शुक्रवार, 25 नवंबर 2016

सरकार की नोटबंदी योजना में सुराख नजर आने लगे !!


सरकार नें नोटबंदी की जो योजना लागू की वो अच्छी तो थी जिसका लोगों नें स्वागत भी किया लेकिन अब सरकार की इस योजना में कई कमियां भी नजर आनें लगी है ! अगर सरकार नें इनकी तरफ ध्यान नहीं दिया तो फिर इतनी कवायद का कोई लाभ भी नहीं होने वाला है ! फिर ये योजना केवल और केवल जनता को परेशान करने वाली योजना ही बनकर रह जायेगी ! अब तक नोटबंदी की जो योजना अच्छी नजर आ रही थी अब उसमें कई सुराख भी नजर आनें लगे हैं !

अभी कल ही दिल्ली में सताईस लाख रूपये के नए नोट पकडे गए हैं तो ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि आम जनता को जब बड़े पैमाने पर नए नोट दिए ही नहीं जा रहे हैं तो इन लोगों को इतनें रूपये नए नोटों में कहाँ से मिल गए ! नए नोट बैंको और डाकघरों के जरिये ही जनता तक पहुंचाए जा रहें हैं तो जाहिर है जिनको लाखों की संख्या में नए नोट मिले हैं वो बैंकों या डाकघरों के जरिये ही मिले होंगे ! और इससे पहले भी इस तरह के एक दौ मामले सामनें आये थे जो इतने बड़े नहीं थे ! ऐसे में यह बात तो निकलकर सामनें आ ही रही है कि कुछ बैंककर्मियों नें कोई सुराख तो खोज ही लिया है ! 

देश के कुछ क्षेत्रों के लोगों को आयकर से छुट मिली हुयी है जिसका फायदा भी पुरानें नोटों को नए नोटों में बदलने के लिए उठाया जा रहा है ! अभी हाल ही में साढे तीन करोड़ के पुरानें नोटों का जो मामला सामनें आया उससे तो यही लग रहा है ! सरकार को सोचना चाहिए कि जो मामले सामनें आते हैं वो तो एक बानगी भर होती है असल में तो ऐसे मामले बहुतायत में होते हैं जो पकड़ में नहीं आते ! 

शनिवार, 19 अक्तूबर 2013

कालेधन पर मोदी का सवाल और कांग्रेस का जबाब !!

कल बेंगलुरु से नरेंद्र मोदी ने सरकार द्वारा सपनें के आधार पर खजाने की खुदाई करवाने को आधार बनाकर सरकार पर निशाना साधा और उसके बाद जो कांग्रेस का जबाब आया वो वाकई हास्यास्पद ही कहा जाएगा ! मोदी नें कहा था कि सरकार एक आदमी के सपनें को आधार बनाकर खुदाई करवा रही है लेकिन इससे कई गुना ज्यादा खजाना तो स्विस बैंकों में जमा है जिसको लानें में सरकार की दिलचस्पी क्यों नहीं दिखा रही है ! उनका कहना सत्य भी है क्योंकि यह खजाना तो ३००० करोड का ही है जबकि कालाधन लाखों करोड का है !

जिसके जबाब में कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी यह कहना कि "कालेधन को लेकर नरेंद्र मोदी के पास अगर जानकारियाँ है तो वो सरकार को देनी चाहिए ! सरकार उन पर भी कारवाई करेगी " उनको ही हंसी का पात्र बना दिया है और कांग्रेस की वो मंशा भी साफ़ हो गयी जो कालेधन को लेकर पहले भी कई बार जाहिर हो चुकी है ! वैसे रेणुका जी किन जानकारियों की बात कर रही है यह तो उनको बताना ही चाहिए ! तत्कालीन वितमंत्री और वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा कालेधन पर स्वेत पत्र लाया जा चूका है क्या उसका कोई महत्व कांग्रेस की नजर में है भी या नहीं ! वैसे भी उसमें कई बातों को गौण कर दिया गया था लेकिन जितनी जानकारियाँ उसमें थी उनके आधार पर कोई कारवाई क्यों नहीं हुयी !

कालेधन का मामला ऐसा तो है नहीं कि यह पहली बार मोदी नें ही उठाया है ! बाबा रामदेव इस मुद्दे पर लगातार २००४ से संघर्षरत है और कई बड़े बड़े आंदोलन सरकार की नाक के निचे दिल्ली में आयोजित कर चुके हैं ! देश भर में घूम घूम कर जनता को बता चुके हैं ! २७ फरवरी २०११ और ४ जून २०११ को दिल्ली में बड़े आंदोलनों को अंजाम दे चुके हैं जिसमें ४ जून वाले आंदोलन पर तो पुलिसिया कारवाई भी हुयी थी ! यह सब कांग्रेस को याद है कि नहीं और क्या उसको यह भी याद नहीं कि उसके चार चार मंत्री इसी कालेधन के मुद्दे पर बाबा रामदेव से बात करनें हवाईअड्डे तक गए थे ! फिर सरकार क्यों सोती रही क्यों नहीं कालेधन वाले मामले पर सरकार गंभीर दिखाई दी !