जब से संजय दत्त कि सजा पर सुप्रीम कोर्ट से मुहर लगी है तब से लेकर अब तक कई लोगों ने इस पर अपनी राय जाहिर की है ! और कई लोगों नें संजय दत्त कि सजा माफ करनें कि राय देनी शुरू कर दी है और ऐसे लोगों में नेताओं और बोलीवुड से जुड़े लोगों के अलावा अन्य लोगों नें भी अपनी राय दी ! लेकिन सवाल उठता है कि संजय दत्त को माफ़ी क्यों दी जानी चाहिए ! उन्होंने जो अपराध किया है उसकी सजा उन्हें क्यों नहीं मिलनी चाहिए ! और इससे बड़ा सवाल भी यह उठता है कि ऐसी ही मांग आज तक उन लोगों नें किसी साधारण आदमी के लिए क्यों नहीं की और नहीं की तो उनकी मांग क्या किसी आम और खास को ध्यान में रखकर नहीं की जा रही है !
ऐसी मांग करनें वालों लोगों में जब जस्टिस काटजू खड़े नजर आये तब तो और भी अफ़सोस हुआ क्योंकि काटजू नें ऐसी मांग रखते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल को संजय दत्त कि माफ़ी के लिए सलाह तक दे डाली जो निश्चय ही दुर्भाग्यपूर्ण ही कही जायेगी क्योंकि काटजू सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं ऐसे में उन्हें पता होना चाहिए कि वो ऐसा करनें कि सलाह देकर एक आम और खास अपराधी में भेदभाव का सन्देश देश को दे रहें हैं ! वैसे भी संजय दत्त के बजाय यही जुर्म किसी अन्य साधारण आदमीं ने किया होता तो उसे केवल हथियार रखनें का आरोपी पुलिस द्वारा नहीं बनाया जाता बल्कि उसको आतंकवादियों से सम्बन्ध रखने का आरोपी और बना दिया जाता लेकिन संजय दत्त को केवल अवैध रूप से हथियार रखनें का ही आरोपी बनाया गया है ! जबकि दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील जैसे लोगों से संजय दत्त कि दोस्ती कि बात खुद संजय दत्त भी कबूल कर चूका है !
संजय दत्त कि माफ़ी के पक्ष में जितनें भी तर्क दिए जा रहें है उनमें कोई सा भी तर्क ऐसा नहीं है जो बाकी अपराधियों पर नहीं लागू होता है ! संजय दत्त कि सजा माफ़ी के पक्ष में एक तर्क तो ये दे रहें है कि इतनें सालों तक संजय दत्त इस मामले को लेकर परेशान रहे हैं इसलिए उनको मानवीय आधार पर माफ कर दिया जाना चाहिए ! लेकिन जितने सालों तक अदालती कारवाई चलती है उतने वर्षों तक तो हर अपराधी ही इस पीड़ा से गुजरता है तो फिर संजय दत्त कि ही सजा को क्यों माफ कर दिया जाना चाहिए जबकि बाकी अपराधी इस पीड़ा को झेलनें के बाद भी सजा भुगतते है ! दूसरा तर्क ये दिया जा रहा है कि संजय दत्त को जेल भेजे जानें कि सजा उसके परिवार को भी मानसिक पीड़ा झेल कर भुगतनी होती है तो मुझे नहीं लगता कि अन्य जितनें भी अपराधी सजा भुगतते हैं उनके पारिवारिक लोगों के अंदर मानसिक भावनाएं नहीं होती होगी !
वैसे भी मुझे लगता है कि संजय दत्त की सजा माफ़ी कि बात अभी से करनें वाले ज्यादा जल्दबाजी में है क्योंकि अभी तक तो संजय दत्त के पास भी सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करनें का रास्ता खुला हुआ है ! और मुझे नहीं लगता कि संजय दत्त पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेंगे ! और उसके बावजूद भी अगर सर्वोच्च न्यायालय उनकी सजा को बरकरार रखता भी है तो उनकी सजा माफ नहीं कि जानी चाहिए ! क्योंकि ऐसा करनें से देश कि जनता के सामनें कानून को लेकर गलत धारणा बनेगी और उनको लगेगा कि कानून के मामलें में कहा तो यह जाता है कि कानून सबके लिए बराबर है लेकिन जब किसी रसूखदार आदमी पर कानून कि मार पड़ती है तो उनको किसी ना किसी रास्ते से बचा लिया जाता है !
