शनिवार, 27 अप्रैल 2013

सीबीआई का हलफनामा है या सरकारी दबाव का कबूलनामा !!

कल सर्वोच्च न्यायालय में सीबीआई निदेशक द्वारा प्रस्तुत किये गए हलफनामे के बाद यह तो साफ़ हो गया कि केन्द्र सरकार और उसके मंत्री किस तरह से एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है ! हालांकि यह ऐसी बात नहीं थी जिसका लोगों को पता नहीं था ! लोग पहले से ही जानते थे कि केन्द्र सरकार सीबीआई का दुरूपयोग करती है लेकिन कल सीबीआई निदेशक नें अपने हलफनामें में यह माना कि "कानून मंत्री नें कोयला घोटाले कि रिपोर्ट देखी थी " जो कि एक तरह से सीबीआई का यह कबूलनामा ही माना जाएगा कि वो किस तरह केन्द्र सरकार के इशारों पर काम करती है !

एक तरह से देखा जाए सीबीआई निदेशक का यह कबूलनामा सरकार के उस दावे कि पौल खोलता है जिसमें सरकार इतने दिन कहती आई है कि सीबीआई एक स्वतंत्र संस्था है और उन लोगों कि बातों पर सत्यता कि मुहर कि तरह है जो यह कहते थे कि सीबीआई तो सरकार के अधीन काम करती है इसलिए जिन घोटालों के आरोप सरकार पर लग रहे हैं उन पर सीबीआई द्वारा जांच कराने का कोई फायदा होने वाला नहीं है ! इस हलफनामे के बाद यह साफ़ हो गया कि किस तरह सरकार में बैठे लोग सीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की जाने वाली जांच रिपोर्ट को देखते हैं और जाहिर है देखते हैं तो उसमें फेरबदल करवाने कि कोशिश भी करते होंगे और करवाते भी होंगे !

इस बार तो यह मामला मीडिया में आने और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लिखित हलफनामे का आदेश देने के बाद सबको पता लग गया लेकिन इस बात का कैसे यकीन किया जाए कि विगत में ऐसा नहीं किया गया होगा और अगर विगत में सीबीआई द्वारा की गयी जाँचो के साथ भी ऐसा ही किया गया होगा तो उन जांचों को निष्पक्ष कैसे कहा जा सकता है ! वैसे भी सीबीआई द्वारा की गयी घोटालों की जाँचों को देखे तो उनमें घोटालों से ज्यादा घोटाला नजर आएगा ! किस तरह बोफोर्स घोटाले ,चीनी घोटाले ,यूरिया घोटाले और १९८४ के सिख दंगों के साथ ही अन्य मामलों की जांच के नाम पर लीपापोती की गयी थी !

सीबीआई निदेशक के इस हलफनामे रूपी कबूलनामे के बाद कोई कैसे यह यकीन कर पायेगा कि देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच करती है और आगे कर पाएगी ! 


12 टिप्‍पणियां :

Unknown ने कहा…

सीबीआई कभी भी निष्पक्ष नहीं रही,यह सरकार का प्रमुख हथियार है जिसे वह अपने हिसाब से कंट्रोल करती रही है,शानदार आलेख।

Unknown ने कहा…

C.b.i. Congrerss ki gulam hai

Smart Indian ने कहा…

एक ओपन सीक्रेट का पुनर्जन्म

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

आज की ब्लॉग बुलेटिन १०१ नॉट आउट - जोहरा सहगल - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

चोरों पर क्या लेख लिखा आपने | वो एजेंसी जो सरकार की कठपुतली है और उसी के इशारे पर नाचती है |

कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सहर्ष आभारी हूँ !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार !!

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

जिस दिन सीबीआई के निदेशक के पद पर रंजीत सिन्हा को तैनात किया गया, मैं समझ गया कि सीबीआई की क्या हैसियत है। ये सिन्हा साहब इसके पहले रेलवे बोर्ड में थे। भगवान बचाए। ये बाबू लायक नहीं है अफसर तो दूर...

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सीबीआई का दुरूपयोग तो हर समय ही होता आया है लेकिन यूपीए के दूसरे शासनकाल में घोटालों और आंदोलनों कि अधिकता कि वजह से इसका दुरूपयोग भी अधिक हुआ है जिसके कारण सबके सामने आ गया !!
आभार !!