हमारे देश की व्यवस्था संभाल रहे लोग जब लापरवाही बरतते हैं तो उन पर कारवाई क्यों नहीं होनी चाहिए ! और लापरवाही ऐसी हो जिसके कारण लोगों की जानें चली जाती है तब तो मामला और ही संगीन हो जाता है और ऐसे मामलों में तो लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज किये जाने चाहिए और उनकी जानलेवा लापरवाही के लिए उनको सजा दिलाने का प्रयास किया जाना चाहिए ! लेकिन हमारे यहाँ होता इसका उल्टा है और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोग साफ़ बच कर निकल जाते हैं !
हम हर आतंकवादी घटना के बाद ख़ुफ़िया तंत्र की नाकामी का रोना रोते हैं और सारा दोष ख़ुफ़िया तंत्र पर डाल देते हैं ! लेकिन खुफिया तंत्र की चेतावनी के बावजूद राज्य सरकारें और वहाँ की पुलिस सतर्क नहीं होती है और आतंकवादी अपने नापाक इरादों को अंजाम दे जाते हैं ! और ऐसा नाकामी के कारण नहीं होता बल्कि उस लापरवाही के कारण होता है जिसमें ख़ुफ़िया विभाग की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया जाता है ! अभी बिहार में महाबोधि मंदिर में हुए बम धमाके हो या फिर इससे पहले आंध्रप्रदेश के हैदराबाद हुए बम धमाकों की बात हो ! दोनों जगहों पर हुयी वारदातों से पहले ख़ुफ़िया विभाग नें इस तरह की जानकारियाँ दे दी थी ! लेकिन इसके बावजूद धमाकों को नहीं रोका जा सका और उसका कारण एक ही था कि ख़ुफ़िया विभाग की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया गया !
इसी तरह हमनें उतराखण्ड में देखा कि मौसम विभाग द्वारा दी गयी चेतावनी को नजरंदाज किया गया और उसके बाद उत्तराखण्ड में जो हुआ वो तो सबको पता ही है ! अगर मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लिया जाता और उसी चेतावनी को ध्यान में रखकर चारधाम की यात्रा रोक दी जाती तो हजारों लोगों को मौत के मुहं में जाने से बचाया जा सकता था ! लेकिन ऐसा नहीं किया गया और मौसम विभाग की लिखित चेतावनी की अनदेखी करने के लिए और हजारों लोगों को मौत के मुहं में धकेलने के लिए कोई तो जिम्मेदार रहा ही होगा !