देश में घोटाले दर घोटाले हो रहे हैं और एक के बाद एक नए घोटालों का जन्म हो रहा है ! अब तो ऐसा लगने लगा है कि सताधिश जनता की याददाश्त शक्ति को आजमाने की हौड़ लगा रहे हैं और मानो जनता से पूछ रहे हैं कि हम भी देखते हैं कि आपकी कितनी याद रखने कि शक्ति है और कितने घोटालों को आप याद रख सकते हैं और लगता है कि अब जनता को ही हारना पड़ेगा क्योंकि एक घोटाले कि पूरी सच्चाई जनता के सामने नहीं आती तब तक हमारे माननीय दूसरा घोटाला लेकर हाजिर हो जाते हैं ! अब भला जनता कितने घोटालों को याद रखे !
अगर पिछले तेईस सालों की बात करे तो देश नें कांग्रेस ने तीन बार सत्ता संभाली है एक बार १९९१ से १९९६ तक पी.वी.नरसिम्हा राव जी प्रधानमन्त्री थे और २००४ से अभी तक लगातार दो कार्यकालों में डॉ.मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री हैं ! बीच में १९९८ से लेकर २००४ तक भाजपा नें सत्ता संभाली और अटल बिहारी वाजपेई जी प्रधानमन्त्री बने थे और कुछ समय के लिए एच.डी.देवगोड़ा जी और इन्दरकुमार गुजराल जी भी प्रधानमंत्री के पद पर रह चुके हैं ! अब अगर इन प्रधानमंत्रियों के शासनकाल में हुए घोटालों पर नजर डाली जाए तो आपको पता लगेगा कि सबसे ज्यादा घोटाले कांग्रेस के शासनकाल में ही हुए है !
अगर आप पी.वी.नरसिम्हा राव जी के शासनकाल को देखेंगे तो पायेंगे कि उस समय उनकी सरकार ने विगत में हुए सारे घोटालों के रिकोर्ड तोड़ दिए थे और हालात आज जैसे ही थे ! हर दिन कोई ना कोई घोटाला सामने आता ही रहता था और कई घोटाले और धोखाधड़ी के मामले तो ऐसे थे जिनमें खुद नरसिम्हा राव जी के शामिल होने के आरोप लगे थे ! हालांकि उनके शासनकाल में जितने मामले सामने आये उनके सब के नाम तो याद रखना भी मुश्किल है लेकिन फिर भी कुछ ऐसे थे जो काफी चर्चित रहे थे ! जिनमें चीनी घोटाला,यूरिया घोटाला ,लक्खुभाई पाठक धोखाधड़ी मामला,तेल कूपन घोटाला,जेएम्एम् सांसद घुस प्रकरण ,दूरसंचार घोटाला और पेट्रोल पम्प आंवटन घोटाला जैसे ऐसे मामले थे जिनमें किसी ना किसी तरह से सताधारी दल के मंत्रियों अथवा खुद तब के प्रधानमंत्री की सलिम्पता के आरोप लगे थे !
पी.वी.नरसिम्हा राव जी के शासनकाल के बाद अपना कार्यकाल पूरा करने वाली सरकार अटल बिहारी वाजपेयी जी कि थी ! जिनके शासनकाल में ताबूत घोटाले और तहलका घूसकांड जैसे दो माले सामने आये थे ! इसके बाद सत्ता पर काबिज होने वाले प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह जी ही थे जो अब तक प्रधानमन्त्री हैं ! इनके शासनकाल में तो घोटालों के इतने आरोप हैं कि इनकी ही पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिम्हा राव जी के शासनकाल में हुए सारे घोटाले भी कम ही नजर आने लगे ! टूजी घोटाला,कॉमनवेल्थ घोटाला,कोयला घोटाला,हेलिकोप्टर खरीद घोटाला,एस बैंड स्पेक्ट्रम घोटाला और हसन अली खान टेक्स घोटाले जैसे ऐसे मामले थे जो ऐसे थे जो अब तक के सबसे ज्यादा भारी भरकम घोटाले साबित हुए हैं !
पिछले तेईस सालों की सरकारों का इतिहास देखे तो लगता है कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों और जनता में होड लगी हुयी है और सरकारे जनता से पूछ रही हो कि हम भी देखते हैं कितने घोटालों के नाम आप याद रख पाते हैं ! और सच्चाई यही है कि सब घोटालों के नाम याद रखना वाकई मुश्किल होता जा रहा है !
