिन हमें आजादी के नाम पर क्या मिला !