शुक्रवार, 22 मार्च 2013

अपनी विश्वनीयता खोती देश कि सर्वोच्च जांच एजेंसी !!

करूणानिधि कि पार्टी द्रुमक द्वारा केन्द्र कि संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेनें के तुरंत बाद ही जिस तरह करुणानिधि के बेटे स्टालिन के घर और दफ्तर पर सीबीआई का छापा पड़ा ! उसनें देश कि सर्वोच्च जांच एजेंसी कि विश्वनीयता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं ! इससे पहले जगन रेड्डी वाले मामले में भी ऐसा ही हो चूका है ! जब तक जगन रेड्डी कांग्रेस में थे तब तक सीबीआई नें उनके खिलाफ कोई कारवाई नहीं की लेकिन जैसे ही उन्होंने कांग्रेस से बगावत की और अपनी नयी पार्टी बनायी वैसे ही उन पर सीबीआई का शिकंजा त्वरित गति से कसता चला गया ! जबकि वैसी त्वरित गति मुझे आज तक सीबीआई की कारवाई में नहीं दिखाई दी ! जबकि जो लोग सरकार को समर्थन दे रहें है और सरकार के साथ हैं उनके विरुद्ध तो सीबीआई कि जांच में नौ दिन चले अढाई कोस वाली हालत है ! 

जो लोग कहते हैं कि सीबीआई सरकार के इशारे पर काम करती है और सरकार के लिए समर्थन जुटाने का काम करती है ! अगर सीबीआई कि कार्यशैली को देखा जाए तो उन लोगों कि बात सत्य प्रतीत होती है ! विपक्ष के अलावा सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम यादव भी इस तरह के आरोप सरकार पर लगा चुके हैं ! और ताजा मामला स्टालिन वाला देखें तो उन आरोपों में दम नजर आता है ! क्योंकि सीबीआई के पास रातों रात तो स्टालिन के विरुद्ध कोई जानकारी आई नहीं होगी और अगर जानकारी पहले से थी तो सीबीआई नें द्रुमक की समर्थन वापसी का इन्तजार क्यों किया ! अब सीबीआई और सरकार लाख सफाई दे लेकिन द्रुमक के समर्थन वापसी के तुरंत बाद स्टालिन के घर और दफ्तरों पर पड़े छापों नें बहुत कुछ जनता के सामनें ला दिया है !


संप्रग सरकार के पिछले नौ साल के कार्यकाल को देखें तो सीबीआई के दुरूपयोग के संदेह के मामले तो काफी सामने आये ही है लेकिन पहले जगन रेड्डी और अब स्टालिन वाले मामले में शक कि सुई सीधी ही सीबीआई और सरकार पर जा रही है जिसका भले ही कोई खंडन करे लेकिन उनका खंडन आसानी से हजम होने वाला नहीं है ! जगन रेड्डी वाले मामले को देखें तो वो जब तक कांग्रेस में थे तब तक सीबीआई कि नजर में वो सही थे लेकिन जैसे ही कांग्रेस से बगावत की वैसे ही सीबीआई को जगन रेड्डी द्वारा आय से अधिक सम्पति नजर आ गयी ! और अब स्टालिन वाले मामले में भी यही हुआ है !

हालांकि ऐसा नहीं है कि स्टालिन और जगन रेड्डी पूरी तरह से पाक साफ़ हो लेकिन सवाल सीबीआई द्वारा की गयी कारवाई की समयावधि को लेकर है ! क्योंकि जैसे ही अलग होते हि इन पर शिकंजा कसा गया उससे जाहिर होता है कि सीबीआई के पास इन लोगों के विरुद्ध शिकंजा कसने के लिए जरुरी जानकारियाँ थी ! लेकिन पहले उनके विरुद्ध कारवाई नहीं की और जांच को रोके रखा तो यह सवाल तो उठेंगे ही कि पहले जांच को क्यों और किसके कहनें पर रोकी गयी ! और जब सरकार और सरकार चला रही पार्टी से किसी नें नाता तोडा तो अकस्मात ही सीबीआई में इतनी तेजी किसके इशारे पर आ जाती है ! 

19 टिप्‍पणियां :

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

विश्वसनीयता अब बची ही कहाँ है ? एक पार्टी की भेंट चढ़ गई !

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

ये सब राजनैतिक पैतरे बाजी है,,,

होली की हार्दिक शुभकामनायें!
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Justice to common man ने कहा…

जिन अपरिपक्व लोगों को हकीकत का पता नहीं वे न्यायपालिका , सी बी आई जैसे संगठनों को विश्वशनीय मान सकते हैं | वास्तव में ये कितने विश्वशनीय हैं समय समय पर उजागर होता रहता है बस जरुरत आपको याददास्त तरोताजा रखने की है |

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सही कह रहें हैं आप लेकिन बची खुची भी खतम होती जा रही है !!
आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सही कहा है !!
आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सही कह रहें है आप !!
आभार आदरणीय !!

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…


सी बी आइ सरकार के गुलाम है
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Gyanesh kumar varshney ने कहा…

भाई नमस्कार
और आपने जो बात कही शत प्रतिशत सही है सी.बी.आई सरकार की वह मशीनरी है जो कितना भी कहा जाए कि न्याय पालिका स्वतंत्र है किन्तु इसके कारनामें सदा ही यह बताते हैं कि सी बी आई सरकार का वह सिकंजा है जो राजनैतिक फायदे के अनुसार चलाया जाता है।और यह कहा जाए कि सरकार चलाने के लिए कांग्रेस इस सिकंजे का प्रयोग खतरनाक से खतरनाक राजनेता को अपने कब्जे में करने के लिए इस्तेमाल कर रही है हो सकता है कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान सरकार के सर्वेसर्वा कही इसी सी बी आई के कारण ही तो कहीं काग्रेस के हितचिन्तक नही बने हुये हैं। यह भी हो सकता है बैसे भी मायावती तो ताज कारीडोर का मामला न खुले इस बजह से सरकार की पिछलग्गू बनकर उसकी हर साजिस में उसके साथ है जबकि मुलायम का अभी पता नही है कि क्या कारण है लैकिन लगता यही है कि कोई न कोई बात अवस्य है हो सकता है कि कहीं कोई नस श्री मान यादव जी की दब रही हो।जिसके कारण वह विना ना नुकुर किये कांग्रेस के सबसे बड़े संकट मोचक बनकर उभर रहै हैं।खैर जो भी हो किन्तु आपकी बातों से हम सहमत है कि सी बी आई पर विस्वास लगातार कम होता जा रहा है

Unknown ने कहा…

बेहद उम्दा लेख,आभार।

HARSHVARDHAN ने कहा…

इस सरकार ने तो सीबीआई को अपने अंगूठे के नीचे दबा रखा है। वैसे राजनीतिक विषयों पर आपकी लेखनी दिन प्रति दिन उम्दा होती जा रही है। धन्यवाद :)

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Shalini kaushik ने कहा…

vishvasniyata hai hi kahan CBI kee . .एक एक बात सही कही है आपने आभार अमिताभ बच्चन :सामाजिक और फ़िल्मी शानदार शख्सियत .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MAN

Rajendra kumar ने कहा…

सी बी आई को अब स्वतंत्र समझना ही भूल है हमारी,अब यह सरकार के अचूक अस्त्र का रूप ले लिया है.

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

बिलकुल सही कहा है आपनें !!
आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार अरुणजी !!

संजय भास्‍कर ने कहा…

Aapne jo baat kahi hai sab satya hai sir ji ...par gol mol hai

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आपका आभार !!