अगर आप पी.वी.नरसिम्हा राव जी के शासनकाल को देखेंगे तो पायेंगे कि उस समय उनकी सरकार ने विगत में हुए सारे घोटालों के रिकोर्ड तोड़ दिए थे और हालात आज जैसे ही थे ! हर दिन कोई ना कोई घोटाला सामने आता ही रहता था और कई घोटाले और धोखाधड़ी के मामले तो ऐसे थे जिनमें खुद नरसिम्हा राव जी के शामिल होने के आरोप लगे थे ! हालांकि उनके शासनकाल में जितने मामले सामने आये उनके सब के नाम तो याद रखना भी मुश्किल है लेकिन फिर भी कुछ ऐसे थे जो काफी चर्चित रहे थे ! जिनमें चीनी घोटाला,यूरिया घोटाला ,लक्खुभाई पाठक धोखाधड़ी मामला,तेल कूपन घोटाला,जेएम्एम् सांसद घुस प्रकरण ,दूरसंचार घोटाला और पेट्रोल पम्प आंवटन घोटाला जैसे ऐसे मामले थे जिनमें किसी ना किसी तरह से सताधारी दल के मंत्रियों अथवा खुद तब के प्रधानमंत्री की सलिम्पता के आरोप लगे थे !
पी.वी.नरसिम्हा राव जी के शासनकाल के बाद अपना कार्यकाल पूरा करने वाली सरकार अटल बिहारी वाजपेयी जी कि थी ! जिनके शासनकाल में ताबूत घोटाले और तहलका घूसकांड जैसे दो माले सामने आये थे ! इसके बाद सत्ता पर काबिज होने वाले प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह जी ही थे जो अब तक प्रधानमन्त्री हैं ! इनके शासनकाल में तो घोटालों के इतने आरोप हैं कि इनकी ही पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिम्हा राव जी के शासनकाल में हुए सारे घोटाले भी कम ही नजर आने लगे ! टूजी घोटाला,कॉमनवेल्थ घोटाला,कोयला घोटाला,हेलिकोप्टर खरीद घोटाला,एस बैंड स्पेक्ट्रम घोटाला और हसन अली खान टेक्स घोटाले जैसे ऐसे मामले थे जो ऐसे थे जो अब तक के सबसे ज्यादा भारी भरकम घोटाले साबित हुए हैं !
पिछले तेईस सालों की सरकारों का इतिहास देखे तो लगता है कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों और जनता में होड लगी हुयी है और सरकारे जनता से पूछ रही हो कि हम भी देखते हैं कितने घोटालों के नाम आप याद रख पाते हैं ! और सच्चाई यही है कि सब घोटालों के नाम याद रखना वाकई मुश्किल होता जा रहा है !
17 टिप्पणियां :
वाकई अब तो सारी हदें पार कर चुकी है यह सरकार। मैने अपने पूरे जीवन इससे भ्रष्ट सरकार कभी नहीं देखी।
मुझे लगता है कि आजाद भारत में इससे भ्रष्ट सरकार और नेता नहीं रहे। सौदेबाजी पर टिकी हुई है ये सरकार। बढिया जानकारी, सार्थक लेख
कांग्रेस पार्टी का नाम घोटाला पार्टी होना चाहिए
bhrastachar ki parakastha
अफसोसजनक हालात हैं
यह देश ही घुटालों का है भाई जी
सार्थक और सुंदर रपट
बधाई
घोटाले पर घोटाले,बेहतरीन सार्थक आलेख.
आभार !!
सादर आभार !!
सादर आभार !!
सही कह रहे हैं आप !!
सादर आभार !!
आभार !!
सादर आभार !!
आपके द्वारा यह लाजवाब प्रस्तुति जिसे पढ़ हम सराबोर हुए अब गुलशन-ए-महफ़िल बन आवाम को भी लुभाएगी | आप भी आयें और अपनी पोस्ट को (बृहस्पतिवार, ३० मई, २०१3) को प्रस्तुत होने वाली - मेरी पहली हलचल - की शोभा बढ़ाते देखिये | आपका स्वागत है अपने विचार व्यक्त करने के लिए और अपना स्नेह और आशीर्वाद प्रदान करने के लिए | आइये आप, मैं और हम सब मिलकर नए लिंकस को पढ़ें हलचल मचाएं | आभार
सहर्ष आभार !!
घोटाला दिल्ला में
घोटुल बस्तर में
चोटिल हम लोग
सोचो क्या
खाओ क्या
सोवो क्या
बिछाओ क्या
सोचो मत
जिये जाओ
तब तक
जब तक
भगवान रक्खे
सादर
इन घोटालों को देख कर
इसी टाईप की प्रतिक्रिया उचित समझ मे आई
सुन्दर प्रतिक्रिया !!
आभार !!
एक टिप्पणी भेजें