मंगलवार, 30 जुलाई 2013

अखिलेश सरकार अपनी विफलताओं को तुष्टिकरण की आड़ में छुपाना चाहती है !!

उतरप्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार अपनीं नाकामियों को मुस्लिम तुष्टिकरण के सहारे छुपाने की कोशिश करती देखी जा रही है ! पिछले साल मार्च २०१२ में सत्ता संभालने वाली सरकार से लोगों को काफी उम्मीदें थी और युवा मुख्यमंत्री अखिलेश से तो लोगों को उम्मीदें इसीलिए भी थी कि वो कीचड़ भरी राजनीति नहीं करेंगे और प्रदेश को एक अच्छी सरकार देंगे ! लेकिन अखिलेश यादव की इस सरकार नें प्रदेश की जनता और देश के बुद्धिजीवियों को ना केवल निराश किया बल्कि उतरप्रदेश को बद से बदतर स्थति में पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है !

अखिलेश सरकार को सत्ता संभाले अभी एक साल से कुछ ही ज्यादा समय हुआ है लेकिन प्रदेश का सांप्रदायिक सद्भाव पूरी तरह से बिखर चूका है और हालत किस कदर खराब है कि बरेली जैसे स्थानों का साम्प्रदायिक सद्भाव आजादी से लेकर अभी तक नहीं बिगड़ा था और किसी भी भड़काऊ मुद्दे से दूर रहनें वाला यह शहर भी इस समयावधि में तीन बार दंगे का दंश झेल चूका है ! अभी तक प्रदेश में इस समयावधि में उतरप्रदेश में होनें वाले तीस से ज्यादा दंगे साम्प्रदायिक सद्भाव के चकनाचूर होनें की कहानी कहने के लिए काफी है और अखिलेश सरकार को कठघरे में खडा करनें का भी पर्याप्त कारण है ! क्योंकि मार्च में इस सरकार के सत्ता संभालने के बाद से ही ऐसा हो रहा है जिसके कारणों में इस सरकार की मुस्लिम तुस्टीकरण की नीति है जो एक तरह से सद्भाव बिगाड़ने वालों का हौसला बढ़ा रही है !

इस सरकार के कारनामों पर नजर डालनें से सारा मंजर समझ में आ जाता है ! किस तरह से जेलों में बंद मुस्लिम आतंवादियों को रिहा करनें की बात की गयी थी ! और उनको रिहा करनें की कोशिश भी की गयी थी लेकिन इलाहबाद उच्च न्यायालय नें उस पर रोक लगा दी जिसके कारण सरकार वैसा कर नहीं पायी ! लेकिन इस सरकार नें बनने के बाद हर समय ऐसा ही सन्देश दिया है वो केवल और केवल मुसलमानों की ही सरकार है और उसी का परिणाम आज ये है कि उतरप्रदेश का सांप्रदायिक सद्भाव अपनें निचले स्तर पर आ चूका है ! और उसकी परिणति दंगो के रूप में सामने आ रही है !


अब दो दिन पहले का ही मामले की बात करें तो जो दलील देकर एक ईमानदार अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को हटाया गया जिसमें दलील ये दी गयी कि उन्होंने एक मस्जिद की अवैध निर्माणाधीन दीवार को गिरा दिया गया जिसके कारण उनको निलम्बित किया गया है ! हालांकि शक की सुई अवैध खनन माफिया की तरफ घूम रही है लेकिन उतरप्रदेश सरकार की दलील की बात करें तो वो दलील हास्यास्पद ही लगती है क्योंकि कारवाई किस पर होनीं चाहिए ! क्या अवैध निर्माण करनें वालों पर कारवाई नहीं होनी चाहिए और उस अवैध निर्माण को रोकनें की जिम्मेदारी जिस अफसर की है उसनें अपनीं जिम्मेदारी का पूर्णतया निर्वहन किया तो उस पर कारवाई की गयी ! मतलब दोषी को सरकारी सरंक्षण और ईमानदार को सजा देकर उतरप्रदेश सरकार कैसे शासन की मिसाल पेश करना चाहती है !

