बुधवार, 20 मार्च 2013

बेटी !!


माया चौबे जी कि बेटी पर लिखी एक कविता मुझे पसंद आई उसी को आपसे साझा कर रहा हूँ :-


दो फूलों का बंधन है बेटी ,
दो परंपराओं का संगम है बेटी !
विश्व के उत्थान का आधार है बेटी ,
प्रेम,दया और ममता का सार है बेटी !!



हर गुणों से भरी हुयी है ,
फिर भी सहमी और डरी हुयी है !
न जानें कब से मौत,
मुहं खोले खड़ी हुयी है !!

गर्भपात कराने वाली माताओं,
क्या मुझे जीने का अधिकार नहीं है !
तुम भी तो हो एक बेटी ,
क्या बेटी को ही बेटी स्वीकार नहीं है !!

समाज के जालिम और निर्लज्ज लुटेरे,
मत डाल अपनी बुरी नजर के डोरे !
रोक दे शोषण के हर फेरे,
ताकि छंट जाए जुल्म के अँधेरे !


दहेज तो दानव है दुनिया का दिल दहला देगा,
कितनों को फांसी या सूली पर चढवा देगा !!
हे, नौजवान अपनी भुजाओं पर कर गुमान,
लड़कियों का रक्षक बनने का माया देती पैगाम !!
( माया चौबे जी कि कविता )

19 टिप्‍पणियां :

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

बहुत उम्दा कविता है !

संध्या शर्मा ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना... होली की अग्रिम शुभकामनायें.

Rajendra kumar ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण कविता शेयर किये,बहुत ही सुन्दर कविता है.

रविकर ने कहा…

आभार माया जी का-
सुन्दर प्रस्तुति-
शुभकामनायें आदरणीय-

Unknown ने कहा…

सुन्दर कविता।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर-सार्थक रचना!

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

" बेटी को बेटी स्वीकार नहीं है " यही विडम्बना है
latest postअनुभूति : सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसार
latest postऋण उतार!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!
आपको भी होली कि हार्दिक शुभकामनाएं !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार आदरणीय !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार माननीय !!

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सुंदर रचना ...पढवाने का आभार

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सादर आभार !!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत सुन्दर,माया जी की रचना साझा करने के लिए आभार,,,

RecentPOST: रंगों के दोहे ,

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

Pallavi saxena ने कहा…

बहुत ही सार्थक संदेशमयी सुंदर रचना, काश यह सारी कुरीतियाँ मिट जाएँ हमारे समाज से ....

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!