पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मालिक अपने भारत दौरे के दौरान अपने विवादित बयानों को लेकर काफी सुर्खियाँ बटोरी वहीँ उनके दौरे के बारे में संसद में जानकारी देते हुए भारतीय गृहमंत्री द्वारा मुंबई हमले के मुख्य आरोपी हाफिज सईद को श्री और मिस्टर से संबोधित करके खुद को विवादों से जोड़ लिया ! ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि पाकिस्तानी गृहमंत्री के इस दौरे से विवादों के सिवा क्या हासिल हुआ !!
इस पुरे दौरे का लबोलुआब देखा जाये तो पाकिस्तान फायदे में रहा और भारत को कुछ भी हासिल नहीं हुआ पाकिस्तान नें वीजा नियमों में लचीलापन लाने के लिए भारत को रजामंद कर लिया और भारत के प्रधानमन्त्री को पाकिस्तान आने का न्योता भी दे दिया जिसको भारत के प्रधानमंत्री ने स्वीकार भी कर लिया और बदले में भारत को क्या मिला ! भारत की सबसे बड़ी मांग २६/११ के आरोपियों के खिलाफ कारवाई को लेकर थी जिसका पाकिस्तान के गृहमंत्री ने अपने बयानों से जिस तरह का मजाक बनाया वो भारत कि विदेश निति कि विफलता दर्शाने के लिए काफी था ! पाकिस्तानी गृहमंत्री ने तो मुंबई हमले की तुलना बाबरी मस्जिद के विध्वंस से कर डाली और मुंबई हमले के आरोपी अबू जिंदाल को भारत का ही एजेंट बता दिया ! जहां दौरे से पहले चर्चा यह हो रही थी कि रहमान मालिक मुंबई हमले के मुख्य आरोपी हाफिज सईद के खिलाफ दर्ज मुकदमे की एफआईआर की कोपी भारत को सोपेंगे लेकिन रहमान मालिक ने भारत आकर बताया कि हाफिज सईद के खिलाफ तो किसी भी तरह के सबूत ही नहीं है और ना ही कभी उसके खिलाफ मुंबई हमले के लिए कोई केस दर्ज किया गया है !!
पहले से ही भारत की ख़ुफ़िया एजेंसियों के लिए यह चिंता की बात थी कि आधिकारिक रूप से भारत का वीजा लेकर आने वाले पाकिस्तानियों में से कुछ वापिस पाकिस्तान नहीं जाते हैं और यहीं गुम हो जातें है अब भारत द्वारा वीजा नियमों में लचीलापन लाने से जहां भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों के लिए सिरदर्द बढ़ने वाला है वहीँ पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के लिए अपने नापाक मंसूबों को पूरा करना और आसान हो जाएगा और अगर भारत अब भी इस मुगालते को पाले हुए है कि पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ किसी तरह कि कारवाई करेगा तो इसको भारत की मूर्खता ही कहा जाएगा क्योंकि पाकिस्तानी गृहमंत्री के बयान यह बताने के लिए काफी है कि वो आतंकवादीयों के खिलाफ किसी तरह कि कारवाई नहीं करने के लिए कटिबद्ध है !!
पाकिस्तानी गृहमंत्री के बयान ही भारत की जनता को निराश करने के लिए काफी थे लेकिन भारतीय गृहमंत्री द्वारा मुंबई हमले के मुख्य आरोपी के लिए जिस तरह के संबोधनों का प्रयोग किया गया वो तो और भी ज्यादा निराश करने वाला था क्योंकि इसी सरकार के मंत्रियों ने कभी भी अन्ना हजारे और बाबा रामदेव के लिए भी इस तरह के संबोधनों का प्रयोग नहीं किया होगा ! अब इसके दो ही अर्थ निकाले जा सकते हैं कि या तो भारत के गृहमंत्री को यह पता ही नहीं है कि श्री और मिस्टर जैसे संबोधन किसके लिए प्रयोग किये जाते हैं या फिर मुंबई हमले का मुख्य आरोपी उनके लिए इज्जतदार और आदरणीय व्यक्ति होगा ! दोनों ही स्थतियों में गृहमंत्री सवालों के घेरे में आ जाते हैं और इसके बाद यह भी समझ में आ जाता है कि क्यों पाकिस्तानी गृहमंत्री भारत को मुहं चिढा कर चले जाते हैं !!
पाकिस्तान के इस हठीले रवैये के लिए पूरी तरह से भारत ही जिम्मेदार है जो किसी भी घटना के बाद तो पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रवैया अपनाता है और पाकिस्तान पर आतंकवादियों के खिलाफ कारवाई करने के लिए दबाव बनाता है ! लेकिन जैसे ही कुछ समय गुजरता है तब उसी पाकिस्तान के खिलाफ लचीला रुख अपना लेता है जो आतंकवादियों के खिलाफ किसी तरह की कारवाई नहीं करता है और भारत के इसी रवैये के कारण पाकिस्तान भारत को गंभीरता से नहीं लेता है ! पाकिस्तान के अड़ियल रवैये के पीछे भारत की ढुलमुल विदेश निति का सबसे बड़ा हाथ है !!
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