शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

दिग्भ्रमित से लगते राहुल गांधी !!

कांग्रेस जहां राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की सोच रही है वहीँ लगता है अभी तक राहुल गांधी राजनीति में अपरिपक्व ही है ! उनको राजनीति में आये लगभग दस वर्ष से ज्यादा हो गये हैं लेकिन वो जनता के बीच अपनी गांधी परिवार से जुड़े होनें के अलावा कोई छाप छोड़ पानें में नाकाम ही साबित हुए है ! और कई बार तो खुद राहुल गाँधी ही दिग्भार्मित से नजर आते है जिससे उनकी समझदारी पर ही प्रश्नचिन्ह लगता हुआ दिखाई पड़ता है ! ऐसे में पारिवारिक पृष्ठभूमि के सहारे ही वो प्रधानमंत्री पद के दावेदार नजर आते है ! वैसे उनके अभी तक के नजरिये पर गौर किया जाए तो वो अस्पष्ट सा ही नजर आता है ! वो समस्याएं गिनाते है लेकिन समाधान उनके पास नहीं है ! वे लोगों की दुर्दशा कि बात करते हैं लेकिन उनकी बेहतरी का रास्ते के बारे में वो अनजान हैं !

राहुल गांधी कि कांग्रेस में जो हैसियत उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण है ! उसके कारण अगर वो करना चाहे और कुछ करनें कि उनकी इच्छा हो तो अभी तक बहुत कुछ कर सकते थे क्योंकि इस देश का बच्चा बच्चा जानता है कि गांधी परिवार ही कांग्रेस है और जब गांधी परिवार ही कांग्रेस हो तो जाहिर है कि प्रधानमंत्री कोई भी क्यों नहीं हो उस परिवार कि सोच ही सरकार कि सोच होती है और उसी सोच के सहारे नीतियां बनती है और उन पर अमल होता है ! इसलिए राहुल गांधी के पास अगर जनता कि बेहतरी के लिए कुछ करनें कि इच्छाशक्ति होती तो यूपीए सरकार के इन नौ सालों में वो बहुत कुछ कर सकते थे ! लेकिन हकीकत के आयने में देखे तो ऐसा कुछ नजर नहीं आता है !


कल राहुल नें सीआईआई के सालाना अधिवेशन में जब बोलनें को खड़े हुए तो सबसे पहले तो उन्होंने गलत पेज से उन्होंने गलत पेज से शुरुआत की और उसके बाद भी वो बीच बीच में अटकते रहे ! जिससे ये तो जाहिर हो ही गया कि जो भाषण राहुल पढ़ रहे थे वो उनका नहीं बल्कि किसी और का लिखा हुआ पढ़ रहे थे ! उसके बाद उन्होंने जो कहा उसमें से ऐसा कुछ निकलकर नहीं आया जिस पर गौर किया जा सके ! उन्होंने युवाओं का जिक्र किया उनकी मुश्किलों का जिक्र किया और उनकी सकारात्मक उर्जा की बात की और यह भी कहा कि उनकी मुश्किलों को दूर करना होगा ! लेकिन ये नहीं बताया कि उनकी मुश्किलों को कौन दूर करेगा ! और आजादी के पैंसठ सालों बाद भी यही हालात हैं तो इसका जिम्मेदार कौन है क्योंकि इन पैंसठ सालों में उनकी पार्टी और उनका परिवार ही सबसे ज्यादा सता में रहा है ! 

दूसरी बात उन्होंने जो कही वो शिक्षा व्यवस्था को लेकर कही और उन्होंने सवाल पूछा कि "क्या हमारी शिक्षा व्यवस्था में कोई ढांचा है ?" और इसके बाद उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था पुरानी पड़ चुकी है ! लेकिन इस पर भी वो यह बताने में नाकामयाब रहे कि किस तरह कि शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए और कैसी शिक्षा व्यवस्था लागू करनें के इच्छुक हैं ! कुल मिलाकर राहुल गांधी का हाल कुछ वैसा ही है जैसा कि किसी आदमी को खाना बनाना भले ही नहीं आये लेकिन वो खाने में कमियां निकाल दें और जब पूछा जाए कि सुधार कैसे किया जाए तो कह दे मुझे क्या पता !!

17 टिप्‍पणियां :

Unknown ने कहा…

सही लिखा आपने,आभार।

Shalini kaushik ने कहा…

karat karat abhyas te jadmati hot sujan aur aalochakon ka mukhya hath hota hai pratibha ko nikharne me.सार्थक प्रस्तुति . आभार आ गयी मोदी को वोट देने की सुनहरी घड़ी .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1

अज़ीज़ जौनपुरी ने कहा…

lekhani ki dhar bani rahani chahiye, Pooran bhayee

प्रवीण गुप्ता - PRAVEEN GUPTA ने कहा…

बिलकुल ठीक लिखा हैं आपने...वन्देमातरम...

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

Rajendra kumar ने कहा…

बेहतरीन सार्थक आलेख,राहुल गाँधी ने अभी तक कोई विशेष उपलब्धी हासिल नही कर पायें हैं.

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

आज की ब्लॉग बुलेटिन बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

राहुल को अभी बहुत कुछ सीखना है

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सही कहा है आपनें !!
सादर आभार !!

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

चक्कर में पड़े हैं बेचारे !

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सादर आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सादर आभार !!

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

बहुत सटीक लेख भाई जी | मुझे तो समझ नहीं आता ये यहाँ हिन्दुस्तान में है ही क्यों ? पता नहीं इन जैसों से भारत का पिण्ड कब छूटेगा | बहुत सुन्दर लेखन | बधाई |

कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page

Amrita Tanmay ने कहा…

एकदम खरी-खरी..

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!