मोदी के बयानों पर जिस तरह से बयानबाजी हो रही है उससे लगता है कि साम्प्रदायिकता की आड़ में कांग्रेस अपनी नाकामियों को छुपाना चाहती है ! मोदी जिन मुहावरों और जुमलों का प्रयोग कर रहें हैं उन्ही का सहारा लेकर कोंग्रेस के तमाम नेता उन पर हमलावर हो रहें है ! और उन्ही जुमलों का सहारा लेकर कांग्रेस मुसलमानों के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है !
मोदी लगातार अपनें बयानों में कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं और उसकी नीतियों पर और यूपीए सरकार की नाकामियों पर बरस रहे हैं लेकिन कांग्रेस उसका जबाब देने की बजाय वो जुमलों के शब्दों को पकड़कर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने की कोशिश कर रही है ! दरअसल कांग्रेस के पास मोदी की बातों के जबाब में कुछ कहनें को है नहीं क्योंकि यूपीए सरकार के माथे पर नाकामियों के इतने दाग लगे हुए है कि उससे कुछ कहते नहीं बन रहा है ! भ्रष्टाचार के इतनें मामले इस सरकार के शासनकाल में हुए है कि अब देश कोंग्रेस की इमानदारी को ही संदिग्ध मानने लग गया है ! हालत यह हो गयी कि सर्वोच्च न्यायालय तक को सरकार पर भरोसा नहीं रहा और टूजी घोटाले और कोयला घोटाले की जांच को अपनी निगरानी में ही करवाना उचित समझा !
घोटालों की जांच करने वाली एजेंसी सीबीआई को सरकार नें पालतू तोते की तरह इस्तेमाल करके उसकी विश्वनीयता को तार तार करनें में कोई कसर नहीं छोड़ी ! सरकार और उसके नेताओं नें केग जैसी सवैधानिक संस्था पर प्रहार करनें और उसकी विश्वनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाकर उसको कठघरे में खड़ा करनें की कोशिशें की गयी लेकिन जब टूजी पर फैसका सर्वोच्च न्यायालय नें दिया तो केग की रिपोर्ट पर मुहर लग गयी और सरकार की विश्वनीयता और प्रतिष्ठा दोनों रसातल में चली गयी !
महंगाई लोगों के प्राण निकाल रही है और सरकार उस पर लगाम लगाने के बजाय हर महीने पेट्रोल डीजल के दाम बढाकर उसको बढ़ा ही रही है ! राजकोषीय घाटे को कम करनें के नाम पर सब्सिडी को धीरे धीरे कमाती ही जा रही है जिसके कारण जनता की मुश्किलें बढती ही जा रही है ! लेकिन उसी राजकोषीय घाटे को कम करनें की कोशिश में मंत्रियों की शाही शानो शौकत और विदेश दौरों में कोई कमी नहीं हो रही और केवल जनता उसको भुगत भी रही है और देख भी रही है ! अर्थव्यवस्था लगातार चरमराती ही जा रही है और सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लानें के नाम पर देश के धंधे विदेशी कंपनियों के हवाले करके देश की अर्थव्यवस्था को विदेशी हाथों में सौंप रही है !
कालेधन को लेकर सरकार पर तमाम तरह के आरोप सरकार पर लगते ही आ रहें है और कालेधन से जुड़े लोगों के विरुद्ध कारवाई करना तो दूर उल्टा सरकार उनको बचानें में लगी रही और सरकार के इस अडियल रुख को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय तक को कहना पड़ा कि क्यों ना सुप्रीम कोर्ट एक जांच समिती का गठन कर दे जिसके ऊपर सरकार का नियंत्रण ना हो तब जाकर सरकार नें एक समिति का गठन किया लेकिन उसकी हालत भी नौ दिन चले अढाई कोस वाली ही है और इस देरी की वजह से कालेधन के ठिकाने तक बदल गये और सरकार तो यही चाहती थी !
