भारत सरकार का ढुलमुल रवैया हर बार की तरह इस बार भी
दिखाई दिया और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का यह निजी दौरा होने के बावजूद भारतीय
विदेश मंत्री का वहाँ जाना और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भोज में शामिल होना भारत
सरकार के रवैये पर कई तरह के प्रश्नचिन्ह लगा रहा है ! अगर यह पाकिस्तानी
प्रधानमंत्री का निजी दौरा था तो किसी भी भारतीय मंत्री को वहाँ जाने कि क्या
आवश्यकता थी ! वो भी उस हालत में जब हर भारतवासी के सीने में पाकिस्तानी सेना
द्वारा दिए गए घाव नासूर कि तरह चुभ रहें है !
भारत सरकार नें ऐसे समय में लचीला रुख दिखाया है जब
उसे कड़ा रुख अपनाना चाहिए था और वैसे भी इतने दिन गुजर जाने के बावजूद भारत सरकार पाकिस्तान
को कड़ा सन्देश देने में विफल रही है और अब इस रुख के बाद सरकार पर सवाल उठना लाजमी
है कि क्या पाकिस्तान के प्रति सरकार का रुख इस देश की जनता कि भावनाओं के बिलकुल
उलट है क्योंकि भारतीय जनमानस के अंदर अभी पाकिस्तान को लेकर गुस्सा है लेकिन
सरकार के रुख को देखकर ऐसा कतई नहीं लगता कि उसके अंदर पाकिस्तान को लेकर गुस्सा
है बस वो तो जनता के गुस्से को देखते हुए अपने लचीले रुख को छुपाने कि कोशिश भर कर
रही है !
भारत सरकार पाकिस्तान को किसी भी तरह का स्पष्ट
सन्देश देने में विफल रही है ! ऐसे समय में दरगाह दीवान नें पाकिस्तान के
प्रधानमन्त्री को जियारत नहीं करवाकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का ना केवल विरोध
किया बल्कि पाकिस्तान को एक कड़ा सन्देश देने कि कोशिश भी की है ! यह एक महत्वपूर्ण
घटना है क्योंकि दरगाह दीवान हि ऐसे लोगों को ख्वाजा गरीब नवाज कि जियारत करवाते
हैं लेकिन इस बार दरगाह दीवान नें ऐसा नहीं करके पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को कड़ा
सन्देश तो दिया हि साथ हि देश की जनता के मन में भी अपने लिए सम्मान जगाया जिसके
लिए दरगाह दीवान निश्चय हि प्रशंसा के पात्र तो है हि इसमें कोई संदेह नहीं है !
19 टिप्पणियां :
sach kaha hai aapne .mahashivratri ki hardik shubhkamnayen
.एक एक बात सही कही है आपने ."महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें" आभार मासूम बच्चियों के प्रति यौन अपराध के लिए आधुनिक महिलाएं कितनी जिम्मेदार? रत्ती भर भी नहीं .
उत्कृष्ट प्रस्तुति
शुभकामनायें आदरणीय -
हर हर बम बम -
लटके झटके पाक हैं, पर नीयत नापाक |
ख्वाजा के दरबार में, राजा रगड़े नाक |
राजा रगड़े नाक, जियारत अमन-चैन हित |
हरदम हावी फौज, रहे किस तरह सुरक्षित |
बोल गया परवेज, परेशां पाकी बटके |
सिर पर उत तलवार, इधर कुल मसले लटके ||
महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
श्री ग़ाफ़िल जी आज शिव आराधना में लीन है। इसलिए आज मेरी पसंद के लिंकों में आपका लिंक भी सम्मिलित किया जा रहा है।
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (11-03-2013) के हे शिव ! जागो !! (चर्चा मंच-1180) पर भी होगी!
सूचनार्थ!
आभार !!
आभार !!
आभार मान्यवर !!
आपको भी महाशिवरात्रि कि हार्दिक शुभकामनायें !!
आभार !!
जो विदेश मंत्री का फ़र्ज़ था वोह उन्होंने बखूबी निभाया और जो दरगाह के पदाधिकारियों का फ़र्ज़ था वोह उन्होंने इस यात्रा का बहिष्कार करके अच्छे से निभाया... दोनों ने अपने-अपने ओहदों के मुताबिक अच्छा काम किया....
जब किसी मुल्क का प्रधानमंत्री हमारे देश में आता है तो कुछ रस्में तो ना चाहते हुए भी निभानी पड़ती है। हम भारतीय हैं पाकिस्तानी नहीं!
आभार आदरणीय !!
शाह नवाज जी , पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की यह निजी यात्रा थी इसलिए इस तरह का कोई प्रोटोकोल लागू नहीं होता है अगर यही यात्रा आधिकारिक होती तो आपका कहना सही होता लेकिन निजी यात्रा के लिए कोई प्रोटोकोल लागू नहीं होता !
बात सही लिखी आपने यह सरकार तो हर मामले में फेल है।
dargaah deewan achhe hain to we achhe bane rahen.
unhe kisi ki nazar n lage.
सही कहा आपने !!
आभार !!
राजेन्द्र कुमार
राजेन्द्र कुमार जी एक टिप्पणी भूलवश हट गयी थी जिसके लिए में क्षमाप्रार्थी हूँ ! उनकी टिप्पणी को में फिर से प्रकशित कर रहा हूँ उनकी यह टिप्पणी में पुन:प्रकाशित कर रहा हूँ जो उनकी हि टिप्पणी है !!
"सार्थक आलेख.महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ! "
कोई तो हुआ
आभार !!
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