देश में घोटाले पर घोटाले सामने आ रहें हैं और हर घोटाले के बाद जांच तो होती है और जैसा कि सबको पता है हमारे देश में जांच करने वाली सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई हि है उसको लेकर कैसी धारणा बन चुकी है ! कल टीवी पर हेलिकॉप्टर घोटाले पर बहस देख रहा था तो एक रक्षा विशेषज्ञ नें यह कहकर सबको हैरत में डाल दिया कि देख लीजिए कुछ नहीं होगा जांच होगी और लीपापोती की जायेगी और या तो किसी का नाम सामने हि नहीं आएगा और आएगा तो भी कुछ छोटे लोगों का और उनके विरुद्ध कारवाई करके बड़े घोटालेबाजों को बचा लिया जाएगा जैसा कि हर बार होता आया है ! अब अगर सीबीआई द्वारा सत्ता पर काबिज लोगों को बचाने का इतिहास देखा जाए तो उनकी बात यक़ीनन शतप्रतिशत सही मानने के अलावा कोई चारा भी नहीं है !
हालांकि हमारे देश में घोटालों कि शुरुआत जीप घोटाले से मानी जाती है जिसमें वी.के.मेनन का नाम सामने आया था लेकिन उसकी कोई जांच हि नहीं की गयी थी और बाद में उनको रक्षा मंत्री जैसा अहम पद दिया गया था ! सबसे पहले जो बड़ा घोटाला सामने आया और उसकी जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया था वो था बोफोर्स घोटाला जिसमें राजीवगांधी का नाम सामने आया था ! लेकिन १९८७ में सामने आये इस घोटाले के अभियुक्तों का पता लगाने और उनको सजा दिलाने में सीबीआई ना केवल पूरी तरह नाकाम साबित हुयी बल्कि उस घोटाले के मुख्य अभियुक्त क्वात्रोची के सील बेंक खातों को खुलवाने में मदद भी की !
इसके बाद तो जैसे भारत में घोटालों कि बाढ़ हि आ गयी ! सबमरीन घोटाला ,हर्षद मेहता घोटाला ,एयरबस घोटाला ,चारा घोटाला,दूरसंचार घोटाला,यूरिया घोटाला,सी आर बी घोटाला,हवाला घोटाला,झारखण्ड घुस कांड,चीनी घोटाला,ताबूत घोटाला,आदर्श घोटाला,टूजी घोटाला,कोयला घोटाला जैसे कई और घोटाले हुए जिनमें कई राजनेताओं समेत अन्य सता से जुड़े लोगों पर आरोप लगे और जांच तो सीबीआई द्वारा की गयी लेकिन केवल दूरसंचार घोटाले में तब के दूरसंचार मंत्री सुखराम को सजा दिलवाने के अलावा अन्य किसी को सजा दिलवाने और लुटा गया धन देश को दिलाने में सीबीआई पूरी तरह नाकाम हुयी और टूजी मामले में कुछ हुआ तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच कि की गयी निगरानी कि वजह से !
सीबीआई इन मामलों में सजा देने में नाकाम हो गयी तो क्या यह मान लेना चाहिए कि ये घोटाले हुए हि नहीं लेकिन ऐसा कैसे माना जा सकता है क्योंकि सीबीआई तो १९८४ के सिख दंगों में भी अब तक किसी को सजा दिलवा पाने में नाकाम हुयी है और हर कोई जानता है कि १९८४ में किस तरह से सिखों का कत्लेआम हुआ था ! ऐसे में यह नहीं माना जा सकता कि सीबीआई सजा दिलाने में नाकाम हुयी है तो ये मामले झूठे थे ! बल्कि यह माना जा सकता है कि सता और सीबीआई की सांठगांठ कि वजह से हि इन मामलों में ना तो किसी को सजा मिली और ना हि देश के लूटे हुए धन कि वसूली हो पायी है !
बाबा रामदेव वाले मामले में भी देखा जा रहा है कि किस तरह से सीबीआई का दुरूपयोग किया जा रहा है और उनको सीबीआई सहित अन्य एजेंसियों द्वारा कई तरह की जांचों में घसीटा जा रहा है ! हालांकि जांच करना गलत नहीं है लेकिन जिस तरह से ताबड़तोड़ तरीके से सीबीआई समेत अन्य जांच एजेंसियां बाबा रामदेव के पीछे लगी है उसको सामान्य तौर पर नहीं लिया जा सकता है बल्कि साफ़ लग रहा है कि उनको सरकार के विरुद्ध आवाज उठाने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है ! इसी तरह जगन रेड्डी वाला मामला हि ले लीजिए जब से आय से अधिक सम्पति वाला मामला जगन रेड्डी के खिलाफ आया है तब से लगातार उसको जेल में रखा जा रहा है जबकि लालू यादव ,राबड़ीदेवी,मुलायमसिंह यादव,मायावती जैसे लोगों के खिलाफ सालों से मामले लंबित है लेकिन उनको गिरप्तार करना तो दूर कि बात है बल्कि सीबीआई कोर्ट में अपना नजरिया भी इन लोगों के खिलाफ समय समय पर बदलती रही है जिसका एक मात्र कारण यही है कि ये लोग सता में काबिज पार्टी के सहयोगी हैं जबकि जगन रेड्डी सता पर काबिज पार्टी के बागी है !
ऐसे एक एक मामले पर विस्तार से बात की जाए तो सीबीआई और सता में बैठी पार्टियों की साठगांठ के ढेरों प्रमाण आपको देखने को मिल जायेंगे ! इसलिए सीबीआई पर जो लोग आरोप लगा रहें हैं वो गलत नहीं कह रहें हैं बल्कि तथ्य चीख चीख कर इस बात कि और इशारा कर रहें है कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और इसमें आमूलचूल सुधार कि जरुरत है !
15 टिप्पणियां :
अब यह बात तो जगजाहिर है कि सीबीआई सत्ता के इशारे पर काम करती है.इन से न्याय की कोई उम्मीद नहीं है.सुन्दर लेख पूरण जी.
सी बी आई अब पूर्ण रूप से स्वतन्त नही रही है,सत्ता के कर्णधारों के इशारो पर चलती है.
मेरे ब्लोग्स संकलक (ब्लॉग कलश) पर आपका स्वागत है,आपका परामर्श चाहिए.
"ब्लॉग कलश"
आभार !!
आभार !!
बसन्त पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ ...एक एक बात सही कही है आपने . मीडियाई वेलेंटाइन तेजाबी गुलाब संवैधानिक मर्यादा का पालन करें कैग
"आभार" आपको भी बसंत पंचमी कि हार्दिक शुभकामनाएं !!
सी बी आई ,सरकार के कंट्रोल में रहेगा तो ऐसा ही होता रहेगा अभी भी नए लोकपाल में इसे सरकारी नियंत्रण में ही रखा गया.
Latest post हे माँ वीणा वादिनी शारदे !
मान्यवर आपका कहना सही है !!
vartmaan ka sach sarthak rapat
यथार्थ से संवाद करती पोस्ट है आपकी .सी बी आई सत्ता पक्ष का तुरुप का पत्ता है जिसका इस्तेमाल विरोध के स्वर को दबाने के लिए किया जाता है .
आभार !!
आपका कहना सही है !!
जरूर कुछ दाल में काला है ,,
recent post: बसंती रंग छा गया
पूरी दाल हि काली नजर आती है यहाँ पर तो !
सुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बधाई .बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएँ
एक टिप्पणी भेजें