बुधवार, 19 दिसंबर 2012

बलात्कारियों के खिलाफ कड़े कानून कब बनेंगे !!

देश में बलात्कार की घटनाओं लगातार वृद्धि दर्ज हो रही है अगर आधिकारिक आंकड़ों की ही बात करें तो एक साल में पुरे देश में लगभग पच्चीस हजार महिलाओं ,लड़कियों और बच्चियों के साथ बलात्कार होतें हैं और कई मामलों कि तो रिपोर्ट ही दर्ज नहीं करवाई जाती है ! आज देश में चार साल की बच्चियों से लेकर पैंसठ साल की वृद्ध महिलाओं तक के साथ बलात्कार हो रहा है जो निश्चित रूप से समाज और सरकारों के लिए शर्मनाक है ! बलात्कार के मामलों में साल दर साल बढ़ोतरी ही दर्ज हो रही है जो यह दर्शाने के लिए काफी है कि हम कैसे समाज का निर्माण कर रहें है ! हमारी सरकारें भी लगता है कुम्भकर्णी नींद में सो रही है जो ज्यादा हो हल्ला होता है तो जागती है और कुछ बयानबाजियां करके फिर गहरी नींद में सो जाती है !!

देश की राजधानी में चलती बस में हुयी बलात्कार की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया और बलात्कार के मामलों में होने वाली कानूनी कारवाइयों पर एक नयी बहस छेड दी है ! लेकिन विचारणीय बात यह है कि ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है दिल्ली सहित पुरे देश में बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रही है लेकिन अफसोसजनक बात है कि हमारा समाज और हमारा मीडिया दो चार दिन हल्ला मचाता है और फिर सब कुछ भूल कर आगे बढ़ जाता है जब तक कि कोई दूसरी चर्चित बलात्कार की घटना नहीं हो जाती हो और इतने से हमारी सरकारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती है ! इसलिए जरुरी है कि बलात्कारियों के खिलाफ कड़े कानून बनाने के लिए मजबूर किया जाये !!

अदालतों की लंबी कानूनी प्रक्रिया और पुलिस का ढुलमुल रवैया भी बलात्कारियों के लिए मददगार साबित होता है और कई बलात्कारी तो सजा से भी बच जाते हैं और कुछ को सजा होती भी है तो वो भी इतनी नहीं होती है जिसका खौफ पैदा हो और लंबी अदालती प्रक्रिया के कारण बलात्कार पीडिता को लगातार जलालत झेलनी पड़ती है ! इसलिए सरकार को कानून बनाकर बलात्कार के मामलों की सुनवाई लिए फास्ट ट्रेक कौर्ट बनाने चाहिए और बलात्कार के मामलों की सुनवाई और सजा के लिए अधिकतम छ: महीने का समय ही निर्धारित कर देना चाहिए ! तथा यह भी सुनिश्चित किया जाये कि बलात्कार के मामलों की सुनवाई और पैरवी करने के लिए भी महिला जज और महिला वकील ही हो ताकि बलात्कार पीड़िता को कम से कम जलालत झेलनी पड़े ! और बलात्कारी के प्रति किसी भी प्रकार की हमदर्दी ना रखते हुए सरकार को चाहिए कि बलात्कारी के खिलाफ सरेआम फांसी या फिर कोई और खौफनाक सजा का प्रावधान भी करना चाहिए ताकि
सजा से खौफ पैदा किया जा सके !!

समाज को भी बलात्कार के मामलों में अपना नजरिया बदलने कि जरुरत है क्योंकि अमूमन देखा जाता है कि बलात्कार पीड़िता को समाज शक कि नजर से देखता है जो कतई सही नहीं है ! क्योंकि वो पीड़ित होती है गुनहगार नहीं और जो गुनहगार होते है उनको इसी का फायदा होता है और वो लोग समाज के सामने सर उठाये घूमते हैं और जो पीड़ित होती है उसको जलील होना पड़ता है इसलिए समाज को भी पीड़ित को ही कसूरवार समझने की अपनी इस दकियानूसी सोच से बाहर निकलना होगा और ब्लात्कारियों का सामाजिक बहिष्कार करना होगा ताकि हमारी बहन बेटियाँ सुरक्षित रह सके !!

5 टिप्‍पणियां :

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

आदमी आज भी वही है जोकि वह आदिम युग में था। समय के साथ साधन बदलते हैं लेकिन प्रकृति नहीं बदलती। बुरे लोगों की बुराई से बचने के लिए अच्छे लोगों को संगठित होकर अच्छे नियमों का पालन करना ही होगा। इसके सिवाय न पहले कोई उपाय था और न आज है।
http://commentsgarden.blogspot.in/2012/12/blog-post.html

रजनीश के झा (Rajneesh K Jha) ने कहा…

बेहतर लेखन !!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

एसे लोगों का सामाजिक बहिस्कार होना ही चाहिए,,,

recent post: वजूद,

vandana gupta ने कहा…

अपने इस दर्द के साथ यहाँ आकर उसे न्याय दिलाने मे सहायता कीजिये या कहिये हम खुद की सहायता करेंगे यदि ऐसा करेंगे इस लिंक पर जाकर

इस अभियान मे शामिल होने के लिये सबको प्रेरित कीजिए
http://www.change.org/petitions/union-home-ministry-delhi-government-set-up-fast-track-courts-to-hear-rape-gangrape-cases#

कम से कम हम इतना तो कर ही सकते हैं

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

जरुर वंदना जी !!