यह पांच दिन की खुराक है! प्रतिदिन प्रात:चार चम्मच चाय से पहले लेकर इसको समाप्त करे! छठे दिन फिर ताजा बनाले! चाहे तो रोज ताजा निकालकर सेवन करें! यह प्रयोग कम से कम २१ दिन और अधिक से अधिक दो माह तक सेवन करना चाहिए! इसके सेवन से स्नायविक शिथिलता, ढीलापन,सुस्ती और कमजोरी दूर भाग जाती है तथा उतेजना,तनाव,कठोरता एवं बल में भरी वृद्धि होती है!
इसका प्रयोग करते समय दो सावधानियां रखनी चाहिए -
१.जिस शीशी में इसको रखे उस पर चूडीदार ढकन ना लगा हो उसमे कागज या कार्क का ढकन बनाकर लगावें क्योंकि इसमें एक दो रोज में गैस बनती है जो अगर नहीं निकलती है तो शीशी को तोड़ देती है! गैस निकलते समय ऐसी आवाज होती है जैसे कोई छोटा मोटा पटाखा फूटा हो !
२.इसका सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखे कि इसका प्रभाव कैसा और कितना हो रहा है! सहन शक्ति से अधिक तनाव और उतेजना होने पर इसका सेवन बंद कर देना चाहिए!!
3 टिप्पणियां :
बहुत अच्छी जानकारी,,,के लिए आभार,,,
RECENT POST,,,इन्तजार,,,
Parhez kis cheej ka karna hai. . . or is k saath or kya khana chahiye jisse fayada ho... or kya nhi khana chahiye. isko lene ka sabse achcha samay (mosam) kon sa hota hai?
kya pit prakriti wale b ye le sakte hai?
ऐसा कोई परहेज नहीं है और सभी प्रकृति वाले ले सकते है बस ध्यान यही रखना है कि ज्यादा उतेजना या तनाव हो तो बंद कर दें !!
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