गुरुवार, 23 मई 2013

मीडिया ,मीडिया कम चक्करघिन्नी ज्यादा नजर आता है !!

आजकल भारतीय मीडिया को बैठे बिठाए ख़बरें चाहिए और अगर किसी तरह का कोई मसाला खबर बनने लायक मिल जाता है तो उसको अनवरत चक्करघिन्नी की तरह चलाता रहता है ! खासतौर से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तो आज ऐसा हि करता है ! अब आप क्रिकेट में फिक्सिंग वाली खबर को हि ले लीजिए ! जब से मामला उजागर हुआ है तब से ऐसा लगता है कि इस क्रिकेट फिक्सिंग वाली एकमात्र खबर को छोडकर देश में कुछ हो हि नहीं रहा है ! दरअसल दोनों दिन भारतीय मीडिया एक हि खबर को लगातार दिखाकर पकाऊ बनता जा रहा है !

जबकि पिछले कई वर्षों में देखा जाए तो इलेक्ट्रोनिक मीडिया किसी भी तरह की जानकारियों को उजागर करने में नाकाम रहा है ! प्रिंट मीडिया तो फिर भी कई बार कुछ उजागर करता है लेकिन इलेक्ट्रोनिक मीडिया ऐसा कुछ नहीं करता है ! बस किसी और माध्यम से उजागर हुयी जानकारियों को हि चक्करघिन्नी की तरह घुमाता रहता है जिससे जनता धीरे धीरे उबती जा रही है ! दरअसल इलेक्ट्रोनिक मीडिया में व्यवसायिक सोच पत्रकारिता की सोच के ऊपर बेतहाशा हावी हो चुकी है ! जिसके कारण वो बेठे बिठाए ऐसा मसाला चाहता है जिससे कुछ दिन तक दर्शकों को बहलाया जा सकें !

दर्शकों को बहलाने वाली सोच को आप उसके दिन भर चलने वाले कार्यकर्मों के जरिये देख सकतें हैं ! ऐसी कौनसी बात है जो मीडिया नहीं दिखाता है भले ही उस बात से अन्धविश्वास को हि बढ़ावा क्यों नहीं मिलता हो ! ज्योतिष,फ़िल्मी बातें ,धार्मिक कार्यक्रम और क्रिकेट आदि सब कुछ तो मीडिया पर हाजिर है और फिर भी समय बचता है तो चक्करघिन्नी की तरह चलने वाली ख़बरें तो है ही ! हकीकत में मीडिया की सोच जानकारियों को जनता तक पहुंचाने के बजाय समय गुजारने की ज्यादा बनती जा रही है ! जिसके कारण ही कुछ चैनल तो ऐसे हैं जो छोटी छोटी बातों को बढचढकर दिखाते हैं और उनको आक्रात्मकता के साथ पेश करने की कोशिश करतें हैं !

मीडिया की इसी सोच का परिणाम यह होता है कि किसी नए मामले के सामने आने के साथ ही पुराने मामले दबते से चले जाते हैं ! जबकि कई बार तो खुद मीडिया पर ही यह आरोप लगते हैं कि उसनें मामले को दबाने के लिए ही दूसरे मामले को ज्यादा तवज्जो देनी शुरू कर दी और आज के मीडिया को देखते हुए ऐसी किसी संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है !
 

8 टिप्‍पणियां :

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

इसीलिये तो मिडीया वाले गुरू घंटाल कहलाते हैं आजकल.

रामराम.

Unknown ने कहा…

आज की मीडिया पर सटीक आलेख पूरण जी।

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सही कहा ताऊ !!
राम राम ,आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार मनोज जी !!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत सुंदर सटीक आलेख ,,,
Recent post: जनता सबक सिखायेगी...

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बिल्कुल सही कहा पूरन जी,
मैं तो इसी माध्यम से जुड़ा हूं
फिर भी मुझे ये मानने में कोई गुरेज नहीं।

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!