शुक्रवार, 23 नवंबर 2012

कसाब को सजा मिली लेकिन गुपचुप तरीके से क्यों !!

मुंबई हमले के एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को आखिरकार उसके किये कि वो सजा मिल गयी जो भारतीय कानून के अनुसार मिल सकती थी और उसको फांसी पर लटका दिया गया लेकिन जिस तरह से गुपचुप तरीके से उसको फांसी दी गयी वो कई सवालों को जन्म दे गयी !

किसी भी अपराध के लिए दण्डित करना केवल उसी अपराधी को दण्डित करना भर नहीं होता बल्कि बाकी उसी तरह के अपराधियों के मन में भय बैठाना भी होता है कि आगे जाकर उनका भी यही हश्र हो सकता है इसलिए अपराध से दूर रहने में ही भलाई है और इसी सोच को ध्यान में रखकर दण्ड प्रक्रिया बनाई जाती है और बात अगर मृत्युदंड कि हो तो जाहिर है कि यह उसी को दिया जाता है जिसने इस तरह का अपराध किया हो जो किसी भी तरह से क्षमा के योग्य नहीं हो और ना ही वो समाज में जीवित रहने का अधिकारी हो !!

जिस तरह से कसाब के मामले में पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए उसके अंजाम तक पंहुचाया गया वो काबिलेतारीफ था और सम्पूर्ण विश्व ने भारत की न्यायिक प्रक्रिया कि खूबसूरती और पारदर्शिता को देखा और विश्व में यह सन्देश भी गया कि कोई कितना भी बड़ा अपराधी हो उसको अपना बचाव करने का प्रयाप्त अवसर भारत की न्यायिक प्रक्रिया में मिलता है !


लेकिन अंत में सरकार ने कसाब को गुपचुप तरीके से फांसी देकर सरकार ने क्या साबित किया यह समझ के परे है क्योंकि उसके पास फांसी देने के अलावा कोई चारा नहीं था क्योंकि राष्ट्रपति ने कसाब के मृत्युदंड को बरकरार रखा था इसलिए फांसी तो कसाब को होनी ही थी लेकिन जिस तरह से उसको फांसी दी गयी इससे तो दो ही सन्देश निकल कर आते है कि या तो सरकार आतंकवादीयों से भयभीत हो गयी और उसको ये डर सता रहा था कि आतंकवादी किसी घटना को अंजाम दे सकते हैं या फिर सरकार को अपने देशवाशियों पर भरोसा नहीं रहा होगा और उसको लगा होगा कि कसाब कि फांसी को प्रचारित करने से स्थति बिगड सकती है या फिर सरकार उन मानवाधिकारवादियों से डर गयी होगी जो फांसी का विरोध कर सकते थे !!

सरकार के सामने कारण चाहे जो भी रहा हो लेकिन इससे अच्छा सन्देश तो कतई नहीं गया जहां आतंकवादियों के पास इससे ये सन्देश गया कि भारत सरकार हमसे डर गयी वहीँ विश्व जगत में इससे ये सन्देश गया है कि भारत सरकार को अपने लोगों पर ही भरोसा नहीं है जो कतई अच्छा नहीं कहा जा सकता !!

1 टिप्पणी :

ZEAL ने कहा…

मुझे शक है की वो मरा भी है या नहीं ! सब कुछ गुपचुप होने की वजह क्या है?