दरअसल इस सरकार के नाम नाकामियों की फेरहिस्त इतनी लंबी है कि खत्म होनें का नाम ही नहीं लेती है ! कांग्रेस के पास उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जानें के नाम पर कुछ भी नहीं है ! इसीलिए कांग्रेस को रौशनी की किरण खाध सुरक्षा बिल और सांप्रदायिक मुद्दों में ही नजर आती है ! और यही कारण है कि वो मोदी की हर बात को सांप्रदायिक रंग देनें की कोशिश करती है ताकि उसकी नाकामियों पर पर्दा पड़ जाये !
25 टिप्पणियां :
congress jo kar rahi hai vah to sabhi dal karte hain kintu modi jo kar rahe hain vah birle hi karte hain aur ve keval kar rahe hain asabhyata kee hade par .par ye aap mat kahiyega .
सुन्दर प्रस्तुति ....!!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बृहस्पतिवार (18-07-2013) को में” हमारी शिक्षा प्रणाली कहाँ ले जा रही है हमें ? ( चर्चा - 1310 ) पर भी होगी!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सही लिखा आपने पूरण जी।
शालिनी जी , में जो देख रहा हूँ वही कह रहा हूँ !
आभार !!
सहर्ष सादर आभार आदरणीय !!
आभार मनोज जी !!
नाकारी सरकार से, गिरते अन्धे-कूप |
आई है नाकामियाँ, धरकर नाना रूप |
धरकर नाना रूप, आज फिर नानी मरती |
घटती जाए ग्रोथ, नहीं मँहगाई थमती |
मोदी सत्य उवाच, हदें तोड़ें ये सारी |
अबकी मौका पाय, हटा सत्ता नाकारी ||
रविकर जी संग सहमत!!
बहुत ही सार्थक आलेख,धन्यबाद।
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवारीय चर्चा मंच पर ।।
आभार !!
आदरणीय , मेरा यह आलेख चर्चामंच (बृहस्पतिवार -१८.०७.२०१३ ) पर स्थान पा चूका है इसलिए दुबारा शुक्रवार को इसको लगाना मुझे उचित प्रतीत नहीं हो रहा है ! शेष आपकी इच्छा शिरोधार्य !
सादर आभार !!
मुझे आप के ब्लौग पर आना बहुत अच्छा लगता है... शायद मैं टिप्पणी न दे पाता हूं... आप सत्य लिखते हैं...
सुंदर आलेख...
एक नजर इधर भी...
यही तोसंसार है...
बिल्कुल सटीक.
रामराम.
गिरावट की इंतिहा, आम नागरिक के पास उम्मीद रखने के अलावा कुछ बचा ही नहीं है।
आपका आभार ! टिप्पणी की तो कोई बात नहीं है में भी कई ब्लोगों पर जाता हूँ और टिपण्णी तो कुछ पर देता हूँ और कुछ पर नहीं देता हूँ !
आभार ताऊ !!
राम राम !!
सही कहा है आपनें !!
सादर आभार !!
जी शालिनी जी , सही कह रही हैं आप ! सभ्यता तो सिर्फ कौंग्रेस का ट्रेड मार्क है ! आज जो ये ह्त्या , लूट, बलात्कार, मासूम बच्चों के भोजन में जहर, घोटाले इत्यादि की सभ्यता हम देख रहे है यह महान सभ्यता सिर्फ पिछले ६५ सालों के कॉग्रेस राज में ही उत्पन्न हुई ! किन्तु आप मत कहियेगा ये क्योंकि सच बोलने के हिम्मंत हिन्दुस्तानियों में कम ही पाई जाती है, अगर प्रचुर मात्रा में पाई जाती तो ३-३ गुलामियाँ ही क्यों झेलता यह देश ?
एकदम सही बात...उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
मूल्यहीनता की पराकाष्ठा और सत्ता का दुरुपयोग !
आभार !!
सादर आभार !!
पूरे देश की बात है सहमति है
और आपने कही भी सही है
पर देश के अंदर छोटे देशों
में सब कुछ सही नहीं है
देश को मोदी हम दिखाते हैं
काम हमारे लेकिन काँग्रेसी
ही तो कराते है :)))))
आभार !!
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