बुधवार, 1 अगस्त 2012

आयुर्वेद !!


आयुर्वेद दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में से एक है कहते है की आयुर्वेद का ज्ञान भगवान ब्रह्मा द्वारा प्रदान किया गया है जो ब्रह्म जी से प्रजापति को ,प्रजापति से अश्वनीकुमारों ने ,अश्वनीकुमारों से इंद्र ने और इंद्र से भारद्वाज ऋषि ने आयुर्वेद का ज्ञान प्राप्त किया !! पुरातत्ववेताओं ने संसार की सबसे प्राचीन पुस्तक ऋग्वेद को माना है विभिन्न विद्वानों ने इसका निर्माण ईशा से ३००० से ५०००० वर्ष पूर्व माना है ! ऋग्वेद में भी आयुर्वेद के सिद्धांत मिल जाते है जो आयुर्वेद की प्राचीनता को साबित करते है और यह माना जा सकता है कि आयुर्वेद सृष्टि के आरम्भ से या उसके आस पास के समय से विधमान है !!
आयुर्वेद का मूल अर्थ है "जीवन का ज्ञान" जो जीवन जीने का एक ऐसा विज्ञान है जो बीमारियों से बचाने का उपाय बताता है जिसको पालन करने से रोग आपके नजदीक ही नहीं आ सकता है अगर दुर्भाग्यवश रोग हो भी जाए तो रोगों को दूर करने के उपाय भी बताता है तथा विश्व की सारी चिकित्सा प्रणालियों ने आयुर्वेद के विचारों में से कुछ ना कुछ लिया है जो आयुर्वेद की महता को दर्शाता है !!
आयुर्वेद में रोग होने के पश्चात रोग परिक्षण की विधियां,रोगोपचार और खान पान के बारे में विस्तृत रूप से दिया गया है जो निश्चित रूप से इसके समृधिशाली चिकित्सा विज्ञान होने को प्रमाणित करता है लेकिन दुर्भाग्य से विदेशी आक्रमणों के कारण महत्वपूर्ण जानकारियों के खो जाने के कारण तथा आजादी के पश्चात सरकारों का उदासीन रवैये के कारण इसकी नयी खोजों के ना होने के कारण यह चिकित्सा विज्ञान भारत में और विश्व में वो स्थान नहीं पा सका जिसका वो हकदार है !!

1 टिप्पणी :

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

यह चिकित्सा विज्ञान भारत में और विश्व में वो स्थान नहीं पा सका जिसका वो हकदार है,,,,,
सार्थक प्रस्तुति,,,,,

रक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,