चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
हर शरीर मन्दिर सा पावन, हर मानव उपकारी है ।
जहाँ सिंह बन गये खिलौने, गाय जहाँ मा प्यारी है ।
जहाँ सवेरा शंख बजाता, लोरी गाती शाम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
जहाँ कर्म से भाग्य बदलते, श्रम निष्ठा कल्याणी है ।
त्याग और तप की गाथाएँ, गाती कवि की वाणी है ॥
ज्ञान जहाँ का गंगा जल सा, निर्मल है अविराम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
इसके सैनिक समर भूमि में, गाया करते गीता हैं ।
जहाँ खेत में हल के नीचे, खेला करती सीता हैं ।
जीवन का आदर्श यहाँ पर, परमेश्वरका धाम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
हर शरीर मन्दिर सा पावन, हर मानव उपकारी है ।
जहाँ सिंह बन गये खिलौने, गाय जहाँ मा प्यारी है ।
जहाँ सवेरा शंख बजाता, लोरी गाती शाम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
जहाँ कर्म से भाग्य बदलते, श्रम निष्ठा कल्याणी है ।
त्याग और तप की गाथाएँ, गाती कवि की वाणी है ॥
ज्ञान जहाँ का गंगा जल सा, निर्मल है अविराम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
इसके सैनिक समर भूमि में, गाया करते गीता हैं ।
जहाँ खेत में हल के नीचे, खेला करती सीता हैं ।
जीवन का आदर्श यहाँ पर, परमेश्वरका धाम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है ।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
(रचियता : हरिमोहन विष्ठ )
6 टिप्पणियां :
सुंदर ।
बिष्ट जी की यह जोशीली रचना " बच्चा-बच्चा राम है" हम भी स्कूल के दिनों में बहुत जोश खरोश के गाते थे ...बहुत बढ़िया याद दिलाई आपने ...
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामना ...
आदर्श भारत की तस्वीर है यह। पर आजकल के हालात़़़़़़...........
आभार !!
सही कहा आपनें !
आभार !!
आज के हालात वाकई डरावने होते जा रहे हैं !
काश इस रचना वाले भावों को अंगीकार कर पाते !!
सादर आभार !!
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