ऐसी मांग करनें वालों लोगों में जब जस्टिस काटजू खड़े नजर आये तब तो और भी अफ़सोस हुआ क्योंकि काटजू नें ऐसी मांग रखते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल को संजय दत्त कि माफ़ी के लिए सलाह तक दे डाली जो निश्चय ही दुर्भाग्यपूर्ण ही कही जायेगी क्योंकि काटजू सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं ऐसे में उन्हें पता होना चाहिए कि वो ऐसा करनें कि सलाह देकर एक आम और खास अपराधी में भेदभाव का सन्देश देश को दे रहें हैं ! वैसे भी संजय दत्त के बजाय यही जुर्म किसी अन्य साधारण आदमीं ने किया होता तो उसे केवल हथियार रखनें का आरोपी पुलिस द्वारा नहीं बनाया जाता बल्कि उसको आतंकवादियों से सम्बन्ध रखने का आरोपी और बना दिया जाता लेकिन संजय दत्त को केवल अवैध रूप से हथियार रखनें का ही आरोपी बनाया गया है ! जबकि दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील जैसे लोगों से संजय दत्त कि दोस्ती कि बात खुद संजय दत्त भी कबूल कर चूका है !
संजय दत्त कि माफ़ी के पक्ष में जितनें भी तर्क दिए जा रहें है उनमें कोई सा भी तर्क ऐसा नहीं है जो बाकी अपराधियों पर नहीं लागू होता है ! संजय दत्त कि सजा माफ़ी के पक्ष में एक तर्क तो ये दे रहें है कि इतनें सालों तक संजय दत्त इस मामले को लेकर परेशान रहे हैं इसलिए उनको मानवीय आधार पर माफ कर दिया जाना चाहिए ! लेकिन जितने सालों तक अदालती कारवाई चलती है उतने वर्षों तक तो हर अपराधी ही इस पीड़ा से गुजरता है तो फिर संजय दत्त कि ही सजा को क्यों माफ कर दिया जाना चाहिए जबकि बाकी अपराधी इस पीड़ा को झेलनें के बाद भी सजा भुगतते है ! दूसरा तर्क ये दिया जा रहा है कि संजय दत्त को जेल भेजे जानें कि सजा उसके परिवार को भी मानसिक पीड़ा झेल कर भुगतनी होती है तो मुझे नहीं लगता कि अन्य जितनें भी अपराधी सजा भुगतते हैं उनके पारिवारिक लोगों के अंदर मानसिक भावनाएं नहीं होती होगी !
वैसे भी मुझे लगता है कि संजय दत्त की सजा माफ़ी कि बात अभी से करनें वाले ज्यादा जल्दबाजी में है क्योंकि अभी तक तो संजय दत्त के पास भी सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करनें का रास्ता खुला हुआ है ! और मुझे नहीं लगता कि संजय दत्त पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेंगे ! और उसके बावजूद भी अगर सर्वोच्च न्यायालय उनकी सजा को बरकरार रखता भी है तो उनकी सजा माफ नहीं कि जानी चाहिए ! क्योंकि ऐसा करनें से देश कि जनता के सामनें कानून को लेकर गलत धारणा बनेगी और उनको लगेगा कि कानून के मामलें में कहा तो यह जाता है कि कानून सबके लिए बराबर है लेकिन जब किसी रसूखदार आदमी पर कानून कि मार पड़ती है तो उनको किसी ना किसी रास्ते से बचा लिया जाता है !
7 टिप्पणियां :
संजय दत की प्रतिष्ठा इसी में है की वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का आदर करें,बहुत ही बेहतरीन आलेख.
मामला कोर्ट का है फैसला भी आ चुका है,संजय को कोर्ट का फैसला मानना चाहिए,,,
आभार !!
बहुत सही कहा है आपने kintu ek bat hai ab sanjay datt kya hain is par bhi to dhyan dena chahiye .aur puarn ji katju supreem court ke nyayadheesh rah chuke hain mukhya nyayadheesh nahi . आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें शख्सियत होने की सजा भुगत रहे संजय दत्त :बस अब और नहीं . .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MAN
संजय दत्त नें जो अपराध किया है उसकी सजा मिलनी ही चाहिए नहीं तो इसका बहुत ही गलत सन्देश जाएगा !! और काटजू के बारे में आपनें सही कहा है !!
आभार !!
काटजू साहब एक प्रतिवेदन ये क्यों नहीं देते -देश में दो तरह के क़ानून हों -आम आदमी के लिए एक और ख़ास के लिए हर मुद्दे पे दूसरा .
तपासे (पूर्व राज्यपाल हरियाणा )ने जबसे मुंह काला करवाया देवीलाल को हटाके भजन लाल को हरियाणा की गद्दी पे बिठाया -राज्यपाल इस प्रकार की सज़ा माफ़ी देने का अधिकारी होने की पात्रता खो चुका है .यह सफ़ेद हाथी केंद्र विरोधी सरकारों को उखाड़ने के लिए पाले हुए है .
क्या राज्यपाल का पद सुप्रीम कोर्ट से ऊपर होता है ?
आप प्रेस कोंसिल आफ इंडिया का अपना काम देखिये काटजू साहब .
बिलकुल सही कहा है आपनें !!
सादर आभार !!
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