"अच्छे दिन आने वाले है" स्लोगन का जादू इस बार लोकसभा चुनावों में जमकर चला है जिसका परिणाम सबके सामने हैं ! भाजपा अकेले दम पर स्पष्ट बहुमत को पार कर गयी और एनडीए सवा तीन सौ सीटों को पार कर गया ! मोदी के नेतृत्व में मिले इस जनादेश का विश्लेषण तो राजनैतिक पंडित अगले कुछ दिनों तक करते रहेंगे लेकिन इतना तो मानना ही पड़ेगा कि जनता ने मोदी पर बेतहाशा भरोसा किया है ! यही कारण है कि आजादी के बाद पहली बार किसी गैर कांग्रेसी पार्टी को जबरदस्त बहुमत दिया है और इस तरह का स्पष्ट बहुमत भी कांग्रेस तब तक ही पाती रही है जब तक उसके सामने मजबूत चुनौती देनें लायक पार्टियां नहीं थी और जब अन्य पार्टियां मजबूती के साथ उभरी तो कांग्रेस को भी स्पष्ट बहुमत के लाले पड़ गए !
इस बार जनता नें खुलकर कई मसलों पर स्पष्ट राय दे दी जिसको अगर राजनैतिक पार्टियां समझ जाए तो उनके लिए भी अच्छा ही होगा ! तुस्टीकरण की राजनीति के सहारे सत्ता तक पहुँचने वाली पार्टियों पर लगाम लगाकर उनको स्पष्ट सन्देश दे दिया कि उनको तुस्टीकरण के सहारे साधना बंद कीजिये ! उनकी पसंद तुस्टीकरण की राजनीति नहीं बल्कि विकास की राजनीति है ! यही कारण है कि छद्म धर्मनिरपेक्षता के सहारे सत्ता तक पहुँचने का खवाब दखने वाली पार्टियों के पर जनता नें कुतर दिए ! उनको जनता नें इस लायक ही नहीं छोड़ा कि वो ऐसी कोई कोशिश ही कर सके !
गटबंधन की मजबूरियों का गलत फायदा उठाने वाली पार्टियों को भी जनता नें उनकी औकात दिखा दी ! डीएमके, सपा,बसपा ,राजद जैसी पार्टियों को मतदाताओं नें स्पष्ट सन्देश दे दिया कि वे उनको मुर्ख समझने की भूल कतई ना करें ! अगर उनके पास मजबूत विकल्प होगा तो वो उनको किनारे लगाने में कोई कोताही नहीं बरतेंगे ! उसने ऐसी सभी पार्टियों को इस बार उन सभी पार्टियों को सबक सिखाया है जो केन्द्र में तो गलबहियां डालकर सत्तासुख भोगते हैं और राज्यों में लड़ने का नाटक करते हैं ! अबकी बार जनता उनकी असलियत समझ गयी और उनको उस लायक ही नहीं छोड़ा कि वो जनता को मुर्ख बनाने की कोई कोशिश भी कर सके !