सोमवार, 24 दिसंबर 2012

गर्भस्राव और गर्भपात रोकने हेतु कुछ आयुर्वेदिक उपचार !!

प्राय देखा जाता है कुछ औरतें गर्भधारण तो करती है लेकिन उनको बार बार गर्भपात और गर्भस्राव जैसी समस्याओं के कारण निराशा हाथ लगती है ! इन्ही समस्याओं के लिए आयुर्वेद में कुछ सरल उपाय बताए गये हैं जिनको अगर प्रयोग में लाया जाये तो निश्चित रूप से सफलता हाथ लग सकती है और स्वस्थ बच्चे का जन्म हो सकता है ! आज उन्ही चुनिन्दा नुस्खों को आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ जिनमें से आपको जो सहज और सुलभ हो उसका उपयोग कर सकतें है लेकिन एक बार में किसी एक ही नुस्खे का प्रयोग करें !!

  1. जिनको बार बार गर्भपात हो जाता हो वे गर्भ स्थापित होते ही नियमित रूप से कमल के बीजों का सेवन करें ,कमल की डंडी और नागकेसर को बराबर की मात्रा में पीस कर सेवन करने से प्रारंभिक महीनों में होने वाला गर्भस्राव रुकता है !!
  2. गुलर के फलों का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में सुबह शाम दूध के साथ सेवन करते रहने से तथा गुलर की जड़ की छाल का चूर्ण समभाग मिश्री के साथ नियमित सेवन करते रहने से गर्भस्राव नहीं होता है !!
  3. जिन स्त्रियों को बार बार गर्भपात होता हो उन्हें गर्भस्थापना होते ही नियमित रूप से सुबह शाम एक चम्मच अनंतमूल की जड़ के चूर्ण का सेवन करते रहना चाहिए ! इससे गर्भपात भी नहीं होगा और बच्चा भी स्वस्थ और सुन्दर होगा !!
  4. तीसरे से पांचवे महीने में गर्भपात की आशंका होने पर नागकेसर के पुष्प , वंशलोचन और मिश्री समभाग लेकर बनाया गया चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में सुबह शाम कुछ दिन तक सेवन करने से गर्भपात नहीं होगा !!
  5. लोध और पीपली को समभाग मिलाकर पीस लें ! एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ रोजाना सुबह शाम सेवन करते रहने से गर्भपात की सम्भावना टल जायेगी ! सातवें आठवें दिन में यह प्रयोग लाभप्रद होगा !!


3 टिप्‍पणियां :

रजनीश के झा (Rajneesh K Jha) ने कहा…

बढ़िया,
जारी रहिये,
बधाई !!

कविता रावत ने कहा…

बहुत बढ़िया उपयोगी जानकारी ...आभार

Rajesh Kumari ने कहा…

आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 25/12/12 को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है ।