शुक्रवार, 1 मार्च 2013

लो जी आ गया बजट अब तो खुश हो जाइए !!

आम जनता बजट से बड़ी आशा लगाकर रखी थी कि शायद चुनावी साल नजदीक होने के कारण सरकार की तरफ से बजट के द्वारा कुछ राहत भरी खबर मिल जाए ! पहले रेल बजट और अब आम बजट आ गया लेकिन दोनों नें हि जनता के चेहरों पर मुस्कान लाने कि बजाय हताशा के भाव ज्यादा ला दिए ! आम बजट में सरकारी आंकड़ों की जादूगरी के सिवा कुछ नजर नहीं आया जो महंगाई के बोझ तले दबी जनता को कुछ राहत दे सके !

हालांकि चिदम्बरम जी जैसे वित् मंत्री और मनमोहन सिंह जी जैसे प्रधानमंत्री से जनता के लिए कुछ भी राहत कि आशा करना वैसे तो बेकार हि था फिर भी ना जाने क्यों ऐसा लग रहा था कि चुनावों में जाने का समय नजदीक आ रहा है इसलिए शायद इस बार वितमंत्री जनता को खुश करने के लिए कुछ जरुर करेंगे लेकिन वितमंत्री जी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया ! जनता के ऊपर किसी तरह का नया बोझ डालने कि स्थति में तो वितमंत्री जी थे हि नहीं क्योंकि जनता पहले हि इतने बोझ से दब चुकी है और अब किसी नए बोझ को सहने कि स्थति में तो बिलकुल नहीं है इसलिए नया बोझ तो वितमंत्री जी जनता पर नहीं डाल पाए जिसका मलाल शायद वितमंत्री जी भी होगा लेकिन हाँ वितमंत्री जी जनता को किसी भी तरह कि राहत भी नहीं दी जिससे उनको जरुर खुशी मिली होगी !

आम बजट से मिलता जुलता हि रेल बजट रहा और रेलमंत्री जी नें जैसे हि बजट पेश किया तो कहा कि कोई यात्री किराया नहीं बढ़ाया जा रहा है तो जनता नें राहत कि सांस ली लेकिन जैसे हि रेलमंत्री कुछ आगे बढे तो कंपनियों के विज्ञापनों में शर्तें लागू को दर्शाने वाले स्टार मार्क की तरह रेलमंत्री नें भी अपनी तरफ से स्टार मार्क लगा दिया और बता दिया कि जनता को ज्यादा खुश होने कि जरुरत नहीं है ! भले हि उन्होंने यात्री भाड़ा नहीं बढ़ाया है लेकिन जनता पर बोझ डालने के लिए उनके पास बहुत कुछ और भी है और धीरे धीरे जनता के सामने रेलमंत्री की मंशा भी साफ़ हो गयी !

चलिए कोई बात नहीं बजट को आना था और वो अपने नियत समय पर आ भी गया अब भले हि अंग्रेजी में पढ़ा गया हो और जनता की समझ में पूरा नहीं भी आया हो लेकिन यह तो खुश होने की बात है हि कि अपने वितमंत्रीजी और रेलमंत्रीजी नें बजट तो पेश कर हि दिया है तो चिंता को दरकिनार करके एक बार खुश तो हो जाइए !  

20 टिप्‍पणियां :

रविकर ने कहा…

ख़्वाब दिखाये मीडिया , सत्ता कर दे चूर |
उच्च झाड़ पर चढ़ा के, झटका दे भरपूर |
झटका दे भरपूर, मरे मनहूस मीडिया |
मंहगाई दे मार, टैक्स में छूट ना दिया |
खुद के पूरे ऐश, कमीशन भर भर खाए |
रहा हमें है चूस, ग्रोथ के ख़्वाब दिखाए ||

रविकर ने कहा…

करकश करकच करकरा, कर करतब करग्राह ।
तरकश से पुरकश चले, डूब गया मल्लाह ।

डूब गया मल्लाह, मरे सल्तनत मुगलिया ।
जजिया कर फिर जिया, जियाये बजट हालिया ।
धर्म जातिगत भेद, याद आ जाते बरबस ।
जीता औरंगजेब, जनेऊ काटे करकश ।
करकश=कड़ा करकच=समुद्री नमक
करकरा=गड़ने वाला
कर = टैक्स
करग्राह = कर वसूलने वाला राजा

Shalini kaushik ने कहा…

ye kahiye pooran ji ki chidambaram sahab jo hain koi chamatkar nahi kar paye iska unhe dukh zaroor rahega .sare vishv me hi sthiti itni kharab hai ki iska khamiyaja unhe satta se hath dhokar hi chukana hoga .

सदा ने कहा…

वाह ... बेहतरीन प्रस्‍तुति

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

बहुत सुंदर कहा है आपने !!!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सटीक टिपण्णी की है !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सादर आभार मान्यवर !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

शालिनी जी "बोये पेड़ बबूल का तो आम कहाँ ते होय" वाली कहावत तो आपने सुनी हि होगी ! चिदम्बरम जी और उनके आकाओं ने हर कदम पर घोटालेबाजों को भरपूर सरंक्षण दिया और भारत का पैसा तो घोटालों के जरिये कालाधन बनकर विदेशों में चला गया तो अब देश के पास धन कहाँ से होगा ! इसमें विदेशी मंदी को दोष देने कि बजाय कालेधन को वापिस लाने कि कोशिश की होती तो आज यह कहने कि जरुरत हि नहीं होती !
आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सदा जी आपके ब्लॉग पर मालवेयर डिटेक्ट हो रहा है कृपया इसे ठीक करें !!

Rajendra kumar ने कहा…

आपकी लेखनी में सच्चाई है,इस आम वजट में आम जनता के लिए कुछ भी नही.

YASHVARDHAN SRIVASTAV ने कहा…

सुन्दर लेख।

मेरी नयी पोस्टें :- महंगाई
चन्द्रशेखर आजाद का शहीद दिवस

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

अज़ीज़ जौनपुरी ने कहा…

Bhayee kHANDELWAL JI BIKUL SAHI LIKHA HAI AAP NE

Asha Lata Saxena ने कहा…

बजट पर आपने बहुत सही लिखा है |आम जनता को कितने कष्ट झेलने पड़ रहे हैं इससे सरकार को कुछ फरक नहीं पड़ता है |
बजट भी झूठ का एक पुलिंदा है |
आशा

HARSHVARDHAN ने कहा…

इस बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं है।
और हाँ हम भी आपके ब्लॉग का अनुसरण कर रहे है। आभार।

नये लेख :- एक नया ब्लॉग एग्रीगेटर (संकलक) ब्लॉगवार्ता।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विशेष : रमन प्रभाव।

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सही कहा है आपने !!

सादर आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!