हमारी सरकारें सैनिकों और शहीदों को क्यों नहीं गंभीरता से लेती है क्या इसलिए कि शहीद और सैनिक वोटबैंक नहीं है ! सरकारें संजीदा हो या नहीं हो लेकिन सरकार के इस रवैये ने हर हिन्दुस्तानी को शर्मसार कर दिया है ! शहीद हेमराज के परिवार वाले और उसके गांव वाले आज अनशन पर बैठे हैं ! अभी दो दिन नहीं हुयें हैं शहीद हेमराज के अंतिम संस्कार को और उन्होंने अनशन का रास्ता अख्तियार कर लिया लेकिन सरकारी बैरुखी के आगे और वे कर भी क्या सकते थे और इसके लिए उन्हें सरकारों कि बैरुखी ने मजबूर कर दिया !
क्यों एक वो परिवार सरकार के विरुद्ध अनशन का रास्ता अपना रहा है जिन्होंने अभी अभी अपना जवान बेटा खोया हो ! शहीद हेमराज का परिवार अनशन को क्यों मजबूर हो गया इसको जानना बेहद जरुरी है ! शहीद हेमराज के साथ जिस तरह कि बर्बरता पाकिस्तानी सैनिकों नें दिखाई उसके कारण परिवार का गुस्सा पाकिस्तान के खिलाफ तो था ही लेकिन हमारी सरकारों ने जिस बैरुखी का परिचय दिया वो उनके घावों पर नमक छिडकने जैसा था !
दोनों शहीदों के अंतिम संस्कार में केन्द्र सरकार की तरफ से किसी नें भाग लेने कि जरुरत ही नहीं समझी जो शहीदों के प्रति सरकार की उपेक्षा को दर्शाती है और शहीद सुधाकर सिंह के अंतिम संस्कार में तो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री नें हिस्सा लेकर कुछ हद तक बात संभाल ली ! लेकिन शहीद हेमराज के अंतिम संस्कार में तो उतरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी हिस्सा लेना उचित नहीं समझा जो हर देशवासी को बुरा लगा ! जिसका जिक्र मैंने अपनी पिछली पोस्ट (भारतीय ख़ुफ़िया तंत्र क्यों बार बार विफल हो जाता है !!) में किया था ! और इस तरह से केन्द्र और राज्य सरकार की बैरुखी नें शहीद हेमराज के परिवार को उदिग्न कर दिया !
दूसरी उन्हें बुरी लगने वाली बात थी कि सैनिक भारत ने खोये हैं और भारत सरकार मौन धारण किये बैठी है जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो उल्टा पाकिस्तान अपनी और से भारत के विरुद्ध कारवाई कर रहा है ! भारत सरकार नें तो केवल पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब करके अपना लिखित विरोध दर्ज करवाकर इतिश्री कर ली लेकिन पाकिस्तान सरकार नें हमारे उच्चायुक्त को तलब करके लिखित विरोध तो किया ही साथ में दोनों देशों के व्यापार,अमन बस सेवा पर रोक लगा दी तथा सीमा पर सेना का जमावड़ा भी बढ़ा दिया ! जिससे यह लगा कि भारत कोई कारवाई करना ही नहीं चाहता है !
ये सब बातें पुरे देश को गुस्सा दिला रहीं है फिर उस परिवार नें तो अपना बेटा खोया है इसलिए उनका गुस्सा तो जायज ही है ! भले ही शहीद का परिवार अनशन समाप्त कर दे लेकिन उनका अनशन सुस्त सरकार की कार्यशैली पर तो करारा प्रहार है और सरकारों की शहीदों के प्रति बैरुखी वाली निति पर देश को सोचने पर तो जरुर मजबूर कर देगी !
5 टिप्पणियां :
बहुत सही बात कही है आपने .सार्थक अभिव्यक्ति भारत सदा ही दुश्मनों पे हावी रहेगा .
@ट्वीटर कमाल खान :अफज़ल गुरु के अपराध का दंड जानें .
आपके विचारों से एकदम सहमत सर जी ! तभी मन में उमड़ते घुमड़ते विचारों के बीच ये पंक्तियाँ बन पडीं;
हे मातृ भूमि!
पड़ोसी की कायराना हरकत
लेती रहेगी कब तक
तेरे सपूतों की जान
कर लेते हैं "इति श्री" कहकर केवल
"कृत्य है निन्द्य"
"नहीं जायगा व्यर्थ बलिदान शहीदों का"
देश के बड़े बड़े मुखिया श्रीमान
..........बहुत बहुत शुक्रिया ...
आभार !!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
कायरता की पराकाष्टा है यह तो!
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मकर संक्रान्ति के अवसर पर
उत्तरायणी की बहुत-बहुत बधाई!
कायर और धूर्तता से भरे लोग हर स्थिति में अपना बचाव और फ़ायदा,देखते हैं!
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