शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2012

आर टी आई और भ्रष्टाचार से परेशान प्रधानमन्त्री !!

देश के प्रधानमन्त्री बहुत परेशान है लेकिन उनकी परेशानी कि वजह महंगाई ,भ्रस्टाचार नहीं है बल्कि उनकी परेशानी कि वजह है आर टी आई है और भ्रष्टाचार होना भी उनकी परेशानी कि वजह नहीं है बल्कि भ्रष्टाचार को उजागर करना ही उनको परेशान कर रहा है अब इसको क्या कहें !!

प्रधानमंत्रीजी ने पिछले दो दिनों में दो बयान ऐसे दिए है जिन पर गौर करना आवश्यक है क्योंकि ये बयान किसी कांग्रेसी नेता के नहीं थे बल्कि इस देश के प्रधानमन्त्री के थे और इससे पता चलता है कि उनके मन में क्या चल रहा है ! उन्होंने पहला बयान तो कल दिया जो उनके शब्दों में कुछ इस तरह था "भ्रष्टाचार को इतना प्रचारित नहीं किया जाना चाहिए इससे देश कि छवि विदेशों में खराब हो रही है "तो इसका अर्थ तो यही निकलता है कि देश के प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार होने से कोई परेशानी नहीं है लेकिन उसको मीडिया और जनता के सामने लाने से उनको परेशानी है ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है जब खुद प्रधानमन्त्री ऐसी सोच रखते हैं तो क्या वो भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने  कि कोशिश भी करेंगे इस पर भी शक हो रहा है  !!

इसी से मिलता जुलता उनका आज दूसरा बयान आया कि "आर टी आई का दुरूपयोग रोका जाना चाहिए "अब यह कहकर प्रधानमंत्री जी क्या कहना चाहते हैं यह तो वही जाने लेकिन एक बात जरुर है कि भ्रष्टाचार के ज्यादातर मामले आर टी आई के जरिये ही सामने आये हैं और आर टी आई के तहत मांगी गयी जानकारियों के आधार पर मिले हुए दस्तावेज ही भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने में अहम भूमिका निभा रहें हैं ऐसे में प्रधानमंत्री का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा !!



इन दोनों बयानों को अगर एक साथ जोड़कर देखा जाये तो कहीं ना कहीं दबी जुबान से प्रधानमंत्री यही कहना चाहते हैं कि आर टी आई के जरिये भ्रष्टाचार को उजागर नहीं किया जाना चाहिए और आर टी आई से मिले दस्तावेजों को मीडिया में नहीं दिया जाना चाहिए !अच्छा तो यह होता कि प्रधानमंत्री देश के सामने भ्रष्टाचार से निबटने कि बात करते लेकिन यहाँ तो प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार को उजागर करने वालों कि ही नसीहत दे रहें है जो निश्चय ही दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा !!

2 टिप्‍पणियां :

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

भ्रस्टाचार को तो उजागर होना ही चाहिए,,,,,,,

MY RECENT POST: माँ,,,

virendra sharma ने कहा…

देश अब सास ज़माई ,

और इनके चिरकुटों की पूडल प्रिज़ेंस से शर्मशार और बदनाम हो रहा .है .ये अंडरपरफोरमर हैं सब .हम आपको अंडररेट नहीं कर रहें हैं हकीकत यही है बेहतर हो अब आप फोर्मरली ,पद बंध हो जाएँ .इतिहास में

आपका

नाम आ चुका है अब और क्या चाहतें हैं आप .क्या बनाना चाहतें हैं इस भारत देश को .

आप कहतें हैं भ्रष्टाचार का ज्यादा प्रचार होने से, आर टी आई के दुरोपयोग से देश बदनाम होता है .भ्रष्टाचार को भू -मंडलीय मान्यता स्व ,इंदिराजी ही दिला गईं थी यह कहके ,भ्रष्टाचार एक आलमी रवायत ,भू -

मंडलीय सच्चाई है .पटरानी के चरण चाटने से देश बदनाम नहीं होता ?आपके दौर में विकलांगों की कुर्सी हजम कर जाने वाले चौड़े होकर घूम रहें हैं इनका भंडा फोड़ करने वालों को पटरानी अंदर करवा रही है .इससे

क्या देश की आन बान और शान बढ़ रही है .कृपया बतलाएं .

ब्लॉग शंखनाद की पोस्ट "आर टी आई और भ्रष्टाचार से परेशान प्रधान मंत्री ."पर एक प्रतिक्रिया .