आयुर्वेद में श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) के कुछ उपाय बताये गये हैं उनमें से कुछ सरल उपाय आपको बता रहा हूँ जिनका अगर प्रयोग किया जाये तो फायदा हो सकता है ! और इनमें प्रयोग होने वाली जड़ीबूटियाँ सहजता से मिल सकती है कुछ तो अपने आसपास भी मिल जाती है और अगर कुछ नहीं भी मिलती है तो पंसारियों के यहाँ मिल जायेगी जहां से इनको ख़रीदा जा सकता है !!
१. असगंध का चूर्ण और मिश्री एक एक चम्मच मिलाकर एक कप गर्म दूध के साथ सुबह शाम नियमित रूप से कुछ हफ्ते तक सेवन करने से ना केवल श्वेत प्रदर कि शिकायत दूर होगी बल्कि शारीरिक दुर्बलता भी दूर हो जायेगी !!
२. अशोक की छाल का चूर्ण और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर गाय के दूध के साथ एक एक चम्मच कि मात्रा में दिन में तीन बार कुछ हफ्ते तक सेवन करने से श्वेत प्रदर में लाभ होता है !!
३. इमली के बीजों को पानी में कुछ दिनों तक भिगो दें ताकि छिलका आसानी से निकाला जा सके उसके बाद छिलका निकाले सफेद बीजों का पीसकर बारिक चूर्ण बना लें और इसे घी में भुनकर समान मात्रा में मिश्री मिलाकर कांच की बोतल में रख लें ! एक चम्मच कि मात्रा में दिन में तीन बार दूध के साथ सेवन करें ! इससे श्वेत प्रदर कि शिकायत दूर हो जायेगी और इसी का प्रयोग अगर पुरुष करें तो उनके लिए भी यह वीर्यवर्धक और पुष्टिकारक योग है !
४. छाया में सुखाई गयी जामुन कि छाल के चूर्ण को एक चम्मच कि मात्रा में दिन में तीन बार पानी के साथ कुछ दिन प्रयोग करने से श्वेत प्रदर में लाभ होता है !!
५. दारु हल्दी ,दाल चीनी और शहद समभाग मिलाकर एक चम्मच कि मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करने से श्वेत प्रदर से राहत मिलती है !!