रविवार, 10 अगस्त 2014

मोटापे से छुटकारा पाने का घरेलु उपाय !!

आज के समय में कई लोग मोटापे से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं ! वैसे तो मोटापे से मुक्ति पाने के लिए कई उपाय आयुर्वेद में बताए गए हैं जिनमें से कुछ का उल्लेख मैनें अपनी एक पोस्ट "मोटापा घटाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय" में कर चूका हूँ ! लेकिन ऐसा भी देखा गया है कि हर उपाय अथवा हर नुस्खा अलग अलग व्यक्तियों पर समान रूप से कारगर नहीं होता है ! कुछ को उससे पूर्णतयाः लाभ होता है तो कुछ को आंशिक लाभ होता है और कुछ व्यक्तियों को उससे कोई भी लाभ नहीं होता है ! आयुर्वेद के सभी उपचार निरापद होते हैं इसीलिए इनसे फायदा हो या ना हो लेकिन नुकशान तो कतई नहीं होता है ! आज में आपके सामने मोटापे से छुटकारा दिलाने वाला एक नया उपाय बता रहा हूँ जो फायदेमंद भी है और निरापद भी और इसमें शामिल सामग्री हर घर में सुलभता से मिलने वाली है !

सामग्री :-
१. मैथी - २५० ग्राम ( 250 Gram)
२. अजवायन -१०० ग्राम ( 100 Gram )
३. कालाजीरी - ५० ग्राम ( 50 Gram )

बुधवार, 9 अक्तूबर 2013

हदय शक्तिवर्धक (Heart Tonic ) किशमिश और दूध !!

जिनकी दिल की धडकन और नब्ज ज्यादा तेज चलती हो उनके लिए आज एक छोटा सा आयुर्वेदिक नुस्खा बता रहा हूँ जिसको प्रयोग करनें से दिल की धडकन और नब्ज दोनों ही सामान्य हो जाती है ! 

प्रात: २५० ग्राम दूध में १० ग्राम किशमिश और एक चम्मच मिश्री डालकर उबालें ! उबालने के बाद किशमिश को खाकर दूध को पी लें ! इसको नित्य प्रात: १५ दिन तक लेना है ! दिल की धड़कन और तेज नब्ज को सामान्य करनें में प्रभावशाली यह हदय शक्तिवर्धक है !!
( ध्यान दें : कृपया मधुमेह के रोगी इस नुस्खे को ना आजमायें !!)

शुक्रवार, 27 सितंबर 2013

नाभि अथवा नाभिचक्र का टलना और उसका परिक्षण करना !!

मानव शरीर में स्थित बहतर हजार नाड़ियों का उदगम केन्द्र " नाभिचक्र" का योग और आयुर्वेद में बड़ा महत्व है ! नाभिमण्डल हमारे स्वास्थ्य का संतुलन करता है ! हमारे शरीर में नाभिचक्र का अपनें स्थान पर रहना अंत्यत आवश्यक है लेकिन कई बार भार उठाते समय अथवा चलते समय झटका लगने से हमारे शरीर का नाभिचक्र अपनें स्थान से हिल जाता है जिसे हम नाभि टलना कहते हैं ! नाभि टलने से पेट में गडगडाहट ,पेटदर्द ,दस्त लगने जैसी शुरूआती समस्याएं आ सकती है लेकिन लंबे समय तक नाभि का टले रहना कई अन्य समस्याओं को भी जन्म दे सकता है ! चिकित्सा की सफलता के लिए भी नाभिचक्र का अपनें स्थान पर होना बहुत जरुरी है लेकिन आधुनिक चिकित्सक नाभि परिक्षण नहीं करते हैं !  इसीलिए नाभि का परिक्षण कर लेना चाहिए और नाभि परिक्षण की कुछ विधियां हमारे यहाँ परम्परागत रूप से चली आ रही है जो में आपके सामने रख रहा हूँ ! 

आप खुद नाभि परिक्षण सही तरीके से नहीं कर सकते इसलिए नाभि परिक्षण करनें के लिए आपको अन्य व्यक्ति की सहायता लेनी होगी और नाभि परिक्षण खाली पेट ही करें !

( १ ) पहली विधि : जिसका नाभि परिक्षण किया जाना है उसको पीठ के बल सुलाकर हाथों को बगल में रखते हुये तथा दोनों टाँगे सीधी रखते हुये पैर के अगूंठे मिलाने को कहे ! यदि नाभि टली होगी तो पैर के अंगूठे छोटे बड़े मालुम होंगे और अगर नाभि सही जगह पर होने की स्थति में दोनों पैरों के अंगूठे समान होंगे !

( २ ) दूसरी विधि : नाभि से दायें और बाएं स्तनों की घुंडी का अंतर समान होता है ! इसलिए जिसका परिक्षण करना है उसको पीठ के बल सीधा सुला दें और एक धागा लेकर एक सिरा नाभि के बीचोंबीच रखे और दूसरे सिरे को  दोनों स्तनों की घुंडी तक ले जाएँ ! अगर धागे का दूसरा सिरा स्तनों की घुंडी पर एक समान रहता है तो नाभि अपनीं सही जगह पर है और अगर उसमें फर्क रहता है तो नाभि अपनें स्थान से खिसकी हुयी है ! इस परिक्षण के लिए खाली पेट होना जरुरी नहीं है लेकिन यह विधि केवल पुरुषों के लिए ही उपयुक्त है !

रविवार, 19 मई 2013

शुगर ( Diabetes ) को दूर भगाए इस घरेलु आयुर्वेदिक उपचार से !!

डाइबिटीज अथवा शुगर ( मधुमेह )एक ऐसी बीमारी है जो किसी को एक बार हो जाए तो लगातार एलोपेथिक दवाइयां लेनी पड़ती है और उसके बाद भी उससे छुटकारा दिला पाने में ये दवाइयां नाकाम रहती है ! आज में आपके सामने शुगर के लिए ऐसा आयुर्वेदिक नुस्खा लेकर आया हूँ जो आपको शुगर से निजात दिला सकता है और इसको घर पर तैयार किया जा सकता है ! जो बिलकुल सस्ता भी है ! घरेलु आयुर्वेदिक उपचार होने के कारण किसी तरह के नुकशान की कोई सम्भावना भी नहीं है ! आशा करता हूँ कि इस आयुर्वेदिक नुस्खे का प्रयोग करने वाले अपना अनुभव रूपी प्रतिक्रिया अवश्य देंगे ताकि अन्य लोग भी इसको आजमाने के लिए प्रेरित होंगे ! एक बात और यह केवल दो सप्ताह का हि उपचार है उसके बाद इसकी आवश्यकता नहीं है !

आवश्यक वस्तुएं :-
१. गेहूं का आटा                  -             १०० ग्राम 
२.वृक्ष से निकली गोंद        -             १०० ग्राम 
३.जौ                                 -             १०० ग्राम 
४.कलौंजी                         -              १०० ग्राम 

निर्माण विधि :-
उपरोक्त सभी सामग्री को पांच कप पानी में डालकर आग पर दस मिनट उबालें ! उसके पश्चात उसको नीचे उतारकर अपने आप ठंडा होने के लिए रख दें ! तत्पश्चात इस पानी को छानकर किसी बोतल या जग में सुरक्षित रख लें ! 

रविवार, 7 अप्रैल 2013

पेट दर्द से आराम के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे !!


गलत खान पान अथवा अपच के कारण होने वाले पेट दर्द के लिए आयुर्वेद में कुछ नुस्खे बताए गये हैं ! जिनका अगर प्रयोग किया जाए तो पेट दर्द कि परेशानी से बचा जा सकता है ! हालांकि इस तरह के पेट दर्द के लिए आज भी हमारे घरों में आयुर्वेदिक नुस्खे काम में लाये जाते हैं और उनसे आराम भी मिलता है ! ऐसे ही कुछ नुस्खे आपको बता रहा हूँ :- 
१.       अदरक और लहसुन को बराबर कि मात्रा में पीसकर एक चम्मच कि मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से पेट दर्द में लाभ मिलता है !
२.      एक ग्राम काला नमक और दो ग्राम अजवायन गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट दर्द में लाभ मिलता है !
३.      अमरबेल के बीजों को पानी से पीसकर बनाए गये लेप को पेट पर लगाकर कपडे से बाँधने से गैस कि तकलीफ,डकारें आना,अपानवायु न निकलना,पेट दर्द और मरोड़ जैसे कष्ट दूर हो जाते हैं !
४.     सौंठ,हींग और कालीमिर्च का चूर्ण बराबर कि मात्रा में मिलाकर एक चम्मच कि मात्रा में गर्म पानी के साथ लेने से पेट दर्द में तुरंत आराम मिलता है !
५.     जटामांसी,सौंठ,आंवला और काला नमक बराबर कि मात्रा में पीस लें और एक एक चम्मच कि मात्रा में तीन बार लेने से भी पेट दर्द से राहत मिलती है !
६.      जायफल का एक चौथाई चम्मच चूर्ण गर्म पानी के साथ सेवन करने से भी पेट दर्द में आराम पहुँचता है !
७.     पत्थरचट्टा के दो तीन पत्तों पर हल्का नमक लगाकर या पत्तों के एक चम्मच रस में सौंठ का चूर्ण मिलाकर खिलाने से पेट दर्द से राहत मिलती है !
८.      सफ़ेद मुसली और दालचीनी को समभाग में मिलाकर पीस लें ! एक चम्मच कि मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से २-३ खुराक में ही पूरा आराम मिल जाता है !