हमारे देश में आजकल मीडिया इमानदारी का प्रमाणपत्र देने कि कोशिश करता नजर आता है लेकिन क्या मीडिया खुद अपनें अंदर भी झांककर देखने कि कोशिश भी करता है ! मीडिया से जुडी ज्यादातर कंपनियां थोक के भाव में चैनल चला रही है जिनमें मनोरंजन ,सिनेमा और समाचार चैंनल शामिल है ! लेकिन दूसरों को इमानदारी की सीख देने वाला मीडिया ग्रुपों के द्वारा चलाये जा रहे हर चैनल पर आपको नियमों कि धज्जियाँ उडती हुयी मिल जायेगी !
ट्राई के नियमानुसार कोई भी चैनल एक घंटे में केवल बारह मिनट का ही विज्ञापन दिखा सकते है और एक घंटे में केवल चार बार ही विज्ञापन दिखा सकते हैं ! लेकिन इन नियमों को ये चैनल सरेआम धत्ता बता रहें हैं ! और एक घंटे में विज्ञापन दिखाते तो केवल चार बार ही है लेकिन बारह मिनट कि बजाय कहीं ज्यादा दिखाया जाता है और हर चैंनल पर हर बार विज्ञापन देते समय दो मिनट का टाइमर तो चलाया जाता है लेकिन उसको चालू तब किया जाता है जब चैनल आधे से ज्यादा समय तक तो विज्ञापन दिखा देते हैं !
अब ट्राई नें इस मामले पर अपना रुख कुछ तो कडा किया है ! लेकिन जिस तरह से चैंनल अब तक ट्राई के नियमों का मखौल उड़ाते रहें है उससे ऐसा नहीं लगता कि अब ये चैनल बिना किसी कारवाई के ट्राई के नियमों को मानेंगे ! चैनलों के यह मनमर्जी आगे चलेगी या नहीं यह तो ट्राई के रुख पर निर्भर करेगा लेकिन दूसरों को नसीहत देने वाला मीडिया अपने भीतर क्यों नहीं झांकता है और अगर किसी पर कोई आरोप भी लग जाता है तो यही इलेक्ट्रोनिक मीडिया वाले उसके पीछे ऐसे पड़ जाते है जैसे आरोप लगते ही वो गुनहगार साबित हो गया हो !
लेकिन यहाँ तो खुलेआम चैंनल ट्राई के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और ये तो जगजाहिर है क्योंकि जो लोग भी चैंनल पर कार्यक्रम देखते हैं उनको भले ही ट्राई के नियमों के बारे में पता नहीं हो लेकिन विज्ञापन दिखाए जाने समय के बारे में तो हर कोई जानता है ! इसलिए यह तो कहा ही जा सकता है कि हर चैंनल ट्राई के नियमों को धता बता रहा है !
27 टिप्पणियां :
bilkul sahi bat par var kiya hai puran ji .pareshan kar rakha hai vigyapan kee bharmar ne.
puran ji ek bat kahoon please bura mat maniyega aapke aalekh me kitni hi jagah jahan ''hee''hona chahiye 'hi''hota hai ''kee''hona chahiye vahan ''ki''hota hai kripya isme sudhar laiye.
ट्राई को अपना रुख बहुत पहले से ही और शुरू से कड़ा रखना चाहिए था। अगर वो ऐसा करती तो दर्शकों को किसी भी आम या खास समाचार की जानकारी पहले मिलती। अच्छा लेख :)
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आज की ब्लॉग बुलेटिन होली आई रे कन्हाई पर संभल कर मेरे भाई - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
आप बिलकुल सही कह रहे हैं
latest post भक्तों की अभिलाषा
latest postअनुभूति : सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसार
आभार !!
आपके इस अमूल्य सुझाव के लिए में आपका हदय से आभारी हूँ और आगे इस कमी को सुधारने कि कोशिश करूँगा !!
सादर आभार !!
सादर आभार !!
आभार !!
आपके कथन में सच्चाई है,टीवी चैनल तो वेवकूफ बना ही रहें है,बेहतरीन पोस्ट.
कभी अपनी गलती भी कोई मानता है भला और वह भी मीडिया उनसे इस तरह की उम्मीद रखना पत्थर से सिर फोड़ने के बराबर है मैं तो इतने सारे चैनलों के भी खिलाफ हूँ पहले की तरह 5-6 चैनल ही बहुत थे मनोरजन के लिए अब तो रोज़ ही एक नया चैनल शुरू हो जाता है और वही गिसी पिटी फिल्में और समाचार वीएच भी सब फिल्मी दुनिया से सराबोर जिंका एक हद के बाद कोई महत्व ही नहीं ....
आभार !!
सही कह रही है आप !!
आभार !!
बहुत उम्दा सराहनीय जानकारी दी लेकिन हम दर्शक कर भी क्या सकते है मजबूरन एड आने पर दुसरे चैनल को देखना पड़ता है,,,,,
होली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाए,,,,
Recent post : होली में.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
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रंगों के पर्व होली की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ!
आपकी लेख में सच्चाई है। सादर आभार
मेरी नयी कविता :- रंगों की दिवाली
बहुत पते की बात लिखी आपने,यह सब सरकार की जानकारी में ही हो रहा है,लेकिन रोकने वाला कोई नहीं ?
Bas Ek Vyavsayik Soch Hai...
सही कहा आपनें !!
आपको होली कि हार्दिक शुभकामनायें और बधाई !!
आभार !!
आदरणीय आपको भी होली कि हार्दिक शुभकामनायें और बधाई !!
आभार !!
आपको होली कि हार्दिक शुभकामनायें और बधाई !!
आभार !!
आपको होली कि हार्दिक शुभकामनायें और बधाई !!
सही कहा है आपनें !!
आभार !!
आपको होली कि हार्दिक शुभकामनायें और बधाई !!
सब बेलौस और बेलगाम हैं
आपको भी होली की शुभकामनाएँ।
आपको भी होली कि हार्दिक शुभकामनायें !!
आभार !!
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