बुधवार, 5 जून 2013

बाबा रामदेव आज भी वही है जो दो साल पहले थे !!

मैंने कल अपने आलेख  "४ जून -लोकतंत्र पर सवालिया निशान लगाता रहेगा " में चार जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुयी पुलिसिया कारवाई का जिक्र किया था ! जिससे महेंद्र श्रीवास्तव जी सहमत नहीं थे और उन्होंने आपति प्रकट करते हुए अपने ब्लॉग "रोजनामचा" पर एक आलेख "याद करो "बाबा" की कारस्तानी " पोस्ट किया था जिसका जबाब में वहाँ नहीं दे सकता था क्योंकि पुरे आलेख का जबाब देने में एक नया टिप्पणीनुमा आलेख ही बन जाता ! इसीलिए मैंने सोचा कि उनकी बातों का जबाब अपने ब्लॉग पर ही दिया जाए ! हालांकि उन्होंने बहुत सी बातें की है लेकिन में हमेशा की तरह अपने आलेख को छोटा रखने की कोशिश करते हुए कुछ मुख्यतया बातों का ही जवाब दूँगा !

सत्ता पोषित मीडिया नें ५ जून की सुबह ८ बजे के बाद से ही बाबा रामदेव से किनारा कर लिया है ! इसलिए वो बाबा के कभी कभार बयानों की बात छोड़ दें तो ज्यादा कुछ दिखाता नहीं है ! इसलिए ज्यादा मीडिया में नहीं आनें के कारण कुछ लोगों को लगता है कि आजकल बाबा रामदेव हरिद्वार तक सिमित हो गए हैं और उनको पूर्ण रूप से व्यापारी मानने लगे हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं है बाबा रामदेव पहले की तरह ही देश भर के दौरे कर रहे हैं और जनता को कालेधन और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर जगा रहें हैं ! रही बात उनके उत्पादों की तो उनकी बिक्री तो वो ४ जून २०११ से पहले भी कर रहे थे और अब भी कर रहे हैं इसलिए जो वो पहले थे अब भी वही हैं बस फर्क ये आया है कि मीडिया की किनारेबाजी के कारण लोगों को पता नहीं चलता है !

बाबा रामदेव स्वदेशी के मुद्दे पर लोगों को जागृत कर रहे हैं और स्वदेशी विकल्प के तौर पर ही अपने उत्पादों को प्रस्तुत कर रहें हैं लेकिन उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि केवल पतंजली के उत्पाद ही स्वदेशी है और वही खरीदें बल्कि वो केवल स्वदेशी उत्पाद खरीदने का आग्रह ही लोगों से करते हैं वो चाहे किसी भी स्वदेशी कम्पनी के क्यों नहीं हो ! और वैसे पतंजली के उत्पादों के व्यापार की बात है तो वो विदेशी के बदले स्वदेशी का विकल्प उपलब्ध करवा रहे हैं तभी तो वो लगातार स्वदेशी के मुद्दे जिन्दा रखे हुए हैं वर्ना स्वदेशी का आंदोलन तो आरएसएस नें भी स्वदेशी जागरण मंच के माध्यम से चलाया था जो कितने दिन चला सबको पता है ! और बाबा रामदेव के विरुद्ध २००२ से ही आयकर विभाग की जाँच चल रही है जो ऐसा कोई लेनदेन नहीं साबित कर पाया है जिसके आधार पर उन पर कोई प्रश्नचिन्ह लगाया जा सके !

जहां तक ४ जून के बाबा रामदेव के आंदोलन को कुचलने कि बात है उसमें बाबा रामदेव से गलती हुयी थी और सबसे बड़ी गलती सरकार के मंत्रियों  पर भरोसा करने कि हुयी थी ! जबकि सरकार का रवैया अन्ना मण्डली के साथ जन लोकपाल पर नोटिफिकेशन जारी करने के बाद भी टालमटोल वाला रवैया अपना रही थी ! जिसका जिक्र मैंने १ जून २०११ के अपने फेसबुक स्टेटस में किया भी था ! और उसके बाद सरकार से बातचीत की भूल हुयी थी जहां शायद बाबा रामदेव ये भूल कर बेठे की सरकार सकारात्मक बातचीत कर रही है और सरकार के चार चार मंत्री बातचीत करने पहुंचे तो उनका भरोसा ज्यादा पुख्ता हो गया और उन्होंने मंत्रियों की मौखिक बात पर भरोसा करके वो चिट्ठी लिख दी जिसमें उन्होंने आंदोलन समाप्त करने की बात कही थी ! यहाँ भी सौदेबाजी की बात बिलकुल गलत है ! उन्होंने सौदेबाजी में अपने लिए तो कुछ किया नहीं था ! बातें मानने का मौखिक भरोसा मिलने पर आंदोलन खतम करने की बात लिखकर दी थी ! और जाहिर है कि जब तक सरकार की तरफ से बातें मानने की आधिकारिक घोषणा नहीं होती तब तक आंदोलन को चालु रखना तो था ही ! लेकिन जब सरकार नें उनकी चिट्ठी को हथियार बनाया तो बाबा रामदेव भी बदल गए !






आंदोलनों को इस तरह से कुचलने से अगर सरकार होने का अहसास होता है तो अलग बात है लेकिन लोकतंत्र में जहाँ सत्ता का केन्द्र होगा वहाँ पर लोग भी आयेंगे और आंदोलन भी करेंगे ! हाँ इस तरह से आंदोलनों को कुचलने से सताओं का दंभ जरुर टूट सकता है जैसा कि बाद में अन्ना वाले आंदोलन में हुआ भी था लोग सरकारी तानाशाही के लिए पहले से तैयार होकर आये थे और सरकार लाचार होकर रह गयी थी !

४ जून की रात की बात करें तो जिसनें भी ५ जून की सुबह ८ बजे से पहले मीडिया की रिपोर्टिंग जिसनें भी देखी है उसको पता है कि बाबा रामदेव ही माइक से शांति की अपील कर रहे थे और पुलिस वालों से कह रहे थे कि वो अपनी गिरप्तारी देनें को तैयार है पुलिस का जो कोई बड़ा अफसर यहाँ मौजूद है वो आगे आकर उन्हें गिरप्तार कर ले लेकिन इन निर्दोषों पर लाठियां ना बरसाए ! लेकिन उल्टा पुलिस नें माइक के तार ही तौड दिए जिससे पता चलता है कि पुलिस वहाँ अपना मकसद लेकर आई थी ! और जब बाबा रामदेव नें देखा कि पुलिस जान बूझकर ऐसी परिस्थितियाँ पैदा करना चाहती है जिससे गोली चला सके और उनका काम तमाम कर सके इसके बाद उन्होंने वो त्वरित कदम उठाया जिसके कारण बाद में उनको बदनामी झेलनी पड़ी ! जिन्होंने मीडिया की रिपोर्टों को आठ बजे के बाद देखा तब तक मीडिया का रुख बदल चूका था ! और मीडिया नें वो दिखाना शुरू कर दिया जिसको वो दिखाना चाहती थी !

जहां तक बाबा को संतो का समर्थन की बात है वो तो सबने कुम्भ में देखा ही था जब कई गणमान्य संत बाबा के साथ थे ! और संत पहले भी कभी एक होकर डाक्टर और वकीलों की तरह किसी संत के पक्ष में खड़े नहीं हुए हैं ! याद कीजिये १९८३ का कृपात्री महाराज का गौहत्या बंदी के आंदोलन को जब इंदिरा गांधी प्रधानमन्त्री थी और गौभक्तों पर गोलियाँ चलवाई थी ! तब भी संत समाज डाक्टर और वकीलों कि तरह एक होकर सामने नहीं आया था ! इसलिए इसके मायने ये नहीं निकाले जा सकते कि संत समाज बाबा रामदेव के साथ नहीं है !


22 टिप्‍पणियां :

Unknown ने कहा…

सही लिखा आपने पूरण जी।

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आभार मनोज जी !!

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

आप सही कह रहे हैं पूरण जी, शुभकामनाएं.

रामराम.

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

ताऊ राम राम,आभार !!

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

पूरण जी, आपने रामदेव के हवाले तमाम सवालों का खुद ही जवाब दे दिया, मुझे नहीं पता आप ये जानकारी किस आधार पर दे रहे हैं। मैने जो सवाल उठाया है, वो जनता के सामने है। जहां तक मीडिया का सवाल है, मीडिया ने उन्हें खूब कवरेज दिया, लेकिन जब देखा कि रामदेव की बातों में अंतर है, वो सरकार से कुछ बात कर रहे हैं और जनता में दूसरे तरह का भ्रम फैला रहे हैं, तब वहां से मीडिया हटी। मैने खुद कहा है कि रामलीला मैदान में जो लोग मौजूद थे, वो बेचारे ठगे गए थे, उन्हें रामदेव ने योग के नाम पर बुलाया था, उन पर लाठी चलाना बिल्कुल गलत था।

चलिए जब आप रामदेव के बारे मे तमाम जानकारी दे रहे हैं तो मुझे उनके ऊपर लगे इन सवालों का भी जवाब दे दीजिए।।.


http://aadhasachonline.blogspot.in/2012/07/blog-post_15.html

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

महेंद्र जी ,मैंने जो भी लिखा है वो अब तक जो देखा और समझा है उसी आधार पर दिया है ! रही बात आपनें जिस पोस्ट का जिक्र किया है उसमें से कुछ बातों के जबाब दे सकता हूँ और कुछ का जबाब मेरे पास भी नहीं है क्योंकि मुझे जो भी मालुम है वो कहीं ना कहीं से पता लगी हुयी जानकारियों के आधार पर ही है ! आपनें मीडिया का जिक्र किया है तो एक बात याद दिलाता हूँ शायद आपको भी याद हो ५ जून के बाद एक मीडिया चैनल नें एक समाचार में प्रसारित किया था जिसमें आचार्य बालकृष्ण जी को नेपाली नागरिक बताते हुए यहाँ तक दिखाया गया कि वो किस स्कुल में पढ़े थे ,कौनसा उनका घर था इत्यादि ,जिसका बाद में नेपाल सरकार नें आधिकारिक तौर पर ये कहते हुए खारिज किया था कि बालकृष्ण कभी नेपाली नागरिक रहे ही नहीं है ! इसके बावजूद उस चैंनल नें ना तो कभी उसके लिए खेद प्रकट किया और ना ही झूठ दिखाने के लिए जनता से माफ़ी मांगी ! मीडिया का यह रवैया सरकारी दबाव के कारण बदला था !

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

पूरण जी,
.................

आपसे आग्रह है कि आप सही बात को स्वीकार भी किया करें। बालकृष्ण नेपाली हैं, वो वाकई वही पैदा हुए और वहीं पढ़ाई भी की है। पढाई भी बेसिके शिक्षा स्तर की है। उनकी भारत में कोई पढ़ाई लिखाई नहीं हुई है। उनके पास जो भी शैक्षिक प्रमाण पत्र है, वो सच मे फर्जी हैं।

गलत प्रमाण पत्रो के आधार पर उन्होंने पासपोर्ट बनवाया था, उस मामले में भी उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है। पासपोर्ट कार्यालय से नोटिस जारी हो चुका है। उनके माता-पिता आज भी नेपाल में ही रहते हैं।

और हां नेपाली मूल का होने का खंडन तो बालकृष्ण भी नहीं कर रहे हैं। उनका कहना ये है कि वो लंबे समय से भारत में रह रहे हैं और नेपाली नागरिक अगर सात साल से ज्यादा भारत में रह लेता है, तो उसे यहां का नागरिक मान लिया जाता है। ऐसा उनके वकील का दावा है।

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

कारवाई तो बहुत से मामलों में चल रही है जिनका फैसला समय आने पर होगा और ज्यादातर कारवाइयां तो बदले कि भावना से प्रेरित होकर सरकार करवा रही है !
आभार !!

HARSHVARDHAN ने कहा…

बिल्कुल सटीक अवलोकन।।

घुइसरनाथ धाम - जहाँ मन्नत पूरी होने पर बाँधे जाते हैं घंटे।

अरुन अनन्त ने कहा…

आपकी यह रचना कल मंगलवार (बृहस्पतिवार (06-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

शानदार,बहुत उम्दा प्रस्तुति,,,लेकिन मै महेंद्र जी की बातों से ज्यादा सहमत हूँ,,,

RECENT POST: हमने गजल पढी, (150 वीं पोस्ट )

Shalini kaushik ने कहा…

baba ramdev ke bare me sabhi jante hain ki is aadmi ke pet me bahut lambi dadhi hai .

प्रवीण ने कहा…

.
.
.
पूरण खन्डेलवाल जी,

बालकृष्ण की डिग्रियाँ फर्जी होने की बात कह महेन्द्र श्रीवास्तव जी ने एक ऐसा सवाल उठाया है जो जवाब माँगता है पर आप भक्ति भाव में अदालती फैसला आने की बात कह उसे दरकिनार कर दे रहे हैं... यह बड़ी अजीब बात है...


...

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

प्रवीण जी ,
मैं कोई भी जबाब अंधभक्ति से ग्रसित होकर नहीं दे रहा हूँ बल्कि अपनी सोच के आधार पर दे रहा हूँ ! बाबा रामदेव जब भी बोलते हैं कांग्रेस के सीने पर सांप लौटते हैं इसलिए वो बाबा रामदेव को हर तरह से परेशान करने के लिए ही इस तरह के मामले जांच एजेन्सियों को हथियार बनाकर उठाये गए है ! और उनका फैसला तो अदालत ही तय करेगी ! याद कीजिये इसी सरकार नें अरविन्द केजरीवाल के पीछे आयकर विभाग को लगाया और गड़े मुर्दे उखाडकर नौ लाख रूपये उनसे भरवाकर उनकी शुचिता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया लेकिन वो अभी तक बाबा रामदेव के विरुद्ध कुछ ऐसा साबित नहीं कर पायी है ! और बाबा रामदेव आज भी कालेधन और भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनता को जागृत कर रहे हैं ! सरकारी एजेंसियों का दुरूपयोग करके आरोप तो लगाए जा सकते हैं लेकिन साबित तो तभी होगा जब वो अदालत में भी दोषी साबित होंगे !!
आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सहर्ष आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सहमत होना और ना होना आपका अधिकार है आदरणीय !!
सादर आभार !!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

सभी में तो में भी आता हूँ शालिनी जी ,लेकिन में ऐसा नहीं मानता !!
आभार !!

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

पूरण जी, सार्वजनिक मंच पर किसी भी बात को रखने से पहले सत्यता से अवगत होना जरूरी है। अरविंद केजरीवाल इतने कमजोर आदमी नहीं है कि सरकार का बकाया नहीं रहेगा तो भी वह भर देगें।
अरविंद खुद आयकर अधिकारी रहें हैं। सरकार ने गड़े मुर्दे नहीं उखाड़े, बल्कि अरविंद पर वाकई देनदारी थी।

कायदे से देखा जाए तो अरविंद ने सेवा की शर्तों का भी उलंघन किया है, ऐसे में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जानी चाहिए थी। इस पर बहुत बात हो सकती है।

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

महेंद्र जी , मेरे कहने का मतलब यह कतई नहीं था कि केजरीवाल दोषी नहीं थे बल्कि मैंने यह कहा है कि केजरीवाल दोषी थे इसीलिए सरकार नें उनसे वसूल कर लिया ! गड़े मुर्दे उखाड़ने से मेरा तात्पर्य यह था कि सरकार नें पहले इस और ध्यान नहीं दिया लेकिन जब उन्ही केजरीवाल नें सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला तो सरकार नें उनकी और ध्यान दिया और वाकायदा वसूल करके रही लेकिन वो अभी तक बाबा रामदेव के खिलाफ एड़ी चोटी का जोर लगाकर भी ऐसा कुछ कर नहीं पायी है !!

महेंद्र जी , बुरा ना मानें किन्तु इस पोस्ट पर आपकी बातों का इतना ही जवाब दे पाऊंगा और कोशिश करूँगा कि इस पर एक नयी पोस्ट अगले कुछ दिनों में लेकर आऊंगा और हो सकता है कि उसमें आपकी कुछ बातों का जवाब दे पाऊं ! इसके लिए मुझे कुछ समय कि आवश्यकता होगी !!
आभार !!

अभिमन्‍यु भारद्वाज ने कहा…

अनुपम, अद़भुद, अतुलनीय, अद्वितीय, निपुण, दक्ष, बढ़िया लेख
हिन्‍दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियॉ प्राप्‍त करने के लिये एक बार अवश्‍य पधारें
टिप्‍पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें
MY BIG GUIDE
नई पोस्‍ट
अब 2D वीडियो को देखें 3D में

Guzarish ने कहा…

puran ji namskaar main aapki baton se jyada sehmat hun bas itna kehna hai mahender sir ne jo kaha woh unka apna najriya ho sakta hai

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

आपका आभार सरिता जी !!