देश के एक इलेक्ट्रोनिक मीडिया चेन्नल आज तक नें जब मुज्जफरनगर दंगे को लेकर स्टिंग आपरेशन किया तो देश के सामनें एक कड़वी सच्चाई बेपर्दा होकर बाहर आई ! और वो सच्चाई थी कि कैसे एक चुनी हुयी सरकार के मंत्री नें दंगों की भूमिका तैयार की और जब दंगे शुरू हो गए तो भी जो हो रहा है होनें दो का निर्देश पुलिसवालों को देकर दंगों को होनें दिया ! हालांकि देखें तो गलती उन पुलिसवालों की भी थी लेकिन इसके बावजूद इस सच्चाई को तो हर कोई जानता है कि पुलिस राज्य सरकारों के दबाव में काम करती है और जो कोई अधिकारी राज्य सरकार के दबाव में काम नहीं करता है उसे किस तरह दण्डित किया जाता है यह भी किसी से छुपा हुआ नहीं है !
हालांकि मीडिया चेन्नल के इस स्टिंग में ऐसा कुछ भी नया नहीं निकलकर आया है जिसको लोग पहले से नहीं जानते हैं ! जो ख़बरों पर बारीकी से नजर रहते हैं उन्हें पता था कि एक के बाद एक हो रहे दंगों के पीछे किसका दिमाग काम कर रहा है और उतरप्रदेश सरकार में सबसे ज्यादा किसका प्रभाव है ! और उस आदमी की मानसिकता भी किसी से छुपी हुयी नहीं थी ! हाँ इतना जरुर हुआ कि मीडिया के हाथ में सीधा हमला बोलनें का हथियार जरुर मीडिया को मिल गया जिसको भी लेनें से मीडिया चूक गया ! क्यों नहीं मीडिया नें इन दंगों के निष्पक्ष जांच की मांग उठायी जबकि इतने बड़े पैमाने पर दंगे हुए हैं ! मीडिया भी उन पार्टियों के खिलाफ तगड़ा हमला बोलनें से कतराती है जिनको सेक्युलर होनें का प्रमाणपत्र या तो मीडिया खुद बांटती है अथवा ये पार्टियां ही आपस में बाँट लेती है !
मीडिया के इसी रवैये और लेटलतीफी के कारण ही उतरप्रदेश में एक के बाद एक दंगे होते रहे और मीडिया चैन की बंसी बजाता रहा और अब इतने बड़े नरसंहार के बाद थोड़ी बहुत नींद उडी है जिसे अभी भी पूरा जागना नहीं कहा जा सकता है ! जबकि सपा सरकार आनें के बाद से लगातार वहाँ दंगों की एक श्रृखंला आरम्भ हो गयी और समझदार लोग यह जानते हैं कि बिना सरकारी सरंक्षण के इस तरह की श्रृंखला आरम्भ हो नहीं सकती ! भारत में आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि इस तरह से एक ही राज्य में लगातार एक निश्चित अंतराल पर इस तरह से दंगों की श्रृंखला आरम्भ हुयी हो ! हाँ किसी आक्रोशित करनें वाली घटना को लेकर एक ही समय में अलग अलग जगहों पर एक साथ दंगे हो चुके हैं जो एक बार काबू में आने के बाद शांत हो गए थे !