कानून व्यवस्था की स्थति उतरप्रदेश में पहले भी अच्छी नहीं थी लेकिन ये सरकार आनें के बाद तो अपराधियों के हौसले इतनें बुलंद है कि उनको पुलिस का भी खौफ नहीं रहा और वो पुलिसवालों की जानें भी लेनें लगे हैं और अपराधियों को डर हो भी भला क्यों जब सरकार उनकी मददगार साबित हो रही हो ! जब जिस प्रदेश की सरकार के शासनकाल में चारों और अव्यवस्था का वातावरण बना हुआ हो तो विकास की बात तो करना ही बैमानी है ! सरकार विकास की और ध्यान दे भी तो कैसे क्योंकि उसका सारा ध्यान तुस्टीकरण की राजनीति पर लगा हुआ है लेकिन खिलाफत आंदोलन से शुरू हुयी तुस्टीकरण की ऐसी राजनीति नें ही देश को दो टुकड़ों में बाँट दिया था और आज तो हर कोई पार्टी ऐसी ही तुस्टीकरण की राजनीति में लगी हई है और उसमें भी अखिलेश सरकार नें इस मामले में हर सीमा को पार करनें की ठान रखी है !!

21 टिप्‍पणियां :

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

इन दोगले गिरगिटों के लिए चुनावी गणित इतनी प्यारी है कि ईमान के गणित को भी गड़बड़ कर दे! एक ऐसे अधिकारी को सजा दी गई, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए था ! तो सोचिये ये गिरगिट इस देश को किस दिशा में ले जा रहे है ?

HARSHVARDHAN ने कहा…

पूरण जी,,, आपके विचारों से पूर्ण सहमत हूँ। सार्थक लेख। आभार।।

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कालीपद "प्रसाद" ने कहा…


जब उसके जड़ कीचड़ में है तो वह कीचड़ से दूर कैसे रह सकता है
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ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बिल्कुल सही कहा आपने.

रामराम.

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सादर आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार ताऊ !!
राम राम !!

प्रवीण गुप्ता - PRAVEEN GUPTA ने कहा…

हालत खराब करदी हैं इन बाप बेटो ने, बस अब कलमा पढ़ना बाकी हैं...

रविकर ने कहा…

फलता है हर फैसला, फैला कारोबार |
अधिकारी का हौंसला, तोड़े बारम्बार |
तोड़े बारम्बार, शक्ति दुर्गा की तोड़े |
सच्चाई की हार, वोट कुछ दल ने जोड़े |
छलता सत्ता-असुर, सिंह रह गया उछलता |
हुवा फेल अखिलेश, छुपाता सतत विफलता

रविकर ने कहा…

दुर्गा पर भारी पड़े, शुतुरमुर्ग के अंड |
भस्मासुर को दे सकी, आज नहीं वह दंड |

आज नहीं वह दंड, नोयडा खाण्डव-वन है |
कौरव का उत्पात, हारते पाण्डव जन हैं |

फिर अंधे धृतराष्ट्र, दुशासन बेढब गुर्गा |
बदल पक्ष अखिलेश, हटाते आई एस दुर्गा-

रविकर ने कहा…

आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।। त्वरित टिप्पणियों का ब्लॉग ॥

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सारी सीमाएं तोड़ते जा रहें हैं !!
आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

एक एक शब्द सत्य कहा है !!
सादर आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सहर्ष सादर आभार !!

Asha Joglekar ने कहा…

मुलायम क्या अखिलेश क्या और कांग्रेस क्या तुष्टीकरण ही इनकी नीति है ।

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सही कहा आपनें !!
आभार !!

dr.mahendrag ने कहा…

उत्तरप्रदेश का यह दुर्भाग्य ही है कि वह एक भ्रस्त सरकार से पिंड छुड़ाता है,तो दूसरी अपराधियों,गुंडों और भ्रष्टलोगों की सरकार से साबका होता है,इसमें तुष्टिकरण कि हवा देने वाले कांग्रेस जैसे दल भी सहारा देने आ खड़े होते हैं भा ज पा तो अपने मंदिर मुद्दे को लिए रामनाम जपती रहती है..ऐसे में उनके लिए किसी अच्छी सरकार को देखना दूर की कौड़ी ही है.इसके लिए चुनाव में इनको वोट देने वाले भी वहां के मतदाता ही हैं.जो जिम्मेदार हैं.

Unknown ने कहा…

क्या खूब

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सहर्ष सादर आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सही कह रहे हैं आप !!
सादर आभार !!

ZEAL ने कहा…

Muslim appeasement !