मंगलवार, 10 सितंबर 2013

अपनीं कारगुजारियों और नाकामियों को छुपानें की नाकाम कोशिश !!

उतरप्रदेश की अखिलेश सरकार अपनीं कारगुजारियों और नाकामियों को शोशल मीडिया और विपक्षी दलों पर दोष डालकर छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही है ! जबकि इन दोनों बातों में कोई सच्चाई है ही नहीं और जो सच्चाई है उसको देखनें की कोशिश नहीं की जा रही है ! सच्चाई ये है कि सपा सरकार मुस्लिम तुस्टीकरण की तमाम हदों को तोड़ चुकी है ! जिसका उदाहरण पिछले दिनों दुर्गा नागपाल वाले मामले में दिखाई भी दिया था और कोई माने या ना माने लेकिन सच्चाई यही है कि उतरप्रदेश के अधिकारी किसी मुस्लिम अपराधी पर कारवाई करनें में भी डर रहे हैं ! 

मुज्जफरनगर का दंगा भी इसी डर का परिणाम था कि २८ अगस्त को हुयी घटना पर कारवाई करने से पुलिस नें संतोषजनक कारवाई नहीं की ! जिससे लोगों में असंतोष फैलता गया जिसके परिणामस्वरूप ही भारतीय किसान यूनियन नें पंचायत का आयोजन किया और उस पंचायत को समर्थन देनें के बहाने उसमें कुछ राजनैतिक पार्टियां भी शामिल हो गयी !  तब तक कुछ भी करनें के बजाय अखिलेश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और उसी पंचायत में शामिल होनें जा रहे लोगों पर हुए हमले नें ही यह आग लगाई थी ! इस पुरे घटनाक्रम में कहीं भी शोशल मीडिया की भूमिका थी नहीं ! 

शोशल मीडिया में जो कुछ आपतिजनक सामग्री आई वो दंगों के बाद आई थी ! वैसे शोशल साइटों पर कुछ लोग होते हैं जो सदैव ऐसी सामग्री डालते रहते हैं जिसके कारण थोड़ी बहुत आपतिजनक सामग्री तो हर समय मिल जायेगी जो दंगे नहीं भड़का सकती ! और शोशल मीडिया का विस्तार इतना है भी नहीं कि उसका इतना बड़ा प्रभाव पड़ जाए इसलिए इस दलील में कोई दम नहीं है कि शोशल मीडिया के कारण मुज्जफरनगर का दंगा हुआ है ! हाँ शोशल मीडिया पर जो लोग पहले से अंकुश लगाने की मंशा पाले बैठे हैं वो जरुर ऐसी अफवाहें उड़ा सकते हैं !


और अगर शोशल मीडिया में उठ रहे सवालों को आपतिजनक माना जा सकता है तो वैसे प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रोनिक मीडिया भी ख़बरों को जिस  तरह से प्रसारित कर रहें हैं वो भी आपतिजनक कही जा सकती है ! अब में आपको एक फोटो अपनें को जिम्मेदार कहनें वाले आज तक की फेसबुक पर डाली गयी खबर की दिखाता हूँ जिसको भी आपतिजनक माना जा सकता है ! यह अलग बात है आप किसको आपतिजनक मानते हैं अथवा किसको नहीं मानते हैं ! 







कुछ तस्वीरें प्रिंट मीडिया की भी दिखा सकता हूँ जिनको इस माहौल में आपतिजनक माना जा सकता है लेकिन में उनको यहाँ नहीं दिखाना चाहता हूँ ! लेकिन मेरा कहना यही है कि  एक दो फोटो अथवा अन्य सामग्री को लेकर शोशल मीडिया पर आरोप लगाने के बजाय असली सच्चाई को स्वीकार करके सुधार किया जाएगा तभी कुछ हो सकता है  वर्ना बहाने बनाते रहिये और बहानों से सबको पता है कि सुधार हो नहीं सकता ! और असली सच्चाई को हर कोई जानता है लेकिन कहनें से कतराते हैं इसलिए अब बुद्धिजीवियों पर यह दायित्व है कि वो सच को मुखरता से सामनें लाते हैं या फिर मौन रहकर अथवा लीपापोती करके इसको और बढ़ावा देते हैं ! में इस सच्चाई का उल्लेख आज नहीं बल्कि मेरे अग्रलिखित लेखों में भी करता आया हूँ !

अंत में जो दंगों में धर्म का फर्क देखते हैं उनके लिए डा. नवाज देवबंदी का यह शेर :-

जलते घर को देखने वाले,फूस का छप्पर आपका है।
आपके आगे तेज हवा है, आगे मुकद्दर आपका है।
उसके कत्ल पर मैं भी चुप था, मेरा नंबर अब आया है।
मेरे कत्ल पर आप भी चुप हैं, अगला नंबर आपका है।

18 टिप्‍पणियां :

indu chhibber ने कहा…

bahut khub

अज़ीज़ जौनपुरी ने कहा…

आप बिलकुल ठीक कह रहें हैं

Darshan jangra ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - बुधवार - 11/09/2013 को
आजादी पर आत्मचिन्तन - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः16 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra





पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सादर आभार !!

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

सटीक पोस्ट

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति...!
--
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज बुधवार (11-09-2013) को हम बेटी के बाप, हमेशा रहते चिंतित- : चर्चा मंच 1365- में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
आप सबको गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

virendra sharma ने कहा…



बहुत खूब लिखा है ई अखिलेश्वा तो बाद दंगा भी गोल टोपी पहन कर आता है जबकि मौक़ा न ईद का है न इफरात पार्टी का। ये सेकुलर चोले देश में गृह युद्ध बो रहे हैं।

virendra sharma ने कहा…

बेहतरीन सेतु शामिल किये हैं आपने सार्थक प्रयास। बधाई। शुक्रिया हमारा सेतु लेने के लिए।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

स्वार्थ की राजनिती का यही अंजाम होता है. बेहद सटीक कहा आपने.

रामराम.

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सहर्ष सादर आभार आदरणीय !!
आपको भी गणेशोत्सव की अपार शुभकामनायें !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सही कहा आपनें !
सादर आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

................. आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार ताऊ !

राम राम !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

Unknown ने कहा…

बेहद सटीक आलेख पूरण जी।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सच कहा है आपने ... अपनी नाकामी को छुपाना चाहती है अखिलेश सरकार ...

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!