कल बेंगलुरु से नरेंद्र मोदी ने सरकार द्वारा सपनें के आधार पर खजाने की खुदाई करवाने को आधार बनाकर सरकार पर निशाना साधा और उसके बाद जो कांग्रेस का जबाब आया वो वाकई हास्यास्पद ही कहा जाएगा ! मोदी नें कहा था कि सरकार एक आदमी के सपनें को आधार बनाकर खुदाई करवा रही है लेकिन इससे कई गुना ज्यादा खजाना तो स्विस बैंकों में जमा है जिसको लानें में सरकार की दिलचस्पी क्यों नहीं दिखा रही है ! उनका कहना सत्य भी है क्योंकि यह खजाना तो ३००० करोड का ही है जबकि कालाधन लाखों करोड का है !
जिसके जबाब में कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी यह कहना कि "कालेधन को लेकर नरेंद्र मोदी के पास अगर जानकारियाँ है तो वो सरकार को देनी चाहिए ! सरकार उन पर भी कारवाई करेगी " उनको ही हंसी का पात्र बना दिया है और कांग्रेस की वो मंशा भी साफ़ हो गयी जो कालेधन को लेकर पहले भी कई बार जाहिर हो चुकी है ! वैसे रेणुका जी किन जानकारियों की बात कर रही है यह तो उनको बताना ही चाहिए ! तत्कालीन वितमंत्री और वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा कालेधन पर स्वेत पत्र लाया जा चूका है क्या उसका कोई महत्व कांग्रेस की नजर में है भी या नहीं ! वैसे भी उसमें कई बातों को गौण कर दिया गया था लेकिन जितनी जानकारियाँ उसमें थी उनके आधार पर कोई कारवाई क्यों नहीं हुयी !
कालेधन का मामला ऐसा तो है नहीं कि यह पहली बार मोदी नें ही उठाया है ! बाबा रामदेव इस मुद्दे पर लगातार २००४ से संघर्षरत है और कई बड़े बड़े आंदोलन सरकार की नाक के निचे दिल्ली में आयोजित कर चुके हैं ! देश भर में घूम घूम कर जनता को बता चुके हैं ! २७ फरवरी २०११ और ४ जून २०११ को दिल्ली में बड़े आंदोलनों को अंजाम दे चुके हैं जिसमें ४ जून वाले आंदोलन पर तो पुलिसिया कारवाई भी हुयी थी ! यह सब कांग्रेस को याद है कि नहीं और क्या उसको यह भी याद नहीं कि उसके चार चार मंत्री इसी कालेधन के मुद्दे पर बाबा रामदेव से बात करनें हवाईअड्डे तक गए थे ! फिर सरकार क्यों सोती रही क्यों नहीं कालेधन वाले मामले पर सरकार गंभीर दिखाई दी !
जिसके जबाब में कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी यह कहना कि "कालेधन को लेकर नरेंद्र मोदी के पास अगर जानकारियाँ है तो वो सरकार को देनी चाहिए ! सरकार उन पर भी कारवाई करेगी " उनको ही हंसी का पात्र बना दिया है और कांग्रेस की वो मंशा भी साफ़ हो गयी जो कालेधन को लेकर पहले भी कई बार जाहिर हो चुकी है ! वैसे रेणुका जी किन जानकारियों की बात कर रही है यह तो उनको बताना ही चाहिए ! तत्कालीन वितमंत्री और वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा कालेधन पर स्वेत पत्र लाया जा चूका है क्या उसका कोई महत्व कांग्रेस की नजर में है भी या नहीं ! वैसे भी उसमें कई बातों को गौण कर दिया गया था लेकिन जितनी जानकारियाँ उसमें थी उनके आधार पर कोई कारवाई क्यों नहीं हुयी !
कालेधन का मामला ऐसा तो है नहीं कि यह पहली बार मोदी नें ही उठाया है ! बाबा रामदेव इस मुद्दे पर लगातार २००४ से संघर्षरत है और कई बड़े बड़े आंदोलन सरकार की नाक के निचे दिल्ली में आयोजित कर चुके हैं ! देश भर में घूम घूम कर जनता को बता चुके हैं ! २७ फरवरी २०११ और ४ जून २०११ को दिल्ली में बड़े आंदोलनों को अंजाम दे चुके हैं जिसमें ४ जून वाले आंदोलन पर तो पुलिसिया कारवाई भी हुयी थी ! यह सब कांग्रेस को याद है कि नहीं और क्या उसको यह भी याद नहीं कि उसके चार चार मंत्री इसी कालेधन के मुद्दे पर बाबा रामदेव से बात करनें हवाईअड्डे तक गए थे ! फिर सरकार क्यों सोती रही क्यों नहीं कालेधन वाले मामले पर सरकार गंभीर दिखाई दी !