भारतीय समाज में आयुर्वेद हजारों वर्षों से चली आ रही चिकित्सा पद्धति है जिसमें रोगों को दूर रखने और रोगों के उपचार बारे में बताया गया है ! जिसमें साधारण और ऐसी जड़ी बूटियों द्वारा इलाज किया जाता है जो हमारे आस पास ही मौजूद होती है ! वैसे आयुर्वेद क्या दुनियाँ की कोई भी पद्धति इलाज की गारंटी नहीं लेती है और एक ही दवा का असर एक ही रोग के अलग अलग व्यक्तियों पर अलग अलग देखने को मिलता है और आयुर्वेदिक उपचार भी इससे अलग नहीं है लेकिन आयुर्वेदिक उपचार से फायदा हो या नहीं हो लेकिन उससे नुकशान तो कतई नहीं होता है और ये सबसे सस्ता भी है ! मैनें पहले भी कई तरह के उपयोगी आयुर्वेदिक नुस्खे बताए है और आज उसी कड़ी में आखों की ज्योति बढाने वाले कुछ नुस्खे आपके लिए लेकर आया हूँ जो सरल और सहज है !
१. बड़ी हरड १० ग्राम , बहेड़ा २० ग्राम ,आंवला ३० ग्राम ,मुलहठी ३ ग्राम , बंसलोचन ३ ग्राम और पीपर ३ ग्राम इनका अलग अलग बनाया चूर्ण लेकर उसमें लगभग १५० ग्राम मिश्री मिला लें ! इस मिश्रण में १० ग्राम देशी घी मिला लें ! तत्पश्चात इसमें इतना शहद मिलाएं कि चाटने लायक अवलेह (चटनी )बन जाए ! इस अवलेह को किसी कांच के मर्तबान में रख लें ! इसमें से छ: ग्राम की मात्रा में नित्य सोते समय चाटने से नेत्रों की ज्योति बढती है और नेत्रो के अन्य रोग भी नष्ट होते हैं !
२. बादाम गिरी २५० ग्राम, खसखस १०० ग्राम , सफ़ेद मिर्च ( काली मिर्च की तरह की होती है लेकिन सफ़ेद होती है ) ५० ग्राम का अलग अलग चूर्ण बनाकर देशी घी में भून लें ! इसके बाद इसमें १०० ग्राम मिश्री पीसकर मिलाकर किसी मर्तबान में रख दें ! इसको सुबह खाली पेट गर्म दूध के साथ दो चम्मच लेनें से आँखों की ज्योति को बढाने में बहुत फायदा